IPS पूरन कुमार की मौत पर बवाल, 6 दिन बाद भी पोस्टमार्टम नहीं, DGP हटाने की मांग, परिवार ने दी आंदोलन की चेतावनी
सुसाइड या शहादत? IPS पूरन कुमार की मौत ने उठाए गंभीर सवाल
हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध हालात में हुई मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित उनके सरकारी आवास में उनका शव मिला था। पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया, लेकिन परिवार और दलित संगठनों का दावा है कि यह साजिशन हत्या है, जिसे ‘शहादत’ बताया जा रहा है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अब यह सिर्फ एक जांच का विषय नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष का केंद्र बन गया है।
चंडीगढ़ में बुलाई गई महापंचायत, गरमाया माहौल
रविवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित गुरु रविदास मंदिर में एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें दलित समाज से जुड़े सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। महापंचायत का उद्देश्य था न्याय की मांग और सरकार पर दबाव बनाना ताकि IPS पूरन कुमार की मौत के पीछे की सच्चाई सामने लाई जा सके। इस महापंचायत में पूरन कुमार को आत्महत्या करने वाला नहीं बल्कि ‘शहीद’ करार दिया गया।
महापंचायत में बवाल, राजकुमार सैनी के बयान से मचा हंगामा
लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने मंच से कहा कि “महर्षि वाल्मीकि ब्राह्मण थे।” इस बयान से उपस्थित भीड़ भड़क उठी और महापंचायत का माहौल गरमा गया। लोगों ने इसे दलित समाज के अपमान के रूप में लिया और जमकर विरोध किया। मंच से भीड़ की हूटिंग और नाराजगी ने आयोजन को असहज स्थिति में ला दिया। हालांकि आयोजकों ने माहौल को शांत करने की कोशिश की।
6 दिन बाद भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम, परिवार का सख्त विरोध
पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम अब तक नहीं हो पाया है। परिवार इस पर सहमति नहीं दे रहा है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे शव का पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे। परिवार की इस सख्त रुख के चलते अब तक शव मोर्चरी में रखा हुआ है। उनका सीधा आरोप है कि पुलिस प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है।
SC/ST एक्ट में बदली गई धारा, बढ़ा गंभीरता का स्तर
इस मामले में शुरू में चंडीगढ़ पुलिस ने अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)(r) लगाई थी, जो अधिकतम 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान देती है। लेकिन लगातार बढ़ते दबाव के चलते पुलिस ने अब इसमें संशोधन करते हुए धारा 3(2)(v) लगा दी है, जिसमें दोषी पाए जाने पर उम्रकैद की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है। यह बदलाव दिखाता है कि मामला कितना गंभीर होता जा रहा है।
IAS पत्नी के घर मीटिंग, जांच का नया मोड़
पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार खुद एक IAS अधिकारी हैं। उनकी सेक्टर-11 स्थित कोठी में दो सीनियर IAS अधिकारियों के साथ एक अहम मीटिंग हुई, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि परिवार अब इस मुद्दे को प्रशासनिक और न्यायिक स्तर पर ले जाने की रणनीति बना रहा है। यह मीटिंग इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इससे मामले में नया मोड़ आ सकता है।
हरियाणा सरकार और पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी का कहना है कि सरकार परिवार के संपर्क में है और उनकी हर मांग को पूरा किया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि परिवार की मांग पर रोहतक SP को हटाया जा चुका है और उन्हें नई पोस्टिंग भी नहीं दी गई है। लेकिन इसके बावजूद परिवार का आरोप है कि सरकार महज दिखावे की कार्रवाई कर रही है, असली जिम्मेदारों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
DGP शत्रुजीत कपूर को हटाने की मांग तेज
महापंचायत में बड़ा फैसला लेते हुए हरियाणा के मौजूदा DGP शत्रुजीत कपूर को 48 घंटे के भीतर हटाने का अल्टीमेटम सरकार को दिया गया है। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि तय समयसीमा में DGP को पद से नहीं हटाया गया तो दलित समाज के लोग पूरे राज्य में उग्र आंदोलन करेंगे और सड़कों पर उतरेंगे। इससे हरियाणा सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
गुलाबचंद कटारिया को सौंपा जाने वाला ज्ञापन रोका गया
महापंचायत के बाद लोगों ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया को ज्ञापन सौंपने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इसके चलते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई। लोगों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया और कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
‘मामला सुलझ जाएगा’ बयान पर उठे सवाल
हरियाणा सरकार के मंत्री कृष्ण बेदी ने दावा किया कि “रविवार शाम तक मामला सुलझ जाएगा।” इस बयान ने नए सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या सरकार को पहले से पता है कि मामला कैसे सुलझेगा? क्या यह महज जनता को शांत करने की कोशिश है या वाकई किसी सुलह की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है? इन सवालों ने आम लोगों और मीडिया के बीच नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
दलित समाज का ऐलान: न्याय तक संघर्ष जारी रहेगा
पूरा दलित समाज इस मामले को लेकर एकजुट नजर आ रहा है। महापंचायत में ऐलान हुआ कि जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष और आंदोलन जारी रहेगा। लोग इसे सिर्फ एक IPS अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि पूरे समाज के सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं।

.jpg)
0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।