पंजाब के सरहिंद स्टेशन के पास गरीब रथ एक्सप्रेस में लगी भीषण आग, एसी कोच में शॉर्ट सर्किट से उठे धुएं में फंसे यात्री बाल-बाल बचे।
ट्रेन में सुबह-सुबह मची अफरातफरी, 19 नंबर एसी बोगी से उठने लगा धुआं
शनिवार सुबह पंजाब के सरहिंद स्टेशन के पास उस समय अफरातफरी मच गई जब दिल्ली जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस की एक एसी बोगी में अचानक आग लग गई। यह हादसा सुबह करीब 7:30 बजे हुआ, जब ट्रेन संख्या 12204 (अमृतसर-सहरसा गरीब रथ एक्सप्रेस) सरहिंद जंक्शन को पार कर रही थी। उस समय ट्रेन की 19 नंबर एसी बोगी में तेज धुआं उठता नजर आया, जिससे कोच में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया।
धुएं की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कुछ ही पलों में पूरी बोगी घने धुएं से भर गई। लोग चिल्लाने लगे और इधर-उधर भागने लगे। ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने बताया कि बोगी के इलेक्ट्रिक पैनल से चिंगारी निकलने के बाद अचानक धुआं उठा और आग की लपटें दिखने लगीं। बोगी में लुधियाना के कई यात्री सवार थे जो दिल्ली जा रहे थे।
लोको पायलट की सतर्कता ने बचाई सैकड़ों यात्रियों की जान
ट्रेन की एसी बोगी में आग की जानकारी मिलते ही लोको पायलट ने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया और रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दी। लोको पायलट और ट्रेन गार्ड की तत्परता से आग को बढ़ने से पहले ही नियंत्रण में लाने की कोशिश शुरू हो गई।
बोगी में सवार यात्रियों को तुरंत ट्रेन से नीचे उतारने के निर्देश दिए गए। कई यात्रियों ने अपनी जान बचाने के लिए सामान तक छोड़ दिया और किसी तरह धुएं और आग की लपटों से खुद को दूर किया। अफरातफरी के बीच कुछ यात्रियों को हल्की चोटें भी आईं, लेकिन रेलवे ने अब तक किसी गंभीर घायल या हताहत की पुष्टि नहीं की है।
मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड, एक घंटे की मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू
रेलवे और स्थानीय प्रशासन को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। दमकल कर्मियों ने करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया। कोच से धुआं निकालने और ठंडा करने के बाद सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अंदर न फंसा हो।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी, लेकिन इसकी जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है। किसी प्रकार की लापरवाही या रखरखाव की चूक सामने आती है तो संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे कर्मचारियों और टीटीई ने दिखाई समझदारी, स्थिति पर पाया नियंत्रण
हादसे के तुरंत बाद ट्रेन स्टाफ, टीटीई और ऑन ड्यूटी गार्ड ने स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यात्रियों को दूसरे सुरक्षित कोचों में शिफ्ट किया गया और उन्हें प्राथमिक सहायता भी उपलब्ध कराई गई। रेलवे ने सभी यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था भी कर दी थी।
रेलवे ने घटना के बाद इस बोगी को ट्रेन से अलग कर दिया और ट्रेन को फिर से दिल्ली की ओर रवाना किया गया। यात्रियों के लिए पेयजल, नाश्ते और प्राथमिक सहायता की सुविधा सुनिश्चित की गई। साथ ही रेलकर्मियों ने यात्रियों की मानसिक स्थिति को देखते हुए उन्हें शांत करने का प्रयास भी किया।
शॉर्ट सर्किट बना हादसे की वजह, रेलवे ने जांच के दिए आदेश
उत्तर रेलवे अंबाला मंडल के डीआरएम के अनुसार, यह हादसा एसी कोच के इलेक्ट्रिक पैनल में आए शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ। हालांकि इस बात की पुष्टि के लिए टेक्निकल टीम को मौके पर भेजा गया है और विस्तृत तकनीकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण की जानकारी मिलेगी।
रेलवे ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं। सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जा रही है और अन्य ट्रेन कोचों की भी इमरजेंसी चेकिंग की जा रही है ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो।
राहत की बात: नहीं गई कोई जान, यात्रियों ने जताया संतोष
सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी भी यात्री की जान नहीं गई। हालांकि कई लोगों का सामान जल गया या घबरा कर ट्रेन में ही छूट गया, लेकिन जान बचने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। कई यात्रियों ने ट्रेन के कर्मचारियों की तारीफ करते हुए कहा कि अगर समय पर इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाया गया होता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
कुछ यात्रियों ने यह भी बताया कि ट्रेन की बोगियों में नियमित रूप से मेंटेनेंस न होने से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। कई लोगों ने रेलवे से मांग की है कि AC बोगियों की वायरिंग और अन्य तकनीकी सिस्टम की समय-समय पर जांच की जाए।
पहले भी हो चुके हैं इस रूट पर हादसे, अब रेलवे की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
दिल्ली से लुधियाना की ओर चलने वाली ट्रेनों में तकनीकी खामियों की खबरें पहले भी आ चुकी हैं। कुछ समय पहले भी इसी रूट की एक ट्रेन में एसी फेल होने की घटना हुई थी, जिससे यात्रियों को गर्मी में घंटों फंसे रहना पड़ा था। अब इस हादसे के बाद रेलवे की कार्यप्रणाली और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठ रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि AC बोगियों की इलेक्ट्रिक वायरिंग और फ्यूज सिस्टम को लेकर रेलवे को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। ट्रेन में लगी आग केवल एक दुर्घटना नहीं बल्कि सिस्टम की खामियों का संकेत भी है।
यात्री बोले- जीवन की सबसे डरावनी यात्रा, नहीं भूल पाएंगे यह मंजर
घटना के समय ट्रेन में सवार कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्होंने जीवन में ऐसा डरावना मंजर पहली बार देखा। एक यात्री ने कहा, “जब हमने बोगी से धुआं उठते देखा तो हमें लगा कुछ बड़ा होने वाला है। हम सब भगवान का नाम लेकर सीट से उठे और जैसे-तैसे बाहर निकले।”
एक महिला यात्री ने बताया कि उसका पूरा सामान बोगी में रह गया, लेकिन वह अपने बच्चों के साथ सुरक्षित बाहर निकल आई, यही सबसे बड़ी राहत है।


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