बरेली में ईको वैन और बस की टक्कर में पीलीभीत के 3 युवकों की दर्दनाक मौत, दीपावली पर लौट रहे थे घर, मातम में बदली खुशियां।
दीपावली पर घर लौट रहे थे, लेकिन लौटे सफेद चादर में लिपटे
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शनिवार देर रात एक भीषण सड़क हादसा हुआ जिसने तीन परिवारों की दीपावली की खुशियों को मातम में बदल दिया। यह हादसा बरेली के भुता थाना क्षेत्र में बीसलपुर रोड पर हुआ, जहां एक तेज रफ्तार ईको वैन सामने से आ रही बस से जोरदार टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ईको वैन का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया और उसमें सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। ये तीनों युवक पीलीभीत जिले के निवासी थे जो मथुरा में मजदूरी करने के बाद अपने गांव दिवाली मनाने लौट रहे थे।
दो घंटे तक चला रेस्क्यू, फायर ब्रिगेड की मशक्कत
घटना की सूचना मिलते ही भुता थाने की पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। रात का अंधेरा और चारों तरफ सन्नाटा फैला हुआ था। फायर ब्रिगेड की टीम ने टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन शुरू किया। ईको वैन में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने के लिए कटर का सहारा लिया गया। वैन का दरवाजा धीरे-धीरे काटा गया ताकि अंदर फंसे घायलों को सुरक्षित निकाला जा सके। लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सभी लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल भेजा गया।
हादसे का मंजर देख कांप उठे लोग, बिखरे पड़े थे वैन के टुकड़े
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना का दृश्य इतना भयावह था कि वहां खड़े लोगों की रूह कांप गई। ईको वैन के परखच्चे उड़ चुके थे और उसके टुकड़े चारों ओर बिखरे हुए थे। तीन युवकों की लाशें बुरी तरह क्षत-विक्षत हालत में मिलीं, जिन्हें सफेद चादर में लपेटकर एंबुलेंस में रखे जाने के दौरान कई लोगों की आंखें नम हो गईं। कुछ लोग चुपचाप खड़े रहे तो कुछ अपने आंसू रोक नहीं सके और जोर-जोर से रो पड़े।
दीपावली की खुशियां मातम में बदलीं, गांवों में छाया सन्नाटा
मृतकों की पहचान राकेश पुत्र विजय बहादुर (ग्राम खगड़िया), गौरव पुत्र सियाराम (ग्राम लहुआ, थाना देवरिया) और जितेंद्र पुत्र मनुराम (ग्राम खदेवा खुर्रा, थाना बिलसंडा) के रूप में हुई है। राकेश ही ईको वैन चला रहा था और वह सवारियों को लेकर बरेली से बीसलपुर की ओर जा रहा था। तभी सामने से आ रही बस (नंबर UP 14 GT 2864) से आमने-सामने टक्कर हो गई। इस हादसे की खबर जैसे ही मृतकों के गांवों में पहुंची, वहां मातम पसर गया। मां की आंखें अपने बेटे की तस्वीर से हटने का नाम नहीं ले रही थीं, छोटे-छोटे बच्चे अपने पिता को ढूंढ रहे थे और बूढ़े पिता बदहवासी की हालत में बार-बार यही कह रहे थे – "मेरा बेटा अब कभी नहीं लौटेगा।"
हादसे की वजह बनी तेज रफ्तार और ओवरटेक की कोशिश
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसा रात करीब 1:30 बजे हुआ। बताया जा रहा है कि राकेश तेज रफ्तार में गाड़ी चला रहा था और ओवरटेक करने के प्रयास में उसने सामने से आ रही बस को नहीं देखा। आमने-सामने की टक्कर इतनी जोरदार थी कि वैन का अगला हिस्सा पूरी तरह पिचक गया और उसमें सवार लोग बुरी तरह फंस गए। फायर ब्रिगेड को उन्हें निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
फायर ब्रिगेड की टीम बनी देवदूत, अंधेरे में किया रेस्क्यू
फायर अधिकारी एसआई उदयराज अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और अंधेरे में भी बिना किसी देरी के रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। टीम ने तकनीकी उपकरणों की मदद से ईको वैन के ढांचे को काटा और अंदर फंसे घायलों को बाहर निकाला। दो घंटे चले इस अभियान में टीम ने बेहद संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ काम किया। उनकी तत्परता की स्थानीय लोग जमकर सराहना कर रहे हैं।
बस चालक मौके से फरार, पुलिस कर रही तलाश
इस दर्दनाक हादसे के बाद बस चालक मौके से फरार हो गया है। पुलिस ने बस को कब्जे में ले लिया है और चालक की तलाश में दबिशें दे रही है। भुता थाना प्रभारी ने बताया कि हादसे की मुख्य वजह तेज रफ्तार और गलत तरीके से ओवरटेक करना रही। फिलहाल तीनों मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
टूट चुके हैं तीन परिवार, नहीं बुझेगा ये दर्द
तीनों मृतकों के घरों में अब सन्नाटा है। दीपावली की तैयारियों की जगह अब रोने की आवाजें गूंज रही हैं। कोई मां अपने बेटे की फोटो से लिपटी बैठी है, तो कोई बहन राखी हाथ में लेकर सिसक रही है। बच्चों को अब तक समझ नहीं आया कि उनके पापा क्यों नहीं लौट रहे। यह हादसा सिर्फ तीन परिवारों का नहीं, बल्कि पूरे समाज का दर्द बन गया है।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश, गहराया सड़क सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन ने मामले की गहन जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, सड़क सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
दिवाली से पहले बुझ गई तीन घरों की रोशनी
जिन घरों में दीपावली पर दीए जलने थे, वहां अब चिता की आग जल रही है। मृतकों के अंतिम संस्कार की तैयारियों के बीच परिवारों की उम्मीदें, खुशियां और सपने सभी राख हो चुके हैं। यह हादसा एक बड़ा सबक है कि कैसे चंद मिनटों की लापरवाही पूरे जीवन को तबाह कर सकती है।


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