बरेली का बदतमीज दारोगा: भीड़ में लात मारकर गिराई बाइकें, धमकाया जनता को; SSP ने लिया बड़ा एक्शन


बरेली में दारोगा नरेंद्र राघव का वीडियो वायरल, भीड़ में बाइकों को लात मार गिराया; SSP ने तत्काल कार्रवाई की


बरेली में दारोगा की दबंगई का वीडियो वायरल, SSP ने लिया संज्ञान

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भमौरा थाना क्षेत्र के देवचरा बाजार में बुधवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब वहां तैनात दारोगा नरेंद्र राघव ने सड़क किनारे खड़ी बाइकों को लात मारकर गिरा दिया. लोगों की भीड़ खरीदारी में जुटी थी और त्योहार का माहौल था, तभी अचानक दारोगा की यह हरकत बाजार में सनसनी फैलाने लगी. सोशल मीडिया पर जैसे ही इसका वीडियो वायरल हुआ, पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया और SSP अनुराग आर्य ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया.

देवचरा बाजार में खरीदारी कर रहे लोग बने दारोगा की बदसलूकी के शिकार

भाई दूज के मौके पर देवचरा बाजार में सैकड़ों की भीड़ उमड़ी हुई थी. लोग त्योहार की खरीदारी में व्यस्त थे और दुकानों के सामने बाइकें, साइकिलें व अन्य वाहन खड़े थे. इसी दौरान भमौरा थाने के सब इंस्पेक्टर नरेंद्र राघव मौके पर पहुंचे. गवाहों के अनुसार उन्होंने आते ही तेज आवाज में लोगों को गालियां देना शुरू कर दिया और सड़क किनारे खड़ी बाइकों को लात मारकर गिराने लगे. कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और लोग भयभीत होकर पीछे हटने लगे.

“यहां बाइक खड़ी कैसे कर दी?” कहकर शुरू हुआ विवाद

स्थानीय लोगों ने बताया कि दारोगा राघव ने बिना किसी चेतावनी के अचानक बाइक चालकों पर भड़ास निकालनी शुरू कर दी. उन्होंने कहा, “यहां बाइक खड़ी करने की हिम्मत कैसे की?” इसके बाद वह एक के बाद एक बाइकों को लात मारकर गिराने लगे. मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने जब इसका विरोध किया, तो दारोगा ने उन्हें डराने की कोशिश की और धमकी दी कि “सबको जेल भेज दूंगा.” इस व्यवहार से बाजार में अफरातफरी मच गई और महिलाओं व बच्चों में दहशत फैल गई.

वीडियो वायरल होते ही पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

इस पूरी घटना का एक वीडियो मौके पर मौजूद एक युवक ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया. कुछ ही घंटों में यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया. वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा था कि दारोगा नरेंद्र राघव लोगों की बाइकों को लात मारकर गिरा रहे हैं और आसपास खड़े लोगों पर चिल्ला रहे हैं. यह वीडियो बरेली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, जिसके बाद SSP अनुराग आर्य ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मामले की जांच का आदेश दिया.

SSP अनुराग आर्य की सख्त कार्रवाई: लाइन हाजिर और जांच के आदेश

वीडियो की पुष्टि होते ही SSP अनुराग आर्य ने दारोगा नरेंद्र राघव को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया. उन्होंने सीओ आंवला नितिन कुमार को इस पूरे मामले की जांच सौंपी है. SSP ने कहा कि जनता के साथ अभद्र व्यवहार या सार्वजनिक रूप से अपमानजनक आचरण किसी भी पुलिसकर्मी के लिए स्वीकार्य नहीं है. पुलिस का काम जनता की सेवा करना है, डर पैदा करना नहीं. यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है तो वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए, न कि लात-घूसे चलाकर.

“कानून के रखवाले को खुद कानून का पालन करना चाहिए”

SSP अनुराग आर्य ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों को कानून की मर्यादा में रहकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, “कानून के रखवाले को खुद कानून का पालन करना चाहिए. जनता से अभद्रता करने या अपमानजनक व्यवहार की कोई गुंजाइश नहीं है. जो ऐसा करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.” SSP के इस बयान के बाद पुलिस महकमे में सख्ती का माहौल बन गया है और अन्य थाना क्षेत्रों के अधिकारी भी सजग हो गए हैं.

स्थानीय लोगों की नाराजगी: “पुलिस सुरक्षा के लिए है, आतंक के लिए नहीं”

दारोगा की दबंगई से देवचरा बाजार के लोग गुस्से में हैं. कई दुकानदारों ने बताया कि वे सामान्य खरीदारी कर रहे थे, तभी दारोगा ने अचानक गालियां देते हुए बाइकें गिराना शुरू कर दिया. लोगों का कहना है कि पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए होती है, लेकिन यहां तो उल्टा उन्हें डराने और अपमानित करने का प्रयास किया गया. कई लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई भी जनता के साथ इस तरह का व्यवहार न कर सके.

प्रत्यक्षदर्शियों का बयान: “बच्चे रोने लगे, महिलाएं भागीं”

मौके पर मौजूद एक महिला ने बताया कि जब दारोगा ने गालियां देना शुरू कीं तो महिलाएं और बच्चे घबराकर भागने लगे. कुछ लोग अपने वाहन हटाने में जुट गए तो कुछ ने दूर से वीडियो बनाना शुरू कर दिया. प्रत्यक्षदर्शी राजीव कुमार ने कहा कि दारोगा ने किसी से भी बात करने की शालीनता नहीं दिखाई. उनके व्यवहार से पूरा माहौल बिगड़ गया और लोगों को त्योहार के बीच अपमान झेलना पड़ा.

पुलिस छवि पर असर: आम जनता में गुस्सा और अविश्वास

यह घटना पुलिस की छवि पर गंभीर सवाल खड़े करती है. जनता जहां पुलिस पर भरोसा रखती है कि संकट के समय वही मदद करेगी, वहीं ऐसे घटनाक्रम उस विश्वास को तोड़ते हैं. सोशल मीडिया पर भी दारोगा की इस हरकत की तीखी आलोचना हो रही है. कई लोगों ने लिखा कि अगर यही पुलिस की छवि बनेगी, तो जनता शिकायत दर्ज कराने से भी डरेगी. कुछ लोगों ने मांग की कि ऐसे अधिकारियों को निलंबित कर जनता से माफी मंगवाई जानी चाहिए.

विभागीय जांच में खुलेंगे कई राज

सूत्रों के अनुसार सीओ आंवला को इस घटना से जुड़े सभी तथ्यों की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि दारोगा राघव ने ऐसा व्यवहार क्यों किया, क्या उन्हें किसी प्रकार का उकसावा मिला था या उन्होंने जानबूझकर जनता के साथ बदसलूकी की. विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सस्पेंशन तक की कार्रवाई संभव है.



पुलिस सुधार और जिम्मेदारी का सवाल

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रदेश में पुलिस सुधार की प्रक्रिया पर्याप्त है. समय-समय पर ऐसे मामले सामने आते हैं जहां कुछ पुलिसकर्मी अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल करते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस बल में लगातार संवेदनशीलता प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि जनता और पुलिस के बीच की दूरी कम हो. SSP की तत्काल कार्रवाई ने हालांकि यह संदेश जरूर दिया है कि किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

बरेली के भमौरा थाने के दारोगा नरेंद्र राघव की दबंगई का यह मामला न केवल पुलिस के आचरण पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सोशल मीडिया अब जवाबदेही का एक सशक्त माध्यम बन गया है. SSP अनुराग आर्य की त्वरित कार्रवाई ने जहां जनता का भरोसा कुछ हद तक बहाल किया है, वहीं यह भी साबित किया है कि पुलिस व्यवस्था में अनुशासन सर्वोपरि है. यह घटना प्रदेश पुलिस के लिए एक चेतावनी है कि जनता के साथ संवेदनशील व्यवहार करना ही वर्दी की असली मर्यादा है.

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