बांदा में 8 वर्षीय बच्चे ने पटाखा मुंह में रखकर चबाया, जोरदार धमाके में मौत हो गई। बड़ा भाई घायल, इलाके में मातम।
बांदा में पटाखा हादसे से मचा कोहराम
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बड़ोखर खुर्द गांव बुधवार की शाम मातमी सन्नाटे में डूब गया जब 8 साल के मासूम आकाश की पटाखे के धमाके में दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा इतना भयावह था कि जिसने भी सुना वह सिहर उठा। आकाश ने एक पटाखा जलाने की कोशिश की, लेकिन असफल होने पर उसने उसे दांतों से चबाना शुरू कर दिया। इसी दौरान पटाखा अचानक ब्लास्ट कर गया। धमाका इतना तेज था कि उसका जबड़ा टूट गया, होंठ और चेहरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और दांत बाहर आ गए। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने बचाने की पूरी कोशिश के बाद भी रात 10 बजे उसे मृत घोषित कर दिया।
पटाखा जलाने की कोशिश में हुई त्रासदी
घटना तब हुई जब राम बाबू के तीन बेटे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन से लौट रहे थे। रास्ते में उन्हें एक पटाखा मिला जिसे वे घर ले आए। शाम करीब आठ बजे बड़े भाई सूरज (10) के साथ आकाश ने पटाखा जलाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं फटा। इसके बाद बच्चों ने पटाखे से बारूद निकालने की कोशिश की। इसी बीच मासूम आकाश ने अनजाने में पटाखा दांतों से दबा लिया। तभी जोरदार धमाका हुआ और सब कुछ बदल गया।
धमाके की गूंज से दहला गांव
धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि पूरा मोहल्ला गूंज उठा। लोग दौड़कर घर पहुंचे और देखा कि दोनों भाई खून से लथपथ पड़े हैं। आकाश का चेहरा पूरी तरह जख्मी था। उसका जबड़ा टूट गया था, होंठ फट गए थे और कई दांत झड़ गए थे। पहचानना मुश्किल हो गया था कि यह वही मासूम आकाश है जो कुछ देर पहले हंसते-खेलते गांव की गलियों में घूम रहा था। वहीं बड़े भाई सूरज की आंख में पटाखे के टुकड़े घुस गए और वह घायल हो गया।
अस्पताल में चला इलाज लेकिन नहीं बच पाया आकाश
पड़ोसियों और ग्रामीणों की मदद से दोनों भाइयों को तुरंत रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। डॉक्टरों ने आकाश और सूरज दोनों का उपचार शुरू किया। सूरज की आंख और चेहरे पर प्राथमिक इलाज किया गया और बाद में उसे छुट्टी दे दी गई। लेकिन आकाश की हालत गंभीर थी। डॉक्टरों ने लगातार दो घंटे तक उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन रात करीब 10 बजे उसने दम तोड़ दिया। इस खबर के फैलते ही गांव में मातम छा गया।
माता-पिता की गैरमौजूदगी और गांव में मातमी सन्नाटा
हादसे के समय आकाश और सूरज के माता-पिता घर पर नहीं थे। घटना की सूचना मिलते ही वे अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने अपने बेटे को खो दिया। इस त्रासदी ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। हर कोई आकाश की दर्दनाक मौत से व्यथित है। ग्रामीण परिवार के प्रति संवेदना जता रहे हैं और बच्चों को पटाखों से दूर रखने की सलाह दे रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और अधिकारियों के बयान
कोतवाली प्रभारी बलराम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारी लगातार परिजनों और ग्रामीणों से बातचीत कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह हादसा बेहद दर्दनाक है और इससे सबक लेना जरूरी है। बच्चों को किसी भी हालत में पटाखों से खेलने नहीं देना चाहिए।
बच्चों के लिए खतरनाक पटाखे और चेतावनी
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर पटाखों के खतरों की ओर ध्यान खींचा है। कई बार बच्चे जिज्ञासा या खेल-खेल में पटाखों से छेड़छाड़ करते हैं, लेकिन इसके परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। बांदा की इस घटना ने यह साबित कर दिया कि पटाखों से जुड़ी लापरवाही बच्चों की जान तक ले सकती है। यही कारण है कि ग्रामीण अब सभी माता-पिता से बच्चों को पटाखों से दूर रखने की अपील कर रहे हैं।
पूरे क्षेत्र में शोक की लहर
आकाश की मौत की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। आसपास के गांवों से लोग परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे। हर किसी की आंखों में आंसू थे। मासूम की दर्दनाक मौत ने दशहरे के त्योहार की खुशियों को मातम में बदल दिया। लोग यह मानने को तैयार नहीं कि चंद मिनटों की लापरवाही से एक मासूम की जान चली गई।


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