नागपुर से दिल्ली जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI-466 से उड़ान भरते ही पक्षी टकराया, 150 यात्री बाल-बाल बचे, हुई इमरजेंसी लैंडिंग
हवा में हादसा: एयर इंडिया की फ्लाइट से टकराया पक्षी, नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग
नागपुर एयरपोर्ट से शुक्रवार रात दिल्ली के लिए उड़ान भर रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-466 को टेक-ऑफ के कुछ मिनट बाद ही इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. वजह बनी हवा में हुआ पक्षी टकराव. इस हादसे से फ्लाइट में सवार 150 यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. क्रू मेंबर्स ने स्थिति को संभालते हुए विमान को सुरक्षित नागपुर एयरपोर्ट पर उतार लिया. एयर इंडिया ने इस घटना की पुष्टि की है और कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए तत्काल एहतियाती कदम उठाए गए
उड़ान भरते ही हुआ हादसा, यात्रियों में दहशत का माहौल
शुक्रवार रात करीब 9 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट AI-466 नागपुर से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली थी. जैसे ही विमान ने रनवे छोड़ा और ऊंचाई पकड़नी शुरू की, उसी दौरान एक पक्षी विमान से टकरा गया. तेज आवाज सुनते ही कई यात्री घबरा गए. विमान में कुछ देर के लिए हल्का कंपन महसूस हुआ. क्रू मेंबर्स ने यात्रियों को शांत रहने की अपील की और स्थिति की तुरंत जानकारी पायलट को दी. एयरलाइन के प्रवक्ता के मुताबिक, यह टक्कर टेक-ऑफ के तुरंत बाद हुई थी, जिसके बाद मानक प्रक्रिया के तहत विमान को वापस नागपुर एयरपोर्ट पर लाने का फैसला किया गया
सुरक्षित उतरा विमान, लेकिन यात्रियों के चेहरों पर दिखा डर
विमान के लौटने के दौरान यात्रियों के चेहरों पर चिंता साफ झलक रही थी. सभी को आशंका थी कि कहीं कोई बड़ी तकनीकी खराबी न आ जाए. हालांकि, पायलट ने बेहतरीन पेशेवर दक्षता दिखाते हुए विमान को सुरक्षित उतारा. एयरपोर्ट पर मौजूद इमरजेंसी टीम पहले से अलर्ट मोड में थी. विमान के उतरते ही उसकी तकनीकी जांच शुरू की गई. एयर इंडिया ने बताया कि जांच में संभावित खामी मिलने के बाद फ्लाइट को रद्द कर दिया गया और सभी यात्रियों को भोजन, सहायता और वैकल्पिक यात्रा प्रबंध की सुविधा दी गई
एयर इंडिया का बयान: यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
एयर इंडिया प्रवक्ता ने कहा, “नागपुर से दिल्ली जाने वाली AI-466 फ्लाइट के टेक-ऑफ के तुरंत बाद पक्षी टकराने की घटना हुई. क्रू ने तुरंत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत विमान को सुरक्षित नागपुर एयरपोर्ट पर उतारा. किसी भी यात्री को चोट नहीं आई है.” प्रवक्ता ने यह भी बताया कि फ्लाइट की जांच में अधिक समय लगने के कारण इसे कैंसिल किया गया. एयर इंडिया की ग्राउंड टीम ने सभी यात्रियों को सहायता प्रदान की. एयरलाइन ने कहा कि सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता
रात में पक्षियों की टक्कर की बढ़ती घटनाएं
नागपुर एयरपोर्ट पर पक्षियों की निगरानी के लिए विशेष स्टाफ तैनात रहता है जो 24 घंटे निगरानी रखता है. इसके बावजूद रात के समय दृश्यता कम होने से ऐसे हादसे हो जाते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि रात में उल्लू या चमगादड़ जैसे पक्षी रडार पर भी अक्सर नहीं दिखते, जिससे टकराव की संभावना बढ़ जाती है. एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि हर उड़ान से पहले ‘बर्ड स्कैनिंग’ प्रक्रिया होती है, लेकिन पूरी तरह से ऐसी घटनाओं को रोकना संभव नहीं है
यात्रियों की आपबीती: “एक पल को लगा अब कुछ होगा”
घटना के समय फ्लाइट में सवार कई यात्रियों ने राहत की सांस ली कि सभी सुरक्षित बच गए. एक यात्री ने बताया कि “अचानक जोर की आवाज आई और विमान हल्का झटका खाकर डगमगाने लगा. सब लोग घबरा गए. क्रू मेंबर्स ने हमें बताया कि सब ठीक है और विमान वापस एयरपोर्ट की ओर लौट रहा है.” वहीं, एक अन्य यात्री ने कहा कि “इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान हम सबकी सांसें थम गई थीं, लेकिन जैसे ही विमान रनवे पर उतरा, सबने ताली बजाकर पायलट की तारीफ की.”
तकनीकी जांच में क्या निकला सामने?
एयर इंडिया की तकनीकी टीम ने विमान की विस्तृत जांच की. प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया कि टक्कर विमान के आगे के हिस्से में हुई थी. माना जा रहा है कि पक्षी इंजन के पास वाले हिस्से से टकराया, हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. विमान की नाक (नोज कोन) और इंजन इनटेक हिस्से की जांच के लिए विशेष तकनीकी टीम बुलाई गई. सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत विमान को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई और उसकी मरम्मत के बाद ही उसे फिर से सेवा में लिया जाएगा
हाल के महीनों में लगातार बढ़ी बर्ड हिट घटनाएं
बीते कुछ महीनों में एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों की कई फ्लाइट्स पक्षियों से टकराने की घटनाओं से प्रभावित हुई हैं. पिछले महीने ही दिल्ली एयरपोर्ट पर रनवे पर एक बाज से टकराने की घटना हुई थी, जिससे विमान का नोज कोन क्षतिग्रस्त हो गया था. इससे पहले अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते वक्त एक स्पाइसजेट फ्लाइट में भी पक्षी टकरा गया था, जिससे फ्लाइट को रद्द करना पड़ा. एविएशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि एयरपोर्ट के आसपास कचरा, खुले फूड वेस्ट और गंदगी पक्षियों को आकर्षित करते हैं जिससे ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं
नागपुर एयरपोर्ट प्रशासन की प्रतिक्रिया
नागपुर एयरपोर्ट प्रशासन ने कहा कि रात की इस घटना के बाद पूरे रनवे और आसपास के क्षेत्र की सफाई कराई गई. अधिकारियों ने कहा कि फ्लाइट से टकराने वाला पक्षी संभवतः बड़ा था, जिससे विमान में हल्का झटका लगा. प्रशासन ने इस घटना के बाद ‘बर्ड हिट प्रोटोकॉल’ लागू किया और पूरे क्षेत्र की दोबारा जांच की गई. एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने कहा कि “हम हर दिन फ्लाइट से पहले और बाद में बर्ड एक्टिविटी पर नजर रखते हैं. हमारी कोशिश रहती है कि किसी भी उड़ान की सुरक्षा पर असर न पड़े.”
यात्रियों को दी गई राहत सेवाएं
एयर इंडिया ने सभी यात्रियों को भोजन, होटल स्टे और वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था की. यात्रियों को अगले दिन दिल्ली भेजा गया. एयरलाइन ने माफी मांगते हुए कहा कि “हम समझते हैं कि यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई है, लेकिन सुरक्षा सर्वोपरि है. सभी यात्रियों को पूर्ण सहायता दी गई.” कई यात्रियों ने एयर इंडिया की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना भी की, जिसने समय पर कार्रवाई कर एक संभावित बड़ी दुर्घटना को टाल दिया
एविएशन एक्सपर्ट्स की राय: बढ़ता बर्ड हिट रिस्क
एविएशन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में हर साल औसतन 1,200 से ज्यादा बर्ड हिट केस दर्ज किए जाते हैं, जिनमें से 60% घटनाएं टेक-ऑफ या लैंडिंग के समय होती हैं. इन घटनाओं से न केवल यात्रियों की सुरक्षा खतरे में आती है बल्कि एयरलाइनों को करोड़ों का नुकसान होता है. DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता है, लेकिन कई बार स्थानीय निकायों की लापरवाही से एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों की गतिविधि बढ़ जाती है
एक चेतावनी बनकर आई यह घटना
नागपुर की यह घटना भारत में हवाई सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी साबित हुई है. भले ही किसी यात्री को नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इसने यह सवाल जरूर खड़ा किया है कि एयरपोर्ट प्रबंधन को रात में बर्ड हिट की रोकथाम के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे. एयर इंडिया की त्वरित प्रतिक्रिया ने जहां राहत दी, वहीं यह भी साबित किया कि आपात स्थिति में प्रशिक्षित स्टाफ और मजबूत प्रोटोकॉल यात्रियों की जान बचाने में कितने अहम हैं


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