लखनऊ-काकोरी में भीषण सड़क हादसा: टैंकर से टकराकर पुल से नीचे गिरी बस, 5 की मौत और 19 घायल, रफ्तार और लापरवाही बनी वजह!


लखनऊ के काकोरी में टैंकर से टकराकर रोडवेज बस पुल से गिरी, अब तक 5 की मौत और 19 घायल, पुलिस ने शुरू किया रेस्क्यू अभियान।


लखनऊ के काकोरी में भीषण सड़क हादसा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके में गुरुवार शाम लगभग सात बजे एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया. गोलाकुआं के पास हुए इस हादसे ने देखते ही देखते चीख-पुकार मचा दी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक रोडवेज बस अचानक सड़क पर खड़े टैंकर से टकराई और फिर बाइक सवारों को टक्कर मारते हुए पुल से नीचे जा गिरी. हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 19 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. सभी घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

हादसे की वजह क्या रही

पुलिस और चश्मदीदों की शुरुआती जांच में सामने आया कि सड़क किनारे पेड़ों को पानी देने के लिए लगाए गए टैंकर को चालक वहीं छोड़कर चला गया था. टैंकर बिना किसी संकेत के अंधेरे में खड़ा था. हादसे के समय कैसरबाग डिपो की बस हरदोई की ओर से तेज रफ्तार में आ रही थी. जब बस चालक ने अचानक सामने टैंकर देखा तो उसने बस रोकने की कोशिश की लेकिन तभी नियंत्रण बिगड़ गया और बस बाइक सवारों को टक्कर मारते हुए पुल से नीचे जा गिरी. बस की रफ्तार लगभग 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है.

मौके पर मचा कोहराम

जैसे ही बस पुल से नीचे गिरी, चारों तरफ चीख-पुकार मच गई. आसपास के गांवों के लोग धमाके जैसी आवाज सुनते ही दौड़कर मौके पर पहुंचे. उन्होंने देखा कि सड़क के बीचों-बीच टैंकर पलटा हुआ है और खाई में एक बड़ी रोडवेज बस पड़ी है. घायल यात्री दर्द से कराह रहे थे. लोगों ने तुरंत मदद शुरू की और पुलिस व एंबुलेंस को सूचना दी. काकोरी पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को बाहर निकालकर नजदीकी अस्पताल भेजा.

मृतकों और घायलों की पहचान

इस हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों में बाबू राम (पीलीभीत), नरदेव (मथुरा), संजीव (बदायूं), दिलशाद (लखनऊ) और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति शामिल है. मृतक की पहचान करने का प्रयास जारी है. इसके अलावा 19 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक बनी हुई है. घायलों को ट्रॉमा सेंटर और नजदीकी सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

पुलिस की कार्रवाई और जांच

काकोरी पुलिस के अनुसार हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया था. पुलिस ने जेसीबी और क्रेन की मदद से बस को उठवाया और अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला. टैंकर चालक के खिलाफ लापरवाही और लोगों की जान जोखिम में डालने का मामला दर्ज किया गया है. सड़क निर्माण एजेंसी और ठेकेदारों से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

हादसे के पीछे की लापरवाही

इस पूरे मामले में सबसे बड़ी लापरवाही टैंकर चालक की मानी जा रही है. उसने पौधों को पानी देने के बाद टैंकर को सड़क पर ही खड़ा कर दिया और खुद वहां से चला गया. अंधेरे और चेतावनी संकेतों के अभाव में यह हादसा हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी इस इलाके में सड़क निर्माण और टैंकरों की लापरवाही के कारण दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अधिकारियों ने कभी कड़ा कदम नहीं उठाया.

प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों-देखी

हादसे के चश्मदीद ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अचानक धमाके जैसी तेज आवाज सुनाई दी और जब वे मौके पर पहुंचे तो खून से सनी सड़क और खाई में गिरी बस देखकर उनके होश उड़ गए. कुछ लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बस की खिड़कियां तोड़ीं और यात्रियों को बाहर निकाला. उनके मुताबिक हादसा इतना भयानक था कि लोगों को बचाने में कई घंटे लग गए.

अस्पतालों में अफरा-तफरी

हादसे में घायल लोगों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. लखनऊ ट्रॉमा सेंटर और अन्य सरकारी अस्पतालों में देर रात तक अफरा-तफरी का माहौल रहा. डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों का इलाज कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गंभीर घायलों की हालत अभी भी खतरे से बाहर नहीं है.

हादसे से उठे सवाल

काकोरी हादसे ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर क्यों निर्माण कार्य के दौरान उचित सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए जाते? क्यों बिना चेतावनी के सड़क पर टैंकर खड़ा कर दिया गया? और क्यों ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन ऐसे मामलों पर समय रहते कार्रवाई नहीं करता? इन सवालों ने स्थानीय लोगों को गुस्से और डर दोनों में डाल दिया है.

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही लखनऊ प्रशासन और सरकारी अधिकारियों ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की. अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता और घायलों को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने की घोषणा की.


लखनऊ काकोरी का यह हादसा केवल सड़क पर हुई एक दुर्घटना नहीं बल्कि जिम्मेदार एजेंसियों और चालकों की लापरवाही का नतीजा है. अगर टैंकर को सड़क किनारे सही ढंग से खड़ा किया गया होता, चेतावनी संकेत लगाए गए होते और बस की गति नियंत्रित रहती, तो शायद 5 निर्दोष लोगों की जान बच सकती थी. अब जरूरत है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.

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