कानपुर में लिव-इन मर्डर हत्याकांड केस: प्रेमी ने गर्लफ्रेंड आकांक्षा की गला दबाकर हत्या की, शव सूटकेस में भरकर यमुना में फेंका, मोबाइल से किया गुमराह


कानपुर लिव-इन मर्डर केस में प्रेमी ने गर्लफ्रेंड की हत्या कर शव यमुना नदी में फेंका, मोबाइल से परिवार को गुमराह किया, पुलिस ने किया खुलासा।


कानपुर में लिव-इन पार्टनरशिप का खौफनाक अंत

उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसने लिव-इन रिलेशनशिप के अंधेरे पहलुओं को उजागर कर दिया है। यहां एक युवक ने अपनी गर्लफ्रेंड की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव को सूटकेस में भरकर यमुना नदी में फेंक दिया। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी युवक और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, हालांकि अब तक मृतका का शव बरामद नहीं हो सका है।

इंस्टाग्राम से शुरू हुई दोस्ती

पुलिस जांच में सामने आया है कि कानपुर देहात के सुजनीपुर गांव निवासी विजयश्री की 20 वर्षीय बेटी आकांक्षा उर्फ माही बर्रा क्षेत्र स्थित एक रेस्टोरेंट में काम करती थी। कुछ समय पहले उसकी मुलाकात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर फतेहपुर जिले के बिदंकी क्षेत्र के हरीखेड़ा गांव निवासी सूरज उत्तम से हुई थी। दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होती चली गई और फिर दोनों में नजदीकियां बढ़ीं।

रेस्टोरेंट की नौकरी छोड़ लिव-इन की शुरुआत

सूरज के कहने पर आकांक्षा ने बर्रा का रेस्टोरेंट छोड़कर हमीरपुर रोड स्थित कान्हा रेस्टोरेंट ज्वाइन कर लिया। इसके बाद दोनों ने हनुमंत विहार क्षेत्र में किराए का मकान लेकर लिव-इन रिलेशनशिप में रहना शुरू कर दिया। परिवार को इसकी भनक कम थी, लेकिन आकांक्षा का जीवन इसी तरह आगे बढ़ रहा था।

दूसरी गर्लफ्रेंड के राज से बिगड़े हालात

21 जुलाई को आकांक्षा को जानकारी मिली कि सूरज की नजदीकियां किसी और युवती से भी हैं। इस बात को लेकर दोनों के बीच जोरदार झगड़ा हुआ। रात करीब 10:30 बजे जब वे अपने कमरे पर लौटे तो बहस इतनी बढ़ गई कि मारपीट तक की नौबत आ गई। इसी दौरान गुस्से में सूरज ने आकांक्षा का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

शव को सूटकेस में भरकर यमुना नदी में फेंका

हत्या के बाद सूरज ने अपने दोस्त आशीष को बुलाया जो जाफरगंज का रहने वाला है। दोनों ने मिलकर आकांक्षा के शव को एक बड़े सूटकेस में भरा और बाइक से करीब 100 किलोमीटर दूर चिल्ला पुल से यमुना नदी में फेंक दिया। शव फेंकने के बाद दोनों ने सामान्य दिनचर्या जैसा व्यवहार किया ताकि किसी को शक न हो।

मोबाइल फोन से परिवार को गुमराह

हत्या के बाद भी सूरज यहीं नहीं रुका। पुलिस जांच में सामने आया कि वह लगातार आकांक्षा के मोबाइल से उसके परिवार को मैसेज भेजता रहा ताकि उन्हें लगे कि बेटी सुरक्षित है। पकड़े जाने के डर से उसने आकांक्षा का फोन एक ट्रेन में छोड़ दिया जिससे उसकी लोकेशन भ्रमित हो सके। इस बीच परिवार लगातार बेटी से संपर्क करने की कोशिश करता रहा लेकिन नाकाम रहा।

परिवार की शिकायत और पुलिस की सुस्ती

कई दिन तक आकांक्षा से बातचीत न होने पर परिवार ने सूरज से संपर्क साधा लेकिन उसने उन्हें टाल दिया। परिवार ने हताश होकर पुलिस से मदद मांगी, मगर शुरुआत में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अंततः परिवार ने 1090 वूमेन हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद 8 अगस्त को हनुमंत विहार थाने में आकांक्षा के अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया।

पुलिस की सख्ती

मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच की रफ्तार तेज कर दी। कॉल डिटेल रिकॉर्ड और मोबाइल लोकेशन की जांच से पता चला कि घटना वाले दिन और उसके बाद तीन दिन तक आकांक्षा और सूरज के फोन की लोकेशन एक जैसी थी और दोनों के बीच लगातार बातचीत भी हुई थी। इसी आधार पर पुलिस ने सूरज से कड़ी पूछताछ की। दबाव में आकर सूरज ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और पूरी घटना का खुलासा किया।

गिरफ्तार हुए आरोपी और चल रही शव की तलाश

पुलिस ने सूरज और उसके साथी आशीष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हालांकि, अभी तक आकांक्षा का शव बरामद नहीं हो सका है। पुलिस की कई टीमें यमुना नदी में शव की तलाश कर रही हैं। मामला अब कानपुर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है और लोग इस वारदात से सकते में हैं।

इस घटना ने लिव-इन रिलेशनशिप और बदलते सामाजिक ढांचे को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आकांक्षा जैसी युवती का इस तरह से जीवन समाप्त होना न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए गहरी चिंता का विषय है। पुलिस की सुस्ती भी सवालों के घेरे में है कि शुरुआती शिकायत के बावजूद कार्रवाई में देर क्यों हुई।

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