बरेली हिंसा: मौलाना तौकीर रजा गिरफ्तार, 2000 पत्थरबाजों पर केस दर्ज, 39 लोग हिरासत में; शहर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात



बरेली हिंसा में मौलाना तौकीर रजा गिरफ्तार, 2000 पत्थरबाजों पर FIR और 39 लोग हिरासत में; शहर में जगह-जगह भारी पुलिसबल की तैनाती।


बरेली हिंसा में बड़ा एक्शन, मौलाना तौकीर रजा गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को भड़की हिंसा और बवाल के बाद शनिवार को पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है। तौकीर रजा समेत 8 लोगों को जेल भेजा गया है। इस मामले में पुलिस ने 39 लोगों को हिरासत में लिया है और 2000 पत्थरबाजों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। फिलहाल शहर में हालात सामान्य दिख रहे हैं, लेकिन तनाव को देखते हुए हर जगह भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।

शहर में पुलिस का कड़ा पहरा

बरेली के संवेदनशील इलाकों में शनिवार सुबह से ही पुलिस और अर्धसैनिक बलों का भारी जमावड़ा देखने को मिला। दरगाह आला हजरत के आसपास, जहां मौलाना तौकीर रजा का घर भी स्थित है, सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और अधिकांश दुकानें बंद पड़ी हैं। स्थानीय लोग शुक्रवार को हुई हिंसा को लेकर अब भी खौफ में हैं और खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

व्यापारियों ने की सख्त कार्रवाई की मांग

हिंसा के बाद शनिवार को बरेली के तमाम व्यापारी एसपी सिटी मानुष पारीक से मिले और मौलाना तौकीर रजा पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। व्यापारियों ने कहा कि शुक्रवार की घटना में उन्होंने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई और दुकानों को सुरक्षित रखा, लेकिन अब भी दहशत का माहौल बना हुआ है। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि 2010 में भी तौकीर रजा के नेतृत्व में दंगे हुए थे और इस बार भी हालात उसी तरह बिगड़े हैं।

प्रशासन की प्रेस कॉन्फ्रेंस

घटना के बाद डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि मौलाना तौकीर रजा को पहले ही समझाया गया था। उन्हें नोटिस दिया गया था कि प्रदर्शन की अनुमति नहीं है और धारा 163 लागू कर दी गई थी। इसके बावजूद भीड़ जमा हुई और हिंसा भड़क गई। प्रशासन ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए बाहर से भी लोग बुलाए गए थे। दो से तीन हजार लोग अलग-अलग समूह में शामिल हुए थे, जिनके पास पत्थर, चाकू, लाठी-डंडे, ब्लेड, बोतलें, पेट्रोल और अवैध हथियार भी मिले हैं।

पुलिसकर्मी घायल, FIR दर्ज

हिंसा के दौरान 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने अब तक 10 FIR दर्ज की हैं और आरोपियों के पुराने मामलों को भी खंगाल रही है। अधिकारियों का कहना है कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और सबकी पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।

‘आई लव मोहम्मद’ कैंपेन से भड़की हिंसा

बरेली में हिंसा की शुरुआत ‘आई लव मोहम्मद’ कैंपेन को लेकर हुई। शुक्रवार दोपहर बाद शहर के श्यामगंज, नावल्टी तिराहा और खलील स्कूल तिराहा इलाके में तनाव तेजी से बढ़ा। देखते ही देखते भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस के साथ कई घंटों तक झड़प होती रही। इस दौरान कई इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग अपने घरों में दुबके रहे।

दहशत और नुकसान से घिरा व्यापार

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि हिंसा ने उनके कारोबार को भारी नुकसान पहुंचाया है। शुक्रवार को जब हिंसा चरम पर थी, तब कई व्यापारी अपनी दुकानें छोड़कर भाग गए। कई जगह दुकानों के शटर जबरन गिरा दिए गए और भारी तोड़फोड़ हुई। व्यापारियों ने मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

प्रशासन का कड़ा रुख

डीएम और एसएसपी ने साफ कर दिया है कि बरेली में शांति व्यवस्था भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काने वाले संगठनों और नेताओं की भी जांच होगी। जिन लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए हिंसा फैलाने की कोशिश की है, उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा।

वर्तमान हालात और आगे की रणनीति

फिलहाल बरेली में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पुलिस और प्रशासन लगातार निगरानी रखे हुए हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। प्रशासन का दावा है कि आने वाले दिनों में हालात पूरी तरह सामान्य कर दिए जाएंगे और दोषियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।

जनता में डर और सवाल

हिंसा की इस घटना ने बरेली की जनता के बीच भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि जब पहले से ही प्रशासन को जानकारी थी तो इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे इकट्ठा हो गए। मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी के बाद हालांकि लोगों को उम्मीद है कि माहौल धीरे-धीरे शांत होगा, लेकिन दहशत का असर अभी भी साफ दिख रहा है।

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