रेलिंग पर बैठी, हाथ जोड़े और फिर लगा दी सातवीं मंजिल से छलांग… महिला वकील ने की आत्महत्या, वीडियो वायरल



उल्हासनगर की महिला वकील सरिता खांचंदानी ने 7वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली, वीडियो वायरल, पुलिस जांच में कई खुलासे


ठाणे के उल्हासनगर में महिला वकील की आत्महत्या से सनसनी, वीडियो वायरल

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर में शुक्रवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब शहर की जानी-मानी महिला वकील सरिता खांचंदानी ने रोमा बिल्डिंग की सातवीं मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह रेलिंग पर बैठकर हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करती हुई दिखाई देती हैं और कुछ ही क्षण बाद नीचे कूद जाती हैं। यह पूरी वारदात दोपहर करीब 12:30 बजे की बताई जा रही है।

किरायेदार से विवाद के बाद तनाव

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सरिता खांचंदानी ने अपने ऑफिस के पीछे का एक कमरा एक महिला को किराए पर दिया था। बुधवार को किरायेदार महिला से कमरे को खाली कराने को लेकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि किरायेदार ने सरिता के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में विठ्ठलवाड़ी पुलिस थाने में एनसी (नॉन-कॉग्निजेबल) दर्ज की गई थी।

इसी विवाद के चलते सरिता तनाव में थीं और घटना से कुछ घंटे पहले भी उन्होंने पुलिस स्टेशन जाकर अपनी बात रखी थी।

वीडियो ने मचाया बवाल

घटना का वीडियो सामने आने के बाद शहर में सनसनी फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कूदने से पहले सरिता रेलिंग पर बैठीं, हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना की और अचानक नीचे छलांग लगा दी। इस घटना को देखने वालों के होश उड़ गए। आनन-फानन में लोगों ने उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

बदनामी से परेशान थीं सरिता

स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना से पहले शहर के एक चर्चित व्हाट्सएप ग्रुप में एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने सरिता के कई वीडियो शेयर किए थे। इन वीडियोज़ के कारण उनकी बदनामी हो रही थी। परिवार और जानकारों का कहना है कि सरिता एक जुझारू महिला थीं, जिन्होंने हमेशा समाज के लिए काम किया। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या सोशल मीडिया ट्रोलिंग और बदनामी ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया।

पुलिस की जांच जारी

ठाणे पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। डीसीपी सचिन गोरे ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पुलिस हर एंगल से मामले की पड़ताल कर रही है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि किरायेदार से विवाद और उसके बाद दर्ज शिकायत के चलते सरिता मानसिक रूप से परेशान थीं।

समाजसेवा और पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय

सरिता खांचंदानी सिर्फ एक वकील ही नहीं बल्कि समाजसेविका भी थीं। वह हीराली फाउंडेशन नाम की संस्था चलाती थीं और उल्हासनगर से बहने वाली उल्हास और वालधुनी नदियों की सफाई के लिए लगातार अभियान चलाती थीं। वह वायु और जल प्रदूषण के खिलाफ भी मुखर आवाज उठाती रही थीं। उनके इन प्रयासों के कारण कई बार स्थानीय प्रभावशाली लोगों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा।

सवालों के घेरे में सोशल मीडिया और विवाद

इस घटना के बाद शहर में कई सवाल उठ रहे हैं। क्या सरिता की बदनामी के लिए जानबूझकर सोशल मीडिया पर वीडियो फैलाए गए? क्या राजनीतिक विरोधियों ने उनके खिलाफ साजिश रची? क्या एक साधारण किरायेदारी विवाद ने इतनी बड़ी त्रासदी को जन्म दिया?

प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सरिता बिल्डिंग की छत पर काफी देर तक टहलती रहीं। उन्होंने मोबाइल फोन पर भी कुछ बातचीत की, उसके बाद रेलिंग पर बैठकर हाथ जोड़े। वहां मौजूद लोग यह समझ ही नहीं पाए कि वह इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने वाली हैं। जब तक कोई कुछ कर पाता, वह कूद चुकी थीं।

परिवार और परिचितों का दुख

घटना के बाद परिवार और परिचित सदमे में हैं। उनका कहना है कि सरिता हमेशा दूसरों की मदद करती थीं और बहुत मजबूत स्वभाव की महिला थीं। उनके इस कदम ने सबको हैरान कर दिया है।



पुलिस जांच में नए खुलासे की संभावना

पुलिस ने बताया कि मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों की जांच की जा रही है। साथ ही जिन व्हाट्सएप ग्रुप्स में उनके वीडियो शेयर हुए थे, उनके एडमिन और सदस्यों से भी पूछताछ होगी। पुलिस का मानना है कि इस जांच से घटना की असली वजह सामने आएगी।

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