जौनपुर के शौर्य पांडेय का यूपी अंडर-16 बास्केटबॉल टीम में चयन, गाजियाबाद नेहरू वर्ल्ड स्कूल में पढ़ाई के साथ कर रहे अभ्यास।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
जौनपुर के शौर्य पांडेय का चयन यूपी अंडर-16 बास्केटबॉल टीम में
बरसठी जौनपुर क्षेत्र के बेलौनाकला (बबुरीगांव) का नाम अब राज्य स्तरीय खेल उपलब्धियों में दर्ज हो चुका है। गांव के होनहार खिलाड़ी शौर्य पांडेय ने अपनी मेहनत और निरंतर अभ्यास से उत्तर प्रदेश अंडर-16 बास्केटबॉल टीम में जगह बनाकर इतिहास रच दिया। इस खबर के बाद पूरे गांव में जश्न का माहौल है और लोग गर्व से उनका नाम ले रहे हैं। शौर्य का चयन केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि पूरे इलाके के लिए गर्व की बात है।
शौर्य पांडेय का बचपन और शिक्षा
शौर्य पांडेय का जन्म जौनपुर जिले के बबुरीगांव में हुआ। बचपन से ही उनमें खेलों के प्रति गहरी रुचि थी। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने महाराष्ट्र से प्राप्त की और वर्तमान में वे गाजियाबाद के नेहरू वर्ल्ड स्कूल में अध्ययनरत हैं। शिक्षा के साथ खेलों के प्रति उनका जुनून उन्हें लगातार नए मुकाम तक ले जा रहा है।
खेल के प्रति जुनून और कड़ी मेहनत
पढ़ाई के साथ-साथ शौर्य ने बास्केटबॉल में अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए दिन-रात मेहनत की। गाजियाबाद के स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान उन्होंने हर मौके का फायदा उठाते हुए कोर्ट पर खुद को साबित किया। निरंतर अभ्यास और समर्पण की वजह से उन्होंने न केवल स्कूल स्तर पर बल्कि राज्य स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई।
प्रशिक्षकों और संस्थाओं का योगदान
शौर्य की सफलता के पीछे कई संस्थाओं और प्रशिक्षकों का योगदान है। पिता राहुल पांडेय ने बताया कि मस्तान वाईएमसीए, मुंबई साउथ वेस्ट बास्केटबॉल डिस्ट्रिक्ट, नेहरू वर्ल्ड स्कूल और ट्रिपल टैक्स बास्केटबॉल अकादमी ने शौर्य की प्रतिभा को तराशने में अहम भूमिका निभाई। प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन और दादा ओमप्रकाश पांडेय के आशीर्वाद ने इस उपलब्धि को संभव बनाया।
गांव और परिवार में खुशी का माहौल
शौर्य पांडेय के चयन की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने उन्हें और उनके परिवार को बधाई दी। हर किसी की जुबां पर यही बात है कि शौर्य ने गांव का नाम रोशन किया है। परिवारजन भी गर्व से गदगद हैं और उनका कहना है कि यह तो बस शुरुआत है, शौर्य आने वाले समय में और भी बड़े मुकाम हासिल करेंगे।
भविष्य की संभावनाएं और प्रेरणा
शौर्य पांडेय का चयन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। छोटे गांव से निकलकर राज्य स्तरीय टीम में जगह बनाना आसान नहीं होता। उनकी सफलता से यह साबित होता है कि प्रतिभा और मेहनत के बल पर कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शौर्य इसी तरह मेहनत करते रहे तो आने वाले समय में वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नाम रोशन कर सकते हैं।
बास्केटबॉल में बढ़ते अवसर
भारत में बास्केटबॉल का क्रेज लगातार बढ़ रहा है और युवाओं के लिए इसमें करियर बनाने के मौके भी बढ़ते जा रहे हैं। यूपी अंडर-16 टीम में शौर्य का चयन इस बात का उदाहरण है कि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले खिलाड़ी भी मेहनत और समर्पण से बड़े अवसर हासिल कर सकते हैं।
जौनपुर के शौर्य पांडेय ने साबित कर दिया है कि गांव की मिट्टी से निकले खिलाड़ी भी बड़े सपनों को सच कर सकते हैं। उनका चयन सिर्फ व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि पूरे समाज और क्षेत्र की उपलब्धि है। शौर्य की मेहनत, परिवार का सहयोग और प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा।


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