टीचर ने 426 बच्चों के खाने में मिलाया फिनायल, निजी रंजिश में मासूमों की जान से खेला, ऐसे पकड़ा गया आरोपी


सुकमा में सरकारी स्कूल के 426 छात्रों के खाने में टीचर ने फिनाइल मिला दी। निजी रंजिश का चौंकाने वाला खुलासा, आरोपी गिरफ्तार।


सुकमा का दिल दहला देने वाला कांड

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया। यहां सरकारी आवासीय विद्यालय के 426 छात्रों की जान पर बन आई जब उनके खाने में जहर मिला दिया गया। जांच में सामने आया कि यह खौफनाक वारदात किसी बाहरी हमले का नतीजा नहीं बल्कि स्कूल के ही एक सहायक शिक्षक की साजिश थी। आरोपी का नाम धनंजय साहू है, जिसने निजी दुश्मनी के चलते मासूम बच्चों को मौत के मुंह में धकेलने की कोशिश की।

आरोपी और उसकी गिरफ्तारी

पुलिस ने बताया कि धनंजय साहू पाकेला गांव के सरकारी आवासीय पोर्टा केबिन स्कूल में सहायक शिक्षक था। उसका छात्रावास अधीक्षक दुजाल पटेल से लंबे समय से व्यक्तिगत विवाद चल रहा था। इसी रंजिश में उसने 21 अगस्त की रात बच्चों के खाने में मिलाई गई सब्जी में फिनाइल मिला दी। हालांकि, इसकी भनक तब लगी जब एक कर्मचारी ने खाने से उठती दुर्गंध महसूस की और पास ही फिनाइल की खाली बोतल देख ली।

कैसे बचीं 426 जानें

जैसे ही गंध और संदिग्ध बोतल का पता चला, छात्रावास अधीक्षक पटेल को सूचना दी गई। उन्होंने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को खबर दी और खाना बाहर फेंकवा दिया गया। यह त्वरित कदम 426 बच्चों की जिंदगी बचाने में निर्णायक साबित हुआ। अगर चंद मिनटों की भी देरी होती तो नतीजा बेहद भयावह हो सकता था।

निजी रंजिश का काला सच

जांच में सामने आया कि एक साल पहले तक हॉस्टल का अधीक्षक खुद धनंजय साहू था। इस दौरान उसने एक छात्र की पिटाई की थी, जिससे बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसी वजह से साहू को अधीक्षक पद से हटाकर दुजाल पटेल को यह जिम्मेदारी दी गई। साहू इस फैसले से बेहद खफा था और तभी से पटेल से दुश्मनी रखता था। इसी रंजिश ने उसे इतना अंधा कर दिया कि उसने बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर डाला।

आरोपी का अपराध स्वीकार

छिंदगढ़ पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के बाद धनंजय साहू को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल करते हुए कहा कि उसका उद्देश्य सीधे-सीधे अधीक्षक पटेल को नुकसान पहुंचाना था, मगर उसने छात्रों को मोहरा बना दिया। पुलिस ने उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 (हत्या का प्रयास) समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। उसे कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

प्रशासन और पुलिस की सख्ती

घटना की जानकारी मिलते ही सुकमा जिले के जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए। पुलिस ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए हर एंगल से जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने साफ किया है कि छात्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और दोषी को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।

अभिभावकों में दहशत और गुस्सा

इस घटना के बाद से अभिभावकों में गुस्सा और दहशत दोनों है। एक ओर वे राहत महसूस कर रहे हैं कि उनके बच्चों की जान बच गई, तो दूसरी ओर वे इस बात से बेहद आक्रोशित हैं कि स्कूल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर भी बच्चों की जान जोखिम में पड़ सकती है। कई अभिभावकों ने आरोपी शिक्षक को सख्त सजा देने की मांग की है।

शिक्षा प्रणाली पर उठे सवाल

यह घटना शिक्षा प्रणाली पर भी बड़े सवाल खड़े करती है। अगर समय रहते गंध का पता न चलता तो क्या 426 बच्चों की जान चली जाती? क्या स्कूलों में कर्मचारियों और शिक्षकों की सख्त बैकग्राउंड जांच होनी चाहिए? इस घटना ने सुरक्षा और निगरानी तंत्र की खामियों को उजागर कर दिया है।

आगे की जांच और संभावित कार्रवाई

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी अकेले ने यह साजिश रची थी या किसी और ने उसकी मदद की। फिलहाल सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय में अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी ताकि भविष्य में कोई और ऐसा कदम उठाने की हिम्मत न कर सके।

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