पति को बचाने के लिए पत्नी ने दान किया लीवर, ऑपरेशन के बाद दोनों की मौत… परिवार ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का गंभीर आरोप


पुणे में पत्नी ने पति को बचाने के लिए लीवर दान किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद दोनों की मौत, परिवार ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया।


पुणे में लीवर ट्रांसप्लांट का दर्दनाक हादसा: पति-पत्नी दोनों की मौत, अस्पताल पर गंभीर आरोप

महाराष्ट्र के पुणे स्थित सह्याद्री अस्पताल से एक बेहद दर्दनाक और भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां 45 वर्षीय बापू बालकृष्ण कोमकर लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी पत्नी, 40 वर्षीय कामिनी बापू कोमकर ने पति की जान बचाने के लिए अपना लीवर दान करने का बड़ा फैसला लिया। बुधवार को लीवर ट्रांसप्लांट की सर्जरी हुई, लेकिन दो दिन बाद ही शुक्रवार को बापू की मौत हो गई और रविवार 24 अगस्त को कामिनी ने भी दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे परिवार और इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया है।

परिवार का आरोप और भावनात्मक दर्द

परिजनों का कहना है कि इस सर्जरी के लिए कोमकर दंपती ने अपनी जमीन-जायदाद तक बेच दी थी। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी उन्हें सही इलाज नहीं मिला। रिश्तेदारों ने अस्पताल और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि सर्जरी सही तरीके से की जाती तो दोनों की जान बच सकती थी। आरोप यह भी लगाया गया कि अस्पताल में लीवर ट्रांसप्लांट के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की पूरी टीम मौजूद नहीं थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।

अस्पताल पर उठे सवाल

कोमकर परिवार ने अस्पताल प्रबंधन और संबंधित डॉक्टरों पर गुनाह दर्ज करने की मांग की है। रिश्तेदारों का आरोप है कि यह मौत महज लापरवाही की वजह से हुई है। उनके मुताबिक दंपती को यह भरोसा दिलाया गया था कि ऑपरेशन सुरक्षित होगा और वे पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे। लेकिन हकीकत इसके उलट साबित हुई। परिवार का कहना है कि दोनों की जान बचाने की बजाय अस्पताल ने उन्हें मौत की तरफ धकेल दिया।

महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने सह्याद्री अस्पताल को नोटिस जारी कर दिया है। स्वास्थ्य सेवा उपनिदेशक डॉ. नागनाथ येमपल्ले ने बताया कि अस्पताल को लीवर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया से जुड़ी सभी जानकारी सोमवार तक जमा करने का आदेश दिया गया है। इसमें लीवर दाता और प्राप्तकर्ता का पूरा विवरण, उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग और ऑपरेशन की पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट शामिल है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

अस्पताल प्रबंधन का बयान

वहीं अस्पताल प्रबंधन ने अपने बयान में कहा है कि लीवर ट्रांसप्लांट पूरी तरह से चिकित्सा प्रोटोकॉल के तहत किया गया था। परिवार को पहले ही सर्जरी के जोखिमों के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई थी और उनकी सहमति लेने के बाद ही ऑपरेशन किया गया। अस्पताल ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और मामले की पारदर्शी समीक्षा के लिए सभी जरूरी दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

रिश्तेदारों की मांग और बढ़ता विवाद

दंपती की मौत के बाद रिश्तेदारों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उन्होंने मांग की है कि अस्पताल और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाए। उनका कहना है कि इस तरह की लापरवाही को माफ नहीं किया जा सकता। परिवार का यह भी कहना है कि अगर विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद होते और सर्जरी में सावधानी बरती जाती तो दोनों की मौत नहीं होती। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।

लीवर ट्रांसप्लांट और इसके खतरे

लीवर ट्रांसप्लांट एक जटिल और बेहद जोखिम भरा ऑपरेशन होता है। इसमें दाता और प्राप्तकर्ता दोनों की जिंदगी खतरे में होती है। हालांकि, यह प्रक्रिया हजारों मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित हुई है। लेकिन यदि सर्जरी में लापरवाही हो जाए या विशेषज्ञ टीम न हो, तो नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं। इसी वजह से इस मामले ने चिकित्सा जगत और स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

समाज पर असर और सवाल

इस दर्दनाक घटना ने समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक पत्नी का अपने पति के लिए जान दांव पर लगाना और दोनों की मौत हो जाना किसी भी इंसान को भीतर तक हिला सकता है। यह घटना इस सवाल को जन्म देती है कि क्या हमारे अस्पताल और स्वास्थ्य संस्थान इतने बड़े ऑपरेशनों को संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं? क्या मरीजों और उनके परिजनों को भरोसा दिलाने के बाद ऐसी मौतों के लिए सिर्फ "रिस्क" शब्द का सहारा लिया जा सकता है?

आगे की कार्रवाई

अब यह मामला जांच के घेरे में है। स्वास्थ्य विभाग की टीम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। यदि जांच में अस्पताल की लापरवाही साबित होती है तो कानूनी कार्रवाई तय है। वहीं, परिवार न्याय की गुहार लगाते हुए लगातार अस्पताल के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग कर रहा है। यह देखना बाकी है कि इस दर्दनाक हादसे का अंत क्या होगा, लेकिन इतना तय है कि कोमकर दंपती की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है।

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