मेरठ में कांस्टेबल सिद्धांत तोमर ने फंदे से लटके युवक को CPR देकर बचाया, अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक, वीडियो वायरल।
मेरठ में फंदे से झूल रहे युवक की कांस्टेबल ने बचाई जान
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के गंगानगर थाना क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पुलिस की तत्परता और मानवीय संवेदना की मिसाल कायम की। कसेरू बक्सर इलाके में 20 वर्षीय युवक विशाल ने पारिवारिक तनाव और दोस्तों से कहासुनी के चलते खुद को कमरे में बंद कर फांसी लगाने की कोशिश की। सूचना मिलते ही पुलिस रिस्पांस व्हीकल (PRV) के जवान पांच मिनट के भीतर मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर युवक की जान बचाई।
कैसे हुई घटना की शुरुआत
बुधवार दोपहर को गंगानगर थाना क्षेत्र की पुलिस कंट्रोल रूम को एक कॉल प्राप्त हुआ। कॉल करने वाले दौलतराम ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा विशाल कमरे में बंद हो गया है और फांसी लगाने वाला है। कॉल मिलते ही PRV 112 की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। टीम में कांस्टेबल सिद्धांत तोमर और चालक हरिओम मौजूद थे।
5 मिनट में पहुंची पुलिस टीम
पुलिस की तत्परता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूचना मिलते ही महज पांच मिनट के अंदर पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। कांस्टेबल सिद्धांत तोमर ने लोहे का दरवाजा तोड़ने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल किया और अंदर घुसे तो देखा कि विशाल फांसी के फंदे पर झूल रहा था।
CPR देकर बचाई जान
उस समय विशाल की सांसें धीमी पड़ चुकी थीं और वह बेहोशी की हालत में था। कांस्टेबल सिद्धांत तोमर ने तुरंत CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देना शुरू किया। लगातार कोशिशों के बाद युवक में हलचल दिखी और उसकी नब्ज ने काम करना शुरू किया। इसके बाद उसे तुरंत पुलिस वाहन में डालकर निजी अस्पताल पहुंचाया गया।
डॉक्टरों की रिपोर्ट और नाजुक हालत
अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि विशाल की हालत गंभीर बनी हुई है। लगातार उपचार चल रहा है और डॉक्टरों की एक टीम उसकी स्थिति पर नजर रखे हुए है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अगर पीआरवी समय पर नहीं पहुंचती तो युवक की जान बचाना मुश्किल था।
पारिवारिक कलह और तनाव बना वजह
गंगानगर थाने के प्रभारी अनूप सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विशाल पारिवारिक विवाद और दोस्तों से हुई कहासुनी के कारण मानसिक तनाव में था। इसी तनाव के चलते उसने यह कदम उठाया। पुलिस परिवार से बातचीत कर रही है और घटना की गहराई से जांच भी की जा रही है।
कांस्टेबल की बहादुरी की चर्चा
स्थानीय लोगों ने कांस्टेबल सिद्धांत तोमर और ड्राइवर हरिओम की सराहना की। सोशल मीडिया पर भी इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कांस्टेबल युवक को CPR देते नजर आ रहे हैं। लोगों ने पुलिस की तत्परता और साहस को सलाम किया और कहा कि यह पुलिस की असली छवि है, जो संकट की घड़ी में जनता की जान बचाने के लिए हमेशा तैयार रहती है।
PRV सिस्टम पर बढ़ा भरोसा
मेरठ की इस घटना ने PRV सिस्टम पर लोगों का भरोसा और मजबूत कर दिया है। कुछ साल पहले तक आमतौर पर पुलिस की छवि केवल अपराध रोकने या मुकदमा दर्ज करने तक सीमित मानी जाती थी, लेकिन अब समय पर रिस्पांस और मानवीय प्रयासों से पुलिस जनता के बीच संवेदनशील और मददगार इमेज बनाने में सफल हो रही है।
वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा उत्साह
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे इलाके में चर्चा का माहौल है। लोग कह रहे हैं कि अगर पुलिस टीम 5 मिनट की देरी भी कर देती तो एक परिवार बर्बाद हो जाता। सोशल मीडिया पर कांस्टेबल सिद्धांत तोमर को ‘हीरो कॉप’ कहा जा रहा है।
प्रशासन और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
गंगानगर थाना प्रभारी ने भी अपनी टीम की तारीफ की और कहा कि ऐसे मौके पर तुरंत कार्रवाई करना ही पुलिस की असली जिम्मेदारी है। वहीं जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कांस्टेबल सिद्धांत तोमर की बहादुरी की सराहना की है और कहा है कि उनकी तत्परता से एक मासूम जान बचाई जा सकी।
मानसिक स्वास्थ्य पर उठे सवाल
इस घटना ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या पर भी ध्यान खींचा है। पारिवारिक विवाद, तनाव और अवसाद की वजह से हर साल हजारों लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए समाज में संवाद, काउंसलिंग और परिवारिक सहयोग बेहद जरूरी है।
मेरठ में घटित यह घटना पुलिस की फुर्ती, साहस और मानवीयता का बेहतरीन उदाहरण है। कांस्टेबल सिद्धांत तोमर ने जिस तरह से फंदे पर झूल रहे युवक को CPR देकर बचाया, उसने पुलिस के प्रति जनता का भरोसा और बढ़ा दिया है। हालांकि युवक की हालत अभी भी नाजुक है, लेकिन पुलिस और डॉक्टरों की सतर्कता ने उसकी जिंदगी की डोर थाम रखी है।


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