चलती बस में ड्राइवर को आया हार्ट अटैक, 50 यात्रियों की जान बाल-बाल बची… क्लीनर ने संभाली स्टीयरिंग, वीडियो वायरल


इंदौर में बस ड्राइवर को चलते बस में हार्ट अटैक, क्लीनर ने संभाला स्टीयरिंग, 50 यात्रियों की जान बची, वीडियो वायरल


इंदौर में चलती बस में ड्राइवर को आया हार्ट अटैक, क्लीनर ने बचाई 50 यात्रियों की जान

मध्य प्रदेश के इंदौर से राजस्थान के जोधपुर जा रही एक यात्री बस में बड़ा हादसा टल गया, जब बस चला रहे ड्राइवर को अचानक हार्ट अटैक आ गया। उस वक्त बस में 50 से ज्यादा यात्री सवार थे। ड्राइवर ने गजब का साहस दिखाते हुए मरने से ठीक पहले बस का कंट्रोल क्लीनर को सौंप दिया। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और अब सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि ड्राइवर को संभवतः "साइलेंट हार्ट अटैक" आया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।

कैसे हुआ हादसा

मृतक ड्राइवर की पहचान राजस्थान के जोधपुर निवासी 36 वर्षीय सतीश राव के रूप में हुई है। वह इंदौर से जोधपुर यात्रियों को लेकर बस चला रहे थे। सफर के दौरान अचानक उन्हें घबराहट महसूस हुई। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सतीश ने खुद क्लीनर को ड्राइविंग सीट पर बिठाया और कहा कि उसे घबराहट हो रही है। कुछ ही देर बाद वह बगल की सीट पर बैठते ही बेसुध होकर गिर पड़े।

बस में सवार यात्रियों में मची अफरातफरी

जैसे ही ड्राइवर अचानक गिरा, यात्रियों के बीच अफरातफरी मच गई। कई यात्री तुरंत आगे आए और सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देकर उसे बचाने की कोशिश की। वहीं क्लीनर ने समझदारी दिखाते हुए बस को संतुलित रखा और किसी तरह सुरक्षित साइड में रोक दिया। अगर ड्राइवर ने समय रहते स्टीयरिंग क्लीनर को नहीं थमाई होती, तो यह हादसा एक बड़े बस दुर्घटना में बदल सकता था।

अस्पताल में हुई मौत

ड्राइवर सतीश को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बताया कि उन्हें "साइलेंट हार्ट अटैक" आया था और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों का कहना है कि साइलेंट अटैक में अक्सर शुरुआती लक्षण साफ दिखाई नहीं देते और मरीज को अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

यह पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिखता है कि ड्राइवर पहले स्टीयरिंग क्लीनर को देता है और फिर अचानक बेसुध होकर गिर जाता है। यह वीडियो देखकर लोग बस ड्राइवर की सूझबूझ की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने अंतिम क्षणों में भी यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी।

क्लीनर ने बताई पूरी घटना

क्लीनर ने बताया कि जब बस जोधपुर की तरफ जा रही थी, तभी सतीश को घबराहट हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि "तुम बस चलाओ, मुझे ठीक नहीं लग रहा"। इसके बाद मैंने ड्राइविंग सीट संभाली और उन्होंने बगल की सीट पर बैठते ही अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। यात्रियों ने उन्हें सीपीआर दिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

यात्रियों के बयान

बस में मौजूद यात्रियों ने कहा कि यह एक चमत्कार से कम नहीं था कि समय रहते क्लीनर ने बस रोक दी। वरना 50 से अधिक यात्रियों की जान पर बन सकती थी। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर घटना की तस्वीरें और वीडियो साझा कर लिखा कि ड्राइवर सतीश ने मरने से पहले अपनी जिम्मेदारी पूरी की।

हार्ट अटैक और ट्रांसपोर्ट सेक्टर

विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार लंबे समय तक गाड़ी चलाना, तनाव और अनियमित दिनचर्या की वजह से बस-ट्रक ड्राइवरों में हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। साइलेंट हार्ट अटैक तो और भी खतरनाक होता है क्योंकि इसके लक्षण सामान्य थकान या सीने में हल्की जलन जैसे नजर आते हैं, जिन्हें लोग अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और ड्राइवर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, ट्रांसपोर्ट विभाग ने इस घटना के बाद निजी बस ऑपरेटरों को निर्देश दिया कि बस में हमेशा सहायक ड्राइवर या प्रशिक्षित क्लीनर मौजूद रहें, ताकि किसी आकस्मिक स्थिति में बस को सुरक्षित रोका जा सके।

परिवार का हाल

ड्राइवर सतीश राव के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जोधपुर स्थित उनके घर में मातम पसरा हुआ है। परिवार के लोगों ने बताया कि सतीश हमेशा जिम्मेदार और खुशमिजाज इंसान थे। घर से निकलते समय उन्होंने कहा था कि “सुरक्षित पहुंचकर फोन करूंगा” लेकिन अब उनकी सिर्फ मौत की खबर ही लौटी।

सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग ड्राइवर को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। कई लोगों ने लिखा कि सतीश असली हीरो हैं, जिन्होंने मरते वक्त भी यात्रियों की जिंदगी को प्राथमिकता दी।


यह घटना न केवल मानव संवेदनाओं को झकझोरती है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि सड़क सुरक्षा सिर्फ ट्रैफिक नियमों से नहीं बल्कि ड्राइवर की सूझबूझ और जिम्मेदारी से भी जुड़ी होती है। इंदौर से जोधपुर जा रही बस का यह हादसा भारत की परिवहन व्यवस्था और ड्राइवरों की कठिन परिस्थितियों को उजागर करता है।

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