बेगूसराय के 50 हजार के इनामी डब्लू यादव को हापुड़ एनकाउंटर में मार गिराया गया, 'हम' पार्टी नेता की हत्या कर था फरार।
हापुड़ एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात डब्लू यादव
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में रविवार देर रात ढाई बजे एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम देते हुए यूपी एसटीएफ ने कुख्यात अपराधी डब्लू यादव को मार गिराया। बिहार के बेगूसराय जिले से ताल्लुक रखने वाला डब्लू यादव 50,000 रुपये का इनामी था और उस पर हत्या, डकैती, रंगदारी समेत कुल 24 संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी।
डब्लू यादव पिछले कुछ महीनों से फरार चल रहा था और यूपी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि वह सिंभावली इलाके में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाला है। इसी इनपुट के आधार पर टीम ने बड्ढा नहर पुल के पास घेराबंदी की और उसे सरेंडर करने को कहा गया। लेकिन जवाब में डब्लू यादव ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया, और अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
'हम' पार्टी नेता की हत्या के बाद से था फरार
बिहार में जमानत पर रिहा होने के बाद डब्लू यादव ने हाल ही में साहेबपुर कमाल में 'हम' पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष राकेश उर्फ विकास कुमार का अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके बाद वह फरार हो गया और पुलिस उसे राज्यभर में तलाश रही थी।
डब्लू यादव के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी, डकैती, अपहरण, हथियारों की तस्करी और लूटपाट जैसे संगीन मामले दर्ज थे। वह कई बार जेल जा चुका था लेकिन हर बार जमानत पर बाहर आकर अपराध की दुनिया में और ज्यादा खतरनाक बनकर लौटा।
2005 में रखा था अपराध की दुनिया में कदम
डब्लू यादव ने अपराध की दुनिया में कदम 2005 में रखा जब उसने अपने ही गांव के एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला किया। इसके बाद वह जेल गया और फिर जेल से रिहा होकर एक के बाद एक अपराध करता चला गया।
उसका नाम पहली बार सुर्खियों में तब आया जब उसने आर्मी में कार्यरत महेंद्र यादव की हत्या कर दी। इसके बाद तो वह लगातार वारदातों को अंजाम देता रहा। बेगूसराय से लेकर खगड़िया, पूर्णिया और नेपाल तक उसके खौफ का दायरा फैल गया था।
किसी ने नहीं देखा उसका अंत आते हुए
डब्लू यादव की दहशत इतनी थी कि उसके खिलाफ कोई गवाही देने को तैयार नहीं होता था। उसके किए अपराधों में पुलिस को साक्ष्य नहीं मिल पाते थे। वह खुलेआम रंगदारी वसूली करता और दिनदहाड़े लूट की वारदातों को अंजाम देता।
उसके पिता ने भी बरौनी गांव में एक हत्या की थी, जिसके बाद 1995 में पूरा परिवार साहेबपुर कमाल के ज्ञान टोला गांव में शिफ्ट हो गया था। वहां से उसने एक नया अपराधिक नेटवर्क तैयार किया और पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया।
यूपी STF ने किया एनकाउंटर का संचालन
यूपी एसटीएफ को जैसे ही सूचना मिली कि डब्लू यादव सिंभावली क्षेत्र में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाला है, वैसे ही बड्ढा नहर पुल के पास पुलिस की घेराबंदी की गई।
एनकाउंटर के दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हुए। जवाबी कार्रवाई में वह खुद घायल हुआ और बाद में उसकी मौत हो गई।
हापुड़ पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और एनकाउंटर की पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई है।
बिहार के टॉप मोस्ट वांटेड अपराधियों में था नाम
डब्लू यादव का नाम बिहार के टॉप मोस्ट वांटेड अपराधियों में गिना जाता था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वह पांच लोगों की हत्या कर चुका था और हथियार तस्करी से लेकर डकैती तक हर अपराध में सक्रिय था।
बेगूसराय पुलिस और यूपी एसटीएफ की सयुंक्त कार्रवाई से इस कुख्यात अपराधी का अंत हुआ। फिलहाल हापुड़ पुलिस और बिहार पुलिस उसके नेटवर्क और संपर्कों की जांच में जुटी है।


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