मेरठ में मौलवी का बेटा 'पंडित कृष्ण' बन रह रहा था, 1 साल तक मंदिर में की पूजा-पाठ, दानपात्र खोलते वक्त हुआ पहचान का भंडाफोड़



मेरठ के मंदिर में मुस्लिम युवक कासिम ने नाम बदलकर एक साल तक पंडित बनकर की पूजा, दानपात्र खोलते वक्त हुआ खुलासा।


पहचान छुपाकर मंदिर में रह रहा था कासिम, बन गया था ‘कृष्ण’

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम युवक ने अपनी असली पहचान छिपाकर हिंदू मंदिर में पंडित बनकर लगभग एक साल तक सेवा की। आरोपी का असली नाम कासिम है, जो खुद को कृष्ण बताकर मंदिर में रह रहा था। कासिम मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले का निवासी है और उसने अपनी पहचान बदलकर मेरठ के दौराला क्षेत्र के दादरी गांव के शिव मंदिर में खुद को बतौर पंडित स्थापित कर लिया था।

पूजा-पाठ, मंत्र और हस्तरेखा: पूरी तरह बना लिया था ब्राह्मण का वेश

कासिम ने केवल नाम ही नहीं बदला था, बल्कि वह हिंदू धर्म की पूरी रीति-रिवाजों में भी निपुण हो चुका था। उसे मंत्रोच्चारण, पूजा विधि और यहां तक कि हाथ की रेखाएं पढ़ने तक का ज्ञान था। मंदिर में उसकी गतिविधियां इतनी स्वाभाविक थीं कि किसी को शक होने का कोई कारण नहीं मिला। उसने बाकायदा मंदिर की सफाई, पूजा, आरती और अनुष्ठान में हिस्सेदारी की और सभी को विश्वास दिलाया कि वह वास्तव में एक ब्राह्मण युवक है।

दिल्ली, मुजफ्फरनगर, मेरठ: बार-बार बदलता था ठिकाना

पुलिस जांच में पता चला कि कासिम इससे पहले दिल्ली के कालका मंदिर में भी रह चुका था, जहां उसने खुद को कृष्ण कुमार बताया था। इसके बाद वह मेरठ पहुंचा और फिर मुजफ्फरनगर के खतौली स्थित एक अन्य मंदिर में रहा। कासिम का यह ठिकाना बदलने का तरीका यह दर्शाता है कि वह पूरी साजिश के तहत योजनाबद्ध रूप से खुद को मंदिरों में स्थापित करता रहा है। पुलिस ने आशंका जताई है कि इस तरह की घटना उसके द्वारा पहले भी की जा सकती है।

दानपात्र खोलते वक्त हुआ पर्दाफाश, ग्रामीणों ने किया विरोध

23 जुलाई को जब कासिम शिवरात्रि के अवसर पर दोबारा मेरठ के दादरी गांव के उसी मंदिर में पहुंचा, जहां वह पहले रह चुका था, तो उसने वहां रखे दानपात्र को खोलना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और पूछा कि जब वह पहले ही मंदिर छोड़ चुका था, तो दान की राशि पर उसका क्या हक बनता है। इस विवाद के बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद कासिम को हिरासत में लिया गया।

पूछताछ में सामने आई सच्चाई, नाम और मजहब दोनों निकले फर्जी

पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि जिसे लोग कृष्ण कुमार समझ रहे थे, वह असल में कासिम नाम का युवक है। पुलिस के अनुसार कासिम एक मौलवी का बेटा है और उसने अपनी पहचान छिपाकर मंदिर में रहना शुरू किया था। कासिम को न सिर्फ गिरफ्तार कर लिया गया है, बल्कि उसके खिलाफ पहचान छिपाने और धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

एसएसपी मेरठ का बयान: आरोप तय, कासिम को भेजा गया जेल

मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉक्टर विपिन ताड़ा ने मीडिया को बताया कि आरोपी कासिम को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर समिति की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और पूछताछ के बाद सच्चाई सामने आ गई। एसएसपी के मुताबिक, आरोपी मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले का निवासी है और उसकी गतिविधियों की विस्तृत जांच की जा रही है।

आशंका: कहीं और भी तो नहीं दोहराया गया यह फॉर्मूला?

पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या कासिम ने इसी तरह अन्य मंदिरों में भी धोखाधड़ी की है। बार-बार ठिकाना बदलना और हर जगह पर ‘कृष्ण’ बनकर स्थापित होना, इस पूरे मामले को गंभीर रूप देता है। हालांकि अभी तक किसी अन्य मंदिर से आधिकारिक शिकायत सामने नहीं आई है, लेकिन मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है

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