लखनऊ में कपड़ा कारोबारी ने पत्नी-बेटी संग सुसाइड किया। सुसाइड नोट में साली-साढू पर गंभीर आरोप, 50 लाख कर्ज और पारिवारिक तनाव उजागर।
लखनऊ सुसाइड केस में नया मोड़: साली-साढू के नाम ने मचाया बवाल
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से आई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। कपड़ा कारोबारी शोभित रस्तोगी ने अपनी पत्नी और नाबालिग बेटी संग आत्महत्या कर ली थी। अब इस केस में नया मोड़ सामने आया है। पुलिस को शोभित का एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपने साली और साढू पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए हैं।
'मम्मी जी को लखनऊ लाना चाहता था लेकिन दीदी ने रोका'
सुसाइड नोट में शोभित ने लिखा है कि उसकी मां के पास काफी प्रॉपर्टी है। वो कई बार चाहता था कि मां लखनऊ आकर उनके साथ रहें, लेकिन उसकी बहन और बहनोई ने हमेशा उसे रोक दिया। मृतक कारोबारी ने यह भी लिखा कि दीदी ने मां को पैसे देने से मना कर दिया और मम्मी का व्यवहार अब पहले जैसा नहीं रहा। इस भावनात्मक टूटन ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया।
अशरफाबाद में जहर खाकर दी परिवार सहित जान
यह दिल दहला देने वाली घटना लखनऊ के अशरफाबाद इलाके की है। 48 वर्षीय कपड़ा व्यापारी शोभित रस्तोगी ने अपनी 45 वर्षीय पत्नी शुचिता और 16 वर्षीय बेटी ख्याति के साथ सोमवार की सुबह जहर खा लिया। ख्याति ने सुबह 5 बजे चाची को फोन कर मम्मी-पापा की तबीयत खराब होने की सूचना दी थी, जिसके बाद मौके पर पहुंचा परिवार उन्हें ट्रॉमा सेंटर लेकर गया। डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
सुसाइड नोट में छुपा गहरा राज
पुलिस को फ्लैट से बरामद सुसाइड नोट ने इस केस को नया मोड़ दे दिया है। इसमें लिखा गया है कि कारोबारी लंबे समय से मानसिक तनाव में था। बैंक लोन, पारिवारिक विवाद और भावनात्मक समर्थन के अभाव ने उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उसने सुसाइड के लिए अपनी साली और साढू को भी जिम्मेदार ठहराया।
पत्नी शुचिता ने अपने भाई की मौत का किया जिक्र
सुसाइड नोट में कारोबारी की पत्नी शुचिता ने अपने भाई की नेपाल में हत्या का भी जिक्र किया है। उसने लिखा कि उसके जीजा विवेक की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही लिखा गया- “बहुत बैंक लोन हो गया है। कोई मदद नहीं करता, सब स्वार्थी हैं।” यह शब्द शुचिता के भीतर के दर्द और असहायता को दर्शाते हैं।
50 लाख का लोन बना आत्महत्या की वजह
शोभित पर कुल मिलाकर करीब 45 से 50 लाख रुपये का कर्ज था। कुछ किस्तें बाउंस होने के बाद बैंक और प्राइवेट रिकवरी एजेंट लगातार वसूली का दबाव बना रहे थे। फोन पर धमकियां और घर आकर उधार चुकाने की मांग ने उसकी मानसिक स्थिति को और बिगाड़ दिया। इस तनाव में वह लगातार उलझता गया और आखिरकार यह भयावह कदम उठाया।
लगातार दो दिन तक बनाई आत्महत्या की योजना
पुलिस जांच में सामने आया है कि शोभित और उसकी पत्नी ने दो दिन पहले ही सुसाइड की योजना बना ली थी। वह यह बात किसी को नहीं बता पा रहे थे। इस दौरान उन्होंने किसी से कोई मदद नहीं मांगी, ना ही किसी को अपनी परेशानी बताई। सोमवार को तड़के उन्होंने अपना निर्णय अंतिम रूप दिया और परिवार सहित जहर खा लिया।
आधार कार्ड से होगी कर्ज की जांच
पुलिस फिलहाल हर एंगल से इस केस की जांच कर रही है। घटनास्थल से कई साक्ष्य इकट्ठा किए गए हैं। शोभित के आधार कार्ड और बैंक डिटेल्स के ज़रिए पता लगाया जा रहा है कि कितने और कहां-कहां से लोन लिया गया था। इसमें NBFC, निजी एजेंट और बैंकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
शुचिता के शब्दों में दिखी सामाजिक कटुता
सुसाइड नोट में शुचिता की तरफ से लिखा गया हिस्सा इस मामले को और भी गंभीर बना देता है। उसने न सिर्फ अपने भाई की संदिग्ध हत्या का जिक्र किया, बल्कि यह भी लिखा कि पूरा परिवार उसे बोझ समझता है। उसने लिखा- "हमें कोई नहीं पूछता, सब अपनी दुनिया में मस्त हैं। हमारे दर्द से किसी को फर्क नहीं पड़ता।"
पड़ोसियों को नहीं थी भनक, परिवार लगता था सामान्य
अशरफाबाद के फ्लैट में रह रहे रस्तोगी परिवार को लेकर पड़ोसियों का कहना है कि वह एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार की तरह दिखते थे। कभी किसी से झगड़ा नहीं, ना ही किसी को शंका हुई कि घर में इतनी बड़ी उथल-पुथल चल रही है। इस घटना के बाद पूरे मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है।
पुलिस जांच में साढू और साली की भूमिका पर फोकस
अब पुलिस इस सुसाइड नोट को आधार बनाकर मृतक के साढू और साली की भूमिका की जांच कर रही है। अगर यह साबित होता है कि उन्होंने मानसिक रूप से दबाव बनाया या जानबूझकर आर्थिक मदद से इनकार किया, तो उनके खिलाफ उकसाने की धाराओं में केस दर्ज हो सकता है।
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