इंदौर में जन्मा दो सिर वाला बच्चा: ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टर भी रह गए सन्न, मां की हालत सामान्य, नवजात नाजुक


इंदौर में महिला ने दिया दो सिर वाले बच्चे को जन्म, डॉक्टर्स हैरान, बच्चा ICU में भर्ती, पैरापैगस ट्विन्स केस ने मचाई सनसनी।


देवास से इंदौर पहुंची महिला ने दिया कुदरत के करिश्मे को जन्म

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में एमटीएच अस्पताल में एक अजीबोगरीब और दुर्लभ मामला सामने आया है। देवास की रहने वाली एक गर्भवती महिला ने यहां एक ऐसे बच्चे को जन्म दिया है, जिसके दो सिर हैं लेकिन शरीर एक है। डॉक्टरों के अनुसार, यह parapagus dicephalus conjoined twins का केस है, जिसमें दो सिर होते हैं लेकिन शरीर एक साझा होता है। यह स्थिति दुनिया में लाखों में कभी देखने को मिलती है।

रात 2 बजे हुआ ऑपरेशन, डॉक्टर भी रह गए सन्न

महिला को 21 जुलाई की रात देवास से इंदौर के एमटीएच हॉस्पिटल रेफर किया गया था। जब लेबर पेन तेज हुआ तो डॉक्टर्स ने तत्काल ऑपरेशन का निर्णय लिया। 23 जुलाई की देर रात ऑपरेशन हुआ, जहां सर्जरी डॉक्टर नीलेश दलाल की टीम ने की। ऑपरेशन थिएटर में जैसे ही बच्चा बाहर आया, डॉक्टर्स की आंखें फटी की फटी रह गईं। नवजात के दो सिर देखकर चिकित्सा स्टाफ भी हैरान रह गया।

बच्चे का वजन 2.8 किलो, हालत नाजुक

नवजात का कुल वजन 2 किलो 800 ग्राम है, लेकिन उसकी हालत अत्यंत नाजुक बनी हुई है। उसे अस्पताल की स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट (SNCU) में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टर्स की एक विशेष टीम उसकी चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है। फिलहाल उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है और इंदौर के मेडिकल विशेषज्ञों द्वारा उसका गहन परीक्षण किया जा रहा है।

मां की स्थिति स्थिर, डॉक्टरों की निगरानी में

जहां एक तरफ बच्चा जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है, वहीं मां की हालत पूरी तरह सामान्य बताई जा रही है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक महिला को फिलहाल अस्पताल में ही निगरानी में रखा गया है, ताकि किसी तरह की मेडिकल जटिलता न हो। महिला का ऑपरेशन सफल रहा है, और उसका स्वास्थ्य सामान्य बना हुआ है।

सोनोग्राफी में सामने नहीं आया था दो सिर होने का राज

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सातवें महीने में हुई सोनोग्राफी में सिर्फ जुड़वा बच्चों की जानकारी सामने आई थी, लेकिन डॉक्टर दो सिर होने की जटिलता को नहीं पहचान सके। सोनोग्राफी में यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि बच्चे एक ही धड़ में जुड़वा सिर लिए हुए हैं। डिलीवरी के समय यह चौंकाने वाला रहस्य सामने आया।

मेडिकल साइंस के लिए चुनौती, माता-पिता सदमे में

इस प्रकार का केस चिकित्सा विज्ञान में दुर्लभ माना जाता है। पैरापैगस डाइसेफेलिक ट्विन्स की स्थिति में बच्चे की जीवन प्रत्याशा बेहद कम होती है। कुछ केस में ही यह बच्चे लंबे समय तक जीवित रह पाते हैं। फिलहाल अस्पताल प्रबंधन विशेषज्ञों की राय से आगे की मेडिकल प्रक्रिया निर्धारित कर रहा है। वहीं बच्चे के माता-पिता इस पूरे घटनाक्रम से सदमे में हैं और मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं।

एमटीएच हॉस्पिटल में बनी विशेषज्ञों की मेडिकल टीम

बच्चे की स्थिति को देखते हुए एमटीएच अस्पताल में वरिष्ठ नवजात विशेषज्ञों, बाल रोग विशेषज्ञों और सर्जनों की एक विशेष मेडिकल टीम बनाई गई है। यह टीम लगातार बच्चे की जांच, इलाज और जरूरी मेडिकल स्टेप्स पर काम कर रही है। डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला मेडिकल हिस्ट्री के लिए बेहद अहम और रिसर्च का विषय बन सकता है।

सोशल मीडिया पर चर्चा, लोग बता रहे चमत्कार

इस अनोखे जन्म के बाद पूरे इंदौर शहर में चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे कुदरत का करिश्मा बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे विज्ञान की भूल कह रहे हैं। अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जुट रही है और हर कोई इस अजीबोगरीब मामले की जानकारी लेने की कोशिश कर रहा है।

विशेषज्ञ बोले- ये स्थिति अत्यंत दुर्लभ, तत्काल इलाज जरूरी

मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक पैरापैगस डाइसेफेलिक ट्विन्स का जन्म बेहद रेयर केस होता है। इस स्थिति में दोनों सिरों के मस्तिष्क, हृदय, लिवर जैसे अंग कितने साझा हैं, यह MRI और अन्य जटिल स्कैनिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। डॉक्टरों की मानें तो तत्काल और उच्च स्तरीय इलाज ही नवजात की जान बचा सकता है।

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