हमीरपुर महिला अस्पताल में मरीजों के बीच ढोल-नगाड़ों पर डॉक्टरों और स्टाफ का डांस, वीडियो वायरल, प्रशासन ने जांच के दिए आदेश।
साइलेंट जोन में बजा ढोल, तड़पते रहे मरीज
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में स्थित जिला महिला अस्पताल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका (CMS) अंजुला गुप्ता के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने के बाद अस्पताल परिसर में ही एक रंगारंग विदाई समारोह का आयोजन कर दिया गया। अस्पताल के साइलेंट ज़ोन में तेज़ आवाज़ में ढोल बजाए गए और डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ ने खुलेआम भांगड़ा किया। इसी दौरान अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीज इधर-उधर भटकते रहे, कई मरीजों को समय से इलाज नहीं मिल पाया।
अस्पताल परिसर बना पार्टी हॉल, इलाज भूले डॉक्टर
विदाई समारोह के दौरान स्टाफ ने CMS का फूल-मालाओं से स्वागत किया और ढोल-नगाड़ों के साथ ज़ोरदार डांस किया। कार्यक्रम में अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी भी शामिल हुए। वीडियो में कई डॉक्टर अपने वॉर्ड से निकलकर ढोल की थाप पर थिरकते हुए नजर आ रहे हैं। इस शोरगुल और नाच-गाने से मरीज और उनके परिजन काफी परेशान हुए, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने मरीजों की सुध नहीं ली।
महिला अस्पताल में शांति की जगह शोरगुल
गौरतलब है कि जिला महिला अस्पताल को ‘साइलेंट जोन’ घोषित किया गया है। यहां मरीजों को शांति और आराम की आवश्यकता होती है, विशेषकर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को। अस्पताल प्रशासन आमतौर पर परिजनों को मोबाइल फोन पर बात न करने की चेतावनी देता है, लेकिन जब खुद डॉक्टर और स्टाफ ढोल-नगाड़े बजाकर पार्टी करने में जुटे हों, तो आम जनता को क्या संदेश जाता है? ऐसा लगता है कि नियम सिर्फ आम जनता के लिए हैं, जिम्मेदारों के लिए नहीं।
मरीजों की चीखें, लेकिन स्टाफ व्यस्त था सेलिब्रेशन में
इस कार्यक्रम के दौरान अस्पताल में आईं कई महिलाएं और मरीज भटकते रहे। किसी को डॉक्टर नहीं मिला, किसी को नर्स का सहारा नहीं। एक महिला प्रसव पीड़ा से कराहती रही, लेकिन डॉक्टरों की टीम ढोल की थाप पर झूम रही थी। मरीजों के परिजनों ने बताया कि उन्होंने कई बार ड्यूटी स्टाफ को बुलाने की कोशिश की लेकिन कोई नहीं आया। आखिरकार जब पार्टी खत्म हुई, तब जाकर स्टाफ अपनी ड्यूटी पर लौटा।
वायरल वीडियो से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की बड़ी किरकिरी हो रही है। लोगों ने सवाल उठाए कि क्या अस्पताल अब इलाज के लिए हैं या डांस और जश्न के लिए? वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। सीएमओ डॉ. गीतम सिंह ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है और दोषियों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
सीएमएस की विदाई बनी विवाद की वजह
सीएमएस अंजुला गुप्ता के VRS पर अस्पताल में यह भव्य विदाई समारोह रखा गया था। सामान्यत: इस तरह के आयोजनों के लिए सभागार या सरकारी हॉल का उपयोग किया जाता है, लेकिन अस्पताल के भीतर ऐसा हंगामेदार आयोजन करने का निर्णय बेहद गैरजिम्मेदाराना साबित हुआ है। यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या इस आयोजन की अनुमति स्वास्थ्य विभाग से ली गई थी?
क्या नियम सिर्फ कागज़ों तक?
अस्पतालों को लेकर सरकार की सख्त गाइडलाइन है कि किसी भी तरह का गैर-चिकित्सकीय आयोजन साइलेंट जोन में नहीं किया जा सकता। मगर जमीनी हकीकत यह है कि नियमों को ताक पर रखकर खुद स्वास्थ्यकर्मी ही इनका उल्लंघन कर रहे हैं। जिस अस्पताल में मरीजों की पीड़ा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, वहां जश्न और नाच-गाने का माहौल गंभीर सवाल खड़े करता है।
सीएमओ बोले- होगी सख्त जांच
सीएमओ डॉ. गीतम सिंह ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि साइलेंट जोन में इस तरह का कार्यक्रम अनुचित है और इसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। हालांकि, यह बात हैरान करने वाली है कि इतने बड़े आयोजन की जानकारी पहले से उन्हें क्यों नहीं थी? क्या यह उनकी जानकारी के बिना हुआ, या फिर जानबूझकर नजरअंदाज किया गया?
अब कार्रवाई पर टिकी निगाहें
जांच के नाम पर अक्सर फाइलें बंद कर दी जाती हैं, लेकिन इस बार मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण जनता की निगाहें इस पर टिकी हैं। अगर दोषियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती है, तो यह संदेश जाएगा कि उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल अब इलाज नहीं, मनोरंजन का केंद्र बन चुके हैं। मरीजों की जान की कीमत सिर्फ ढोल की आवाज़ में कहीं दब न जाए।


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