दिल्ली के राहुल ने प्रेमिका के IPS बनने तक हर साल 121 लीटर गंगाजल के साथ कांवड़ लाने की शपथ ली है। ये है भक्ति और प्रेम की मिसाल।
जब प्रेम बना तपस्या: गर्लफ्रेंड के लिए हर साल कांवड़ लाएगा राहुल
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत-मुजफ्फरनगर कांवड़ मार्ग पर इस बार शिवभक्ति के साथ प्रेम की अनोखी कहानी देखने को मिली। दिल्ली के नरेला इलाके के रहने वाले 24 वर्षीय युवक राहुल कुमार ने 121 लीटर गंगाजल की कांवड़ उठाकर हरिद्वार से चलना शुरू किया है। लेकिन यह कोई आम श्रद्धालु नहीं, बल्कि एक प्रेमी है, जिसने कठिन तपस्या का संकल्प प्रेम के लिए उठाया है। राहुल का दावा है कि जब तक उसकी प्रेमिका आईपीएस (IPS) नहीं बन जाती, तब तक वह हर साल गंगाजल की भारी-भरकम कांवड़ लेकर भोलेनाथ को अर्पित करता रहेगा।
राहुल की यह भावना न सिर्फ भक्तों को चौंका रही है, बल्कि श्रद्धा और समर्पण का अद्भुत उदाहरण भी बन रही है। इस बार 220 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले राहुल ने जो वजह बताई, वो हर किसी को हैरान कर रही है।
भक्ति और प्रेम का संगम: राहुल की चौथी कांवड़ यात्रा
राहुल कुमार की यह चौथी कांवड़ यात्रा है। इससे पहले वह 101 लीटर गंगाजल के साथ भोलेनाथ की भक्ति कर चुके हैं। लेकिन इस बार संकल्प और भी बड़ा है—121 लीटर गंगाजल के साथ 220 किलोमीटर की कठिन यात्रा। राहुल ने बताया कि उसकी प्रेमिका ने हाल ही में इंटरमीडिएट पास किया है और अब वह यूपीएससी की तैयारी कर रही है।
राहुल खुद इंटर पास है लेकिन अपने प्यार को ऊँचाइयों तक पहुँचते देखना चाहता है। उसने यह प्रण लिया है कि जब तक प्रेमिका IPS नहीं बनती, तब तक वह हर सावन में इस कठिन यात्रा को दोहराता रहेगा।
'वो IPS बनेगी तभी होगी शादी', बोले राहुल
जब राहुल से पूछा गया कि इस कठिन यात्रा की प्रेरणा क्या है, तो उसका जवाब बेहद साफ था—“मैं उसी दिन उससे शादी करूंगा जिस दिन वो IPS बनकर सामने आएगी।”
राहुल की बातों से साफ है कि वह सिर्फ प्रेम नहीं, बल्कि उसके सपनों में भी आस्था रखता है। वह चाहता है कि उसका प्यार सिर्फ उसका जीवन साथी ही नहीं, देश की सेवा करने वाली एक अफसर भी बने। शिवभक्ति के इस मार्ग में उसका साथ दे रहे हैं उसके जिगरी दोस्त नंदलाल, जो बाइक से उसकी कांवड़ यात्रा में सुरक्षा और सहयोग दे रहे हैं।
कठिन रास्तों में नहीं आया डर, प्रेम ने दी हिम्मत
हरिद्वार से बड़ौत तक का सफर आसान नहीं होता, वो भी 121 लीटर गंगाजल लेकर। राहुल की पीठ पर भारी वजन, पैरों में छाले और मौसम की बेरुखी—फिर भी उसके चेहरे पर न थकावट है, न कोई शिकवा। उसका कहना है कि जब इरादा पवित्र हो और मंशा साफ, तो भगवान भोलेनाथ खुद रास्ता आसान कर देते हैं।
कांवड़ मार्ग पर दूसरे यात्री भी राहुल के संकल्प को जानकर उसकी तारीफ कर रहे हैं। कई तो उसे अपने बच्चों के लिए प्रेरणा भी मान रहे हैं। भक्तों की भीड़ में राहुल जैसे प्रेमी श्रद्धालु भी यह दिखा रहे हैं कि सच्चा प्यार और आस्था दोनों में तपस्या जरूरी होती है।
प्रेमिका के सपनों के लिए राहुल की भक्ति
राहुल के अनुसार, उसकी प्रेमिका बचपन से ही एक अधिकारी बनने का सपना देखती रही है। जब उसने सिविल सेवा में जाने की बात कही, तो राहुल ने उसी वक्त यह प्रण ले लिया कि वह उसकी सफलता की राह में उसका संबल बनेगा। भले ही पढ़ाई के स्तर पर वह प्रेमिका की बराबरी न कर सके, लेकिन आस्था और समर्थन में वह पीछे नहीं रहेगा।
कांवड़ यात्रा के जरिए वह हर साल भोलेनाथ से प्रेमिका की सफलता की दुआ मांगता है। राहुल को विश्वास है कि भगवान शिव एक दिन उसकी तपस्या को ज़रूर स्वीकार करेंगे।
शिवभक्तों के बीच राहुल बना प्रेरणा
बड़ौत-मुजफ्फरनगर मार्ग पर इस यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं की निगाहें राहुल पर टिकी रहीं। कई बार लोग उसके पास आकर उसकी कांवड़ और उसके संकल्प के बारे में पूछते।
राहुल का जवाब हर किसी के लिए एक ही होता—"जब तक मेरी गर्लफ्रेंड IPS नहीं बनेगी, तब तक मैं हर साल कांवड़ लाऊंगा, चाहे कितना भी कठिन रास्ता क्यों न हो।"


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