दिल्ली में गैस चैंबर बना फ्लैट: बरेली से आए चार एसी मैकेनिकों की दर्दनाक मौत, कमरे में क्या रखे थे सिलेंडर?


दिल्ली के दक्षिणपुरी में गैस लीक से चार एसी मैकेनिकों की मौत, कमरे में चल रहा था एसी, सिलेंडरों से फैली जहरीली गैस


दिल्ली में बंद कमरा बना मौत का कुआं

राजधानी दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके में एक बंद कमरे में चार एसी मैकेनिकों की संदिग्ध हालात में गैस लीक से मौत हो गई। बरेली से सीजनल काम के लिए आए चारों युवक शुक्रवार रात काम खत्म कर सो गए थे। अगली सुबह जब फोन नहीं उठा तो परिजनों को शक हुआ। दरवाजा तोड़ा गया तो चारों के सुन्‍न शरीर और बंद मुंह-आंखें देखकर सनसनी फैल गई।

कमरे में सिलेंडर, एसी और गैस की गंध

जब पुलिस ने दरवाजा तोड़ा, कमरे में चल रहा एसी और रखे हुए गैस सिलेंडर पहली नजर में ही खतरनाक हालात को बयां कर रहे थे। वहां से तेज दुर्गंध आ रही थी। शुरुआती जांच में संभावना जताई जा रही है कि नाइट्रोजन गैस या फिर दो गैसों के एकसाथ रिसाव से दम घुटने से ये मौतें हुईं। कमरे में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, एलपीजी और AC गैस (R-22, R-32, R-410A) के सिलेंडर पाए गए।

दम घुटने से मौत की पुष्टि, एक ने अस्पताल में तोड़ा दम

चारों मृतकों की पहचान इमरान उर्फ सलमान (30), मोहसिन (20), हसीब (25) और कपिल उर्फ अंकित रस्तोगी (18) के रूप में हुई है। इनमें से तीन को मौके पर ही मृत पाया गया, जबकि हसीब को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ घंटों बाद उसने भी दम तोड़ दिया। एम्स ट्रॉमा सेंटर और सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने दम घुटने से मौत की आशंका जताई है।

फोन नहीं उठा तो हुआ खुलासा, परिजनों ने खोला राज

मोहसिन के भाई फारूख ने जब शुक्रवार रात से उसका फोन ट्राई किया और जवाब नहीं मिला, तो उसने अपने जानकारों को सूचित किया। शनिवार सुबह दक्षिणपुरी स्थित कमरे में पहुंचे जीशान और अय्यूब ने जब देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है और कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा, तो तुरंत पुलिस को बुलाया गया। दरवाजा तोड़ा गया और चारों को अचेत अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया।

सात महीने की कमाई और एक रात में मौत

मृतक इमरान बरेली से हर गर्मी के सीजन में सात महीने के लिए दिल्ली आता था। वह एसी रिपेयरिंग में पारंगत था और अपने साथ छोटे लड़कों को सिखाने के लिए लाता था। इस बार भी गर्मी का सीजन कमाने के लिए दिल्ली आए थे, लेकिन ये उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन गया।

एक ही कमरे में मौत की नींद सो गए चार जिंदगियां

जब शवों की पहचान हुई, तो उनके परिवारों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा।

  • इमरान के पिता बाबू खान, सात भाई और तीन बहनें हैं।
  • मोहसिन के घर में मां-बाप और एक बहन-भाई हैं।
  • हसीब के पिता निसार अहमद व अन्य परिजन शोक में डूबे हैं।
  • कपिल उर्फ अंकित के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी, अब मां, छोटा भाई और बहन पर जिम्मेदारी आ गई।

पुलिस और फॉरेंसिक टीमें जांच में जुटीं

फिलहाल पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम मौके पर मौजूद गैस सिलेंडरों और अन्य सामानों की रासायनिक जांच कर रही है। एफएसएल से रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कौन-सी गैस लीक हुई और किस संयोजन ने यह जानलेवा रूप लिया।

फ्लैट में लापरवाही बनी मौत की वजह?

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह वेंटिलेशन के बिना बंद कमरे में गैस सिलेंडरों को रखना और उसके बीच सो जाना बड़ी लापरवाही का संकेत है। माना जा रहा है कि काम खत्म करने के बाद चारों ने एसी ऑन कर दिया और उसी दौरान कोई गैस सिलेंडर लीक हो गया जिससे ऑक्सीजन की कमी हुई और सबकी दम घुटने से मौत हो गई।

कौन सी गैस बनी काल?

विशेषज्ञों के अनुसार, नाइट्रोजन गैस का अत्यधिक रिसाव बंद कमरे में जानलेवा हो सकता है क्योंकि यह ऑक्सीजन को विस्थापित कर देती है। इसके अलावा AC रिपेयरिंग में इस्तेमाल होने वाली गैसें भी शरीर पर विषैला असर डालती हैं। इस केस में ये भी आशंका जताई जा रही है कि एक से अधिक गैसों के एक साथ रिसाव से यह स्थिति बनी।

अंतिम यात्रा से पहले परिवारों में मातम

बरेली में चारों युवकों के घरों में अब सिर्फ चीख-पुकार है। जहां एक ओर परिजन ये मानने को तैयार नहीं कि उनके बेटे अब लौटकर नहीं आएंगे, वहीं दूसरी ओर उनके सपने, जिम्मेदारियां और कमाई का भरोसा एक ही रात में खत्म हो गया।


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