हरिद्वार के बाद बाराबंकी में महादेव के दरबार में भगदड़: औसानेश्वर मंदिर में करंट से भगदड़, 2 की मौत, 29 घायल


बाराबंकी के औसानेश्वर मंदिर में करंट फैलने से मची भगदड़, 2 श्रद्धालुओं की मौत, 29 घायल, सावन सोमवार की पूजा में मचा कोहराम


सावन सोमवार की रात औसानेश्वर मंदिर में मचा हाहाकार

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ क्षेत्र में स्थित 450 साल पुराने पौराणिक औसानेश्वर महादेव मंदिर में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब रविवार की रात सावन के तीसरे सोमवार को जलाभिषेक के दौरान मंदिर परिसर में अचानक करंट फैल गया। इस हादसे ने धार्मिक आस्था के इस पर्व को मातम में बदल दिया। रात करीब 2 बजे करंट लगते ही भगदड़ मच गई, जिसमें 2 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई और 29 लोग घायल हो गए।

जलाभिषेक के दौरान हुआ हादसा, करंट फैलते ही मची चीख-पुकार

जानकारी के मुताबिक, रात 12 बजे के बाद मंदिर में जलाभिषेक की प्रक्रिया शुरू हुई थी। बड़ी संख्या में शिवभक्त मंदिर परिसर में मौजूद थे। तभी अचानक मंदिर के टिन शेड में करंट दौड़ गया, जिससे श्रद्धालु बेकाबू होकर इधर-उधर भागने लगे। चीख-पुकार के बीच कुछ लोग जमीन पर गिर पड़े और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

बंदरों की करतूत बनी हादसे की वजह, बिजली के तार से फैला करंट

डीएम शशांक त्रिपाठी और एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने घटनास्थल पर पहुंचकर बताया कि हादसे के पीछे बंदरों की शरारत सामने आ रही है। कुछ बंदर बिजली के तारों पर उछल-कूद कर रहे थे, जिससे एक तार टूटकर मंदिर के टिन शेड पर गिर गया और पूरे परिसर में करंट फैल गया।

2 की मौत, 29 घायल; जिला अस्पताल रेफर किए गए गंभीर मरीज

इस हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, जबकि 29 लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सभी को पहले हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज सीएचसी भेजा गया, फिर गंभीर रूप से घायल लोगों को जिला अस्पताल बाराबंकी रेफर किया गया। अस्पताल प्रशासन सभी को प्राथमिकता के आधार पर इलाज मुहैया करा रहा है।

मौके पर पहुंचे डीएम-एसपी, मंदिर परिसर में बढ़ाई गई सुरक्षा

हादसे की खबर मिलते ही जिला प्रशासन के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। फिलहाल मंदिर में स्थिति नियंत्रण में है और दर्शन-पूजन सामान्य रूप से जारी है। पुलिस बल की तैनाती को और बढ़ाया गया है ताकि दोबारा ऐसी स्थिति न बने।

सावन की भीड़ में प्रशासन की तैयारियां हुई फेल

हर साल सावन के सोमवार को औसानेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस बार भी मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचे थे। हालांकि मंदिर प्रशासन और पुलिस की ओर से इंतजाम किए गए थे, लेकिन करंट फैलने जैसी अप्रत्याशित घटना के आगे सारी व्यवस्थाएं धराशायी हो गईं। सवाल उठ रहा है कि बिजली के तारों की सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित की गई थी।

औसानेश्वर महादेव मंदिर: 450 साल पुराना आस्था का केंद्र

यह मंदिर बाराबंकी के सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में गिना जाता है। लगभग ढाई एकड़ में फैला यह परिसर सावन के दौरान भक्ति, भीड़ और आस्था से लबरेज रहता है। रविवार रात भी श्रद्धालु हरिद्वार की तरह बड़ी संख्या में जुटे थे, लेकिन अचानक हुए हादसे ने सभी को झकझोर दिया।

हरिद्वार की घटना के एक दिन बाद फिर दोहराया गया मौत का मंजर

गौरतलब है कि इससे ठीक एक दिन पहले हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में करंट फैलने की अफवाह के चलते भगदड़ मच गई थी, जिसमें 8 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। उस घटना की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि बाराबंकी से फिर ऐसा ही मंजर सामने आया, जिससे धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।

जांच के आदेश, दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी

डीएम ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्राथमिक जांच में लापरवाही के संकेत मिले हैं। बिजली विभाग से भी रिपोर्ट मांगी गई है कि आखिर खुले तार मंदिर परिसर तक कैसे पहुंचे और उन्हें समय रहते ठीक क्यों नहीं किया गया।

श्रद्धालुओं में डर, लेकिन मंदिर में दर्शन जारी

हालांकि हादसे के बाद श्रद्धालुओं में भय का माहौल बन गया था, लेकिन जैसे-जैसे स्थिति सामान्य हुई, लोग फिर से मंदिर में दर्शन के लिए लौटने लगे। मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था को फिर से नियंत्रित कर दिया है और अब स्थिति शांत है।

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