बलरामपुर के विमला विक्रम अस्पताल में इलाज कराने आई मुस्लिम महिला से कंपाउंडर ने नशे का इंजेक्शन देकर किया रेप, CCTV में कैद
इलाज के नाम पर हैवानियत, कंपाउंडर ने किया दुष्कर्म
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। इलाज के लिए अस्पताल पहुंची एक महिला के साथ वहीं के अस्पताल कर्मचारी ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। महिला को नशे का इंजेक्शन देकर उसके साथ रेप किया गया। ये पूरा कांड अस्पताल में लगे CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गया है, जिसके आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सीने में दर्द लेकर पहुंची थी महिला, कंपाउंडर ने बनाया शिकार
घटना बलरामपुर के पचपेड़वा थाना क्षेत्र के विमला विक्रम अस्पताल की है। यहां कोतवाली गैसड़ी क्षेत्र की एक महिला सीने में दर्द की शिकायत को लेकर इलाज के लिए पहुंची थी। पीड़िता का आरोप है कि अस्पताल के कंपाउंडर योगेश पांडेय ने पहले उसे इंजेक्शन लगाया, जिससे वह कुछ देर में बेहोश हो गई। महिला का दावा है कि जब उसे होश आया तो उसने खुद को अर्धनग्न अवस्था में पाया और आरोपी कंपाउंडर उस पर आपत्तिजनक स्थिति में था।
अस्पताल से भागी महिला, घर पहुंचकर रोते हुए सुनाई आपबीती
इस हैवानियत से घबराई पीड़िता किसी तरह खुद को आरोपी के चंगुल से छुड़ाकर अस्पताल से बाहर निकली और सीधे घर पहुंची। आघात, डर और शर्मिंदगी के कारण वह कुछ घंटों तक कुछ बोल ही नहीं सकी। बाद में उसने अपने परिजनों को पूरी घटना बताई। परिजन उसे लेकर पचपेड़वा थाने पहुंचे जहां पीड़िता ने लिखित तहरीर देकर आरोपी कंपाउंडर के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज करवाई।
SP बोले- CCTV में कैद हुई पूरी दरिंदगी, आरोपी गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के बाद मामले की गंभीरता से जांच की गई। अस्पताल के ICU में लगे CCTV फुटेज की जांच की गई जिसमें कंपाउंडर की करतूत साफ नजर आई। इसके बाद पुलिस ने तत्काल कंपाउंडर योगेश पांडेय को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
राज्य मंत्री का अस्पताल, समाजवादी पार्टी से जुड़ाव
गौर करने वाली बात यह है कि यह अस्पताल पूर्व राज्य मंत्री और मौजूदा समाजवादी पार्टी नेता सलिल सिंह टीटू का है। अस्पताल का नाम विमला विक्रम अस्पताल है, जहां इस सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना ने प्रशासन और चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल दी है, जहां इलाज के नाम पर महिलाओं की अस्मिता को कुचला जा रहा है।
अस्पताल प्रशासन ने साधी चुप्पी, नहीं आया कोई बयान
इस गंभीर घटना के बाद भी अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अस्पताल में मौजूद अन्य स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने अस्पताल को अस्थायी रूप से सील कर जांच तेज कर दी है।


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