सोनम रघुवंशी की गाजीपुर में अचानक मौजूदगी, ढाबे पर बिना CCTV पहुंचना, प्रेमी राज का सफेद शर्ट में दिखना—सब कुछ प्लानिंग?
सोनम का अचानक गाजीपुर पहुंचना – क्या ये कोई इत्तेफाक था?
राजा रघुवंशी हत्याकांड अब एक नई मिस्ट्री में उलझ गया है। सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी ने तो कहानी में ट्विस्ट ला ही दिया था, लेकिन गाजीपुर में जिस तरीके से वह मिली, वह कहानी को और ज्यादा रहस्यमयी बना रहा है। सोनम 23 मई को शिलांग में हुई पति राजा की हत्या के बाद गायब हो गई थी और 9 जून को वह एक ऐसे ढाबे पर मिली, जहां कोई CCTV कैमरा नहीं था। अब सवाल उठता है – क्या यह एक सोची-समझी प्लानिंग थी?
राज का पहले से गाजीपुर में होना – ढाबा मालिक की गवाही ने खड़े किए सवाल
ढाबे वाले की एक बात ने पूरी कहानी का रुख ही पलट दिया। अन्नपूर्णा ढाबे के मालिक रवि श्रीवास्तव ने बताया कि 8 जून की रात करीब 12 बजे एक युवक सफेद शर्ट में वहां आया था जिसकी शक्ल बिल्कुल राज कुशवाहा से मिलती थी। युवक के एक दोस्त ने 150 रुपये का खाना भी बाहर खाकर दिया था। हालांकि रवि इसकी पुष्टि नहीं करता कि वह राज ही था, लेकिन शक की सुई उसी पर टिक गई है।
CCTV से बचने की चाल? सोनम उसी ढाबे पर क्यों पहुंची जहां कैमरा नहीं था?
गाजीपुर हाईवे पर एक ही पट्टी पर तीन ढाबे हैं, जिनमें दो पर CCTV कैमरे लगे हुए हैं। लेकिन सोनम जिस ढाबे पर मिली, वहां CCTV नहीं था। यह इत्तेफाक नहीं लग रहा। बल्कि जानबूझकर ऐसी जगह पहुंचना, जहां कोई निगरानी न हो – किसी संगठित योजना का हिस्सा प्रतीत होता है।
लहुरी काशी ढाबे में भी दिखा राज जैसा युवक, लेकिन CCTV देने से संचालक ने किया इनकार
ढाबे के पास स्थित ‘लहुरी काशी ढाबा’ के CCTV फुटेज में 7 जून को एक युवक पानी की बोतल खरीदते नजर आया, जिसकी शक्ल फिर राज कुशवाहा जैसी ही थी। पर जब पुलिस ने फुटेज मांगा तो ढाबा संचालक ने इंकार कर दिया। डर या मिलीभगत? ये सवाल भी अब जांच की टेबल पर है।
23 मई को हुई हत्या, 9 जून को मिली सोनम – बीच के 17 दिन में क्या हुआ?
राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी और 20 मई को दोनों हनीमून के लिए शिलांग रवाना हुए। 23 मई को राजा की हत्या हुई और सोनम गायब। पुलिस ने शुरुआत में अपहरण का केस माना, लेकिन सोनम के 9 जून को गाजीपुर में मिल जाने से पूरी कहानी पलट गई।
सोनम की गवाही में भी कई सवाल – क्या वह झूठ बोल रही थी?
जब सोनम को गाजीपुर में पकड़ा गया, तब उसने खुद को पहचान कर ढाबे पर मौजूदगी दर्ज करवाई। लेकिन पुलिस को उसके बयान पर भी अब शक हो रहा है, क्योंकि जिस जगह पर वह थी वहां CCTV नहीं था। वहीं दूसरी तरफ उसके प्रेमी राज की गाजीपुर में मौजूदगी के संकेत मिल रहे हैं।
क्या गाजीपुर पहुंचना पूरी तरह से राज की योजना थी?
शिलांग से गाजीपुर की दूरी करीब 1200 किलोमीटर है। ऐसे में यह कहना कि सोनम अकेले इतनी दूर आई, खुद में सवाल खड़े करता है। कहीं ऐसा तो नहीं कि राज पहले से गाजीपुर में मौजूद था और सोनम को वहीं बुलाया गया?
अन्नपूर्णा ढाबा – शक की पहली कड़ी
8 जून की रात जिस युवक को ढाबे पर देखा गया था, वह चुपचाप बैठा रहा और ज्यादा बातचीत नहीं की। ढाबा मालिक के मुताबिक, युवक ने चेहरा छुपाने की कोशिश भी की थी और सिर्फ एक दोस्त ने ऑर्डर किया था। अब पुलिस इसी व्यक्ति की तलाश में है, ताकि यह साफ हो सके कि वह राज ही था या कोई और।
शिलांग में क्राइम, गाजीपुर में प्लानिंग – पुलिस अब हर एंगल से तफ्तीश में जुटी
मेघालय पुलिस अब यूपी पुलिस के साथ मिलकर इस पूरे ट्रांजिट मूवमेंट को ट्रैक कर रही है। मोबाइल लोकेशन, टोल प्लाजा फुटेज, होटल बुकिंग डिटेल्स सब कुछ खंगाला जा रहा है ताकि सोनम और राज की गतिविधियों की पुष्टि हो सके।
प्रेमी के साथ हत्या की साजिश या डर से भागी पत्नी?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि सोनम खुद हत्या में शामिल थी या नहीं? क्या राज ने उसका ब्रेनवॉश किया था? या फिर वह भी इस खून में बराबर की हिस्सेदार थी? यह सब अब कोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही सामने आएगा।
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