कुशीनगर में पीएम आवास को बना दिया गया होटल, पुलिस छापेमारी में कपल्स गिरफ्तार, DUDA की जांच शुरू, डीएम ने दिए सख्त आदेश।
पीएम आवास में होटल! पुलिस छापेमारी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (PMAY-U) के अंतर्गत मिला घर 'सूर्या पैलेस' नाम से होटल के रूप में संचालित होता पाया गया। पुलिस छापेमारी में जब इस अवैध होटल की सच्चाई सामने आई, तो इलाके में हड़कंप मच गया। यह खुलासा एक शिकायत के बाद हुआ, जिसमें कथित रूप से अनैतिक गतिविधियों की सूचना दी गई थी।
कृष्णा नगर वार्ड में हुआ मामला, पांच दिन में पूरा कर दिया गया पूरा निर्माण!
यह मामला कुशीनगर नगर पालिका के वार्ड नंबर-21 कृष्णा नगर का है, जहां वर्ष 2021 में संगीता नामक महिला को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत मकान आवंटित हुआ था। आश्चर्य की बात ये है कि इस मकान के निर्माण में पांच साल का समय तो लगा, लेकिन अंतिम तीन चरण—लिंटर्ड, रूफ और कंप्लीट—सिर्फ पांच दिनों में पूरे दिखा दिए गए। दस्तावेज़ों के अनुसार लिंटर्ड का फोटो 18 जुलाई 2024 को, रूफ का फोटो 20 जुलाई 2024 को और कंप्लीशन का फोटो 23 जुलाई 2024 को अपलोड किया गया।
दो मंजिला बनाकर चल रहा था 'सूर्या पैलेस', डूडा की पोल खुली
यह आवास दो मंजिला बनाकर 'सूर्या पैलेस' नाम से एक होटल के रूप में उपयोग हो रहा था। इससे न सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना की मूल भावना को ठेस पहुंची है, बल्कि डूडा (DUDA) की पारदर्शिता पर भी बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है। योजनाओं के निर्माण में इतनी भारी अनियमितताएं किसकी निगरानी में हो रही थीं, यह प्रशासन के लिए विचारणीय बिंदु बन चुका है।
छापेमारी में कपल्स मिले आपत्तिजनक हालात में, पुलिस ने की गिरफ्तारी
इस होटल की शिकायत मिलने पर पुलिस ने छापा मारा और मौके से कुछ कपल्स को आपत्तिजनक हालत में गिरफ्तार किया। इस रेड के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यहां केवल होटल ही नहीं बल्कि गोरखधंधा भी चल रहा था। इस पर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की है।
डीएम महेंद्र सिंह तंवर ने दिए जांच के आदेश, दोषियों को नहीं मिलेगी राहत
पूरे मामले पर जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने डूडा की भूमिका की भी जांच के आदेश दे दिए हैं। डीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का गलत उपयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है और इसमें लिप्त सभी लोगों पर कठोर कार्रवाई होगी।
असली जरूरतमंद अब भी बेघर, सवालों में चयन प्रक्रिया
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या पीएम आवास योजना का लाभ सही लोगों को मिल रहा है? जिले में कई ऐसे गरीब परिवार हैं जिन्हें सच में घर की जरूरत है, लेकिन उन तक यह योजना नहीं पहुंच पा रही। दूसरी ओर, ऐसे लोग इसका लाभ उठा रहे हैं जो इसे व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग कर रहे हैं।
अब जांच के बाद किसके गिरेगी गाज?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस पूरे घोटाले में डूडा के अधिकारियों की मिलीभगत थी? क्या ये निर्माण कागजों पर जल्दबाजी में पूरा दिखाया गया? और क्या ऐसे और भी पीएम आवास हैं, जो किसी न किसी रूप में दुरुपयोग की भेंट चढ़े हुए हैं? आने वाले दिनों में इस मामले की जांच से कई बड़े नामों का पर्दाफाश होने की संभावना जताई जा रही है।
0 टिप्पणियाँ