‘कौन सी जाति के हो?’ पूछते ही इटावा में कथावाचकों को बेरहमी से पीटा, चोटी काटी, महिला का पेशाब डालकर किया ‘शुद्धिकरण’- शर्मनाक हरकत का वीडियो वायरल




इटावा में कथावाचकों को जाति पूछकर बेरहमी से पीटा गया, चोटी काटी गई और महिला का पेशाब डालकर शुद्धिकरण किया गया।


धार्मिक कथा कर रहे कथावाचकों के साथ जाति पूछकर अमानवीय बर्ताव

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र स्थित दादरपुर गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक धार्मिक कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथियों को सिर्फ उनकी जाति के चलते बर्बरतापूर्वक पीटा गया। कथावाचकों के साथ मारपीट की गई, उनकी चोटी काट दी गई, बाल मुड़वा दिए गए और उन पर महिला का पेशाब छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ का नाटक किया गया।

इस घटना का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, प्रदेश में भारी हंगामा मच गया। वीडियो ने न केवल लोगों की संवेदनाओं को झकझोर दिया, बल्कि प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।

कथा के दूसरे दिन जाति पूछते ही शुरू हुआ हमला

मुकुट मणि यादव अपने सहयोगी संत सिंह व्यास और अन्य साथियों के साथ 21 जून को दादरपुर गांव में धार्मिक कथा करने पहुंचे थे। आयोजन गांववासियों के अनुरोध पर हुआ था और दो दिन सफलतापूर्वक कथा चली भी। लेकिन 22 जून की रात कथा समाप्त होने के बाद, कुछ लोगों ने कथावाचक से उनकी जाति पूछी। जब उन्हें पता चला कि वे यादव समुदाय से हैं, तभी से उत्पीड़न की शुरुआत हो गई।

जाति उजागर होते ही हमला, तोड़फोड़ और अपमान की हदें पार

आरोप है कि कथावाचकों की जाति पता लगते ही गांव के ही कुछ दबंगों ने उन्हें घेर लिया। सबसे पहले कथावाचकों की चोटी और बाल काटे गए, फिर 25 हजार रुपये जबरन छीन लिए गए। उनके साथ लाए गए धार्मिक वाद्ययंत्र हारमोनियम और ढोलक को भी तोड़ दिया गया।

इसके बाद कथावाचकों को जबरन एक महिला के पैर छूने के लिए मजबूर किया गया। जब उन्होंने इनकार किया तो उन पर महिला का पेशाब डालकर ‘शुद्धिकरण’ की शर्मनाक हरकत की गई। पूरा घटनाक्रम मोबाइल में रिकॉर्ड किया गया, जिसका वीडियो अब वायरल हो चुका है।

वायरल वीडियो से सनसनी, राजनीतिक पारा चढ़ा

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कथावाचकों को जबरदस्ती महिला के पैर छूने के लिए कहा जा रहा है। जैसे ही वे मना करते हैं, बाल काटे जाते हैं और सार्वजनिक तौर पर उन्हें बेइज्जत किया जाता है।

इस वीडियो के सोशल मीडिया पर आने के बाद, राजनीतिक हलकों में भी भूचाल आ गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद जितेंद्र दोहरे, स्थानीय विधायक और जिला अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने एसएसपी इटावा बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मिलकर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

‘संविधान का अपमान’, बोले SP सांसद

एसपी सांसद जितेंद्र दोहरे ने मीडिया से कहा कि यह सिर्फ कथावाचक मुकुट मणि का नहीं, पूरे संविधान का अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि कथावाचकों पर गांव की महिला का पेशाब डाला गया और कहा गया कि अब तुम लोग शुद्ध हो गए हो।

सांसद ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि दलित, पिछड़े और महिलाओं का अपमान भाजपा के शासन में लगातार बढ़ा है। अगर इस मामले में तत्काल और कठोर कार्रवाई नहीं होती, तो समाजवादी पार्टी विधानसभा से लेकर संसद तक जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगी।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, तलाश में जुटी टीमें

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बकेवर थाना प्रभारी को तुरंत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। पीड़ितों की तहरीर पर चार आरोपियों – अतुल, मनीष, पप्पू बाबा और डीलर के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस की टीमें आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं। वीडियो की फोरेंसिक जांच भी कराई जा रही है ताकि तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपियों पर मजबूत केस तैयार हो सके।



कथावाचक ने खुद सुनाई आपबीती

कथावाचक मुकुट मणि यादव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वे श्रद्धा से कथा सुना रहे थे और गांव वालों के बुलावे पर ही आए थे। लेकिन जैसे ही लोगों को पता चला कि वे यादव हैं, गांव के दबंगों ने उन्हें घेरकर मारपीट शुरू कर दी।

उनके अनुसार –

“हमारे सिर के बाल काट दिए गए, 25 हजार रुपये छीन लिए गए, हमारी ढोलक-हारमोनियम तोड़ दी गई और हमें महिला के पैर छूने के लिए मजबूर किया गया। जब हमने मना किया, तो हम पर पेशाब डाल दिया गया।”

यह घटना केवल इटावा या यूपी तक सीमित नहीं रही, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए यह देशव्यापी बहस का हिस्सा बन गई है। दलित और पिछड़े वर्गों के खिलाफ होने वाली इस तरह की घटनाएं एक बार फिर जातिगत असमानता और सामाजिक न्याय की वास्तविकता को सामने ला रही हैं।

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