Air India AI-171 हादसा: मृतकों की संख्या बड़ी 274, विजय रूपाणी समेत दर्जनों शव की पहचान डीएनए से, मुआवज़ा 1 करोड़




अहमदाबाद प्लेन क्रैश में मौतों का आंकड़ा 274 पहुंचा, विजय रूपाणी की भी मौत, टाटा ग्रुप देगा मृतकों के परिवार को ₹1 करोड़ मुआवज़ा


अहमदाबाद विमान हादसे ने निगला 274 ज़िंदगियों का सूरज

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ़ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। शनिवार तक इस भयावह हादसे में मरने वालों की संख्या 274 पहुंच चुकी है। हादसा इतना भीषण था कि दर्जनों शवों की पहचान करना भी मुमकिन नहीं रहा, जिसके लिए DNA टेस्टिंग का सहारा लिया जा रहा है।

धुएं में बदल गया बोइंग 787, AI-171 की उड़ान बनी तबाही

AI-171 विमान जैसे ही अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ा, वैसे ही कुछ ही सेकंड्स में उसमें तकनीकी खराबी आ गई। विमान ने संतुलन खो दिया और तेज़ी से नीचे आकर बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल और आसपास की रिहायशी कॉलोनियों पर गिर गया। 242 लोगों की जान उस विमान में उड़ते-उड़ते चली गई।

मौत के इस विमान में बैठे थे गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी

इस हादसे ने राजनीति जगत को भी झकझोर दिया। फ्लाइट में सवार 242 यात्रियों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे। वह अपनी पत्नी अंजलि और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। अब यह प्लेन यात्रा उनकी ज़िंदगी की आखिरी यात्रा बन गई।

274 मौतें, 241 यात्री और 33 ज़मीनी लोग शामिल

घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार, विमान में सवार 241 लोगों की मौत की पुष्टि पहले ही हो चुकी थी। वहीं हादसे के समय हॉस्टल और आसपास मौजूद 33 अन्य लोगों की भी मौत हो गई, जिससे कुल आंकड़ा 274 तक पहुंच गया है। ये लोग उस वक्त हॉस्टल में मौजूद थे या विमान के मलबे की चपेट में आ गए।

शवों की पहचान बना चुनौती, DNA टेस्ट से चलेगी सच्चाई की परत

हादसा इतना भयावह था कि कई शवों की पहचान मुमकिन नहीं रही। पोस्टमार्टम के बाद DNA टेस्टिंग कराई जा रही है ताकि पीड़ितों के परिजनों को सही शव सौंपा जा सके। अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में 270 से ज़्यादा शवों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है। DNA टेस्टिंग की प्रक्रिया तेज़ी से जारी है।

पीएम मोदी ने घटनास्थल पर जाकर लिया जायज़ा, घायलों से मिले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के अगले दिन घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और अकेले जीवित बचे यात्री कुमार विश्वास का हाल जाना। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर शोक जताते हुए लिखा कि, “यह त्रासदी हमारे लिए असहनीय है। जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके साथ मेरी संवेदनाएं हैं।”

टाटा ग्रुप ने घोषित किया ₹1 करोड़ का मुआवज़ा

टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने ऐलान किया है कि इस विमान हादसे में जिन लोगों ने अपने परिजन खोए हैं, उन्हें 1-1 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा। साथ ही घायलों के इलाज का पूरा खर्च भी टाटा ग्रुप उठाएगा। उन्होंने इस दुखद घड़ी में एकजुटता और मानवता की मिसाल पेश की है।

अकेले बचे कुमार विश्वास की जुबानी: “एक धमाके के बाद सब खत्म हो गया”

इस हादसे में एकमात्र जीवित बचे ब्रिटिश भारतीय नागरिक कुमार विश्वास ने बताया कि वह विमान में पीछे की तरफ बैठे थे और अचानक जोरदार धमाका हुआ। उन्हें होश तब आया जब वह मलबे के नीचे दबे थे और आसपास सिर्फ चीखें और आग का धुआं था।

DGCA, NDRF और एयर इंडिया की टीमें जांच में जुटीं

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), एयर इंडिया और NDRF की टीम घटनास्थल पर मौजूद हैं। फ्लाइट के ब्लैक बॉक्स और EAFR (Electronic Automatic Flight Recorder) बरामद कर लिए गए हैं, जिनकी डिकोडिंग से यह समझने में मदद मिलेगी कि यह हादसा किस वजह से हुआ।

DGCA कंट्रोल रूम एक्टिव, हेल्पलाइन नंबर जारी

DGCA ने हादसे के तुरंत बाद कंट्रोल रूम एक्टिव कर दिया था। हेल्पलाइन नंबर पर मृतकों के परिजनों को सूचना दी जा रही है। एयर इंडिया ने भी प्रभावित यात्रियों और उनके परिवारों के लिए विशेष सहायता केंद्र बनाए हैं।

ब्रिटेन और भारत की सरकारों में भी हलचल, विदेश मंत्रालय सतर्क

क्योंकि विमान लंदन जा रहा था और उसमें ब्रिटिश नागरिक भी सवार थे, इसलिए ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने भारतीय सरकार से रिपोर्ट मांगी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी घटना पर संवेदना जताई है और ब्रिटेन को सभी आवश्यक जानकारियां देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

मृतकों के अंतिम संस्कार और पहचान में लगे हैं सैकड़ों अधिकारी

अहमदाबाद नगर निगम और राज्य प्रशासन की टीमें लगातार काम में लगी हुई हैं। शवों की पहचान, उनका अंतिम संस्कार और परिजनों तक पहुंचाने का काम संवेदनशीलता के साथ किया जा रहा है। कई शव अब भी पहचान के इंतज़ार में रखे गए हैं।

हादसे की जांच होगी या दोषियों पर कार्रवाई? उठने लगे हैं सवाल

जैसे-जैसे DNA रिपोर्ट और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डिंग सामने आएंगे, वैसे-वैसे जांच की दिशा भी साफ होगी। अब सवाल उठने लगे हैं कि अगर तकनीकी खराबी पहले से थी तो विमान को उड़ने क्यों दिया गया? क्या रखरखाव में लापरवाही हुई? क्या इसमें एयरलाइन की गलती थी या पायलट की?

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