भ्रष्टाचार पकड़ने वाला ही निकला घोटालेबाज, ASP जगराम मीणा के ठिकाने से मिला 40 लाख कैश, मिनी बार और लग्ज़री शौक का खुलासा



राजस्थान ACB अधिकारी जगराम मीणा की कार से 9.5 लाख और घर से 40 लाख नकद जब्त, मिनी बार और महंगे शौक का खुलासा


राजस्थान में ACB का बड़ा खुलासा: अपने ही अधिकारी पर गिरी गाज

राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) की कार्रवाई ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। इस बार निशाने पर कोई आम कर्मचारी नहीं बल्कि खुद ACB का एक सीनियर अधिकारी एडिशनल एसपी जगराम मीणा है। जगराम मीणा को उनके ठिकाने से भारी नकदी और महंगी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है, जिसने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है।

ASP जगराम मीणा की कार से 9.5 लाख कैश की बरामदगी

एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए सबसे पहले जगराम मीणा की कार की तलाशी ली, जिसमें अधिकारियों की मौजूदगी में लगभग 9.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। जैसे ही यह कैश मिला, मामला गंभीर होता गया और उनके अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू कर दी गई।

घर की तलाशी में चौंकाने वाले खुलासे, 40 लाख कैश बरामद

जांच अधिकारियों ने जगराम मीणा के आवास पर जब छापा मारा, तो वहां से करीब 40 लाख रुपये नकद, महंगी विदेशी शराब की बोतलें और एक आलीशान मिनी बार भी मिला। एक अधिकारी के घर इस तरह की भव्यता और बेहिसाब नकदी मिलने से उनके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप पुख्ता हो गए हैं।

ACB में ही भ्रष्टाचार! उठे सवाल

इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि जब भ्रष्टाचार को खत्म करने वाली एजेंसी का ही बड़ा अधिकारी इस गंदगी में डूबा मिले, तो जनता किस पर भरोसा करे? जगराम मीणा पर आरोप है कि वह पुलिस और सरकारी विभागों से हफ्ता वसूली करता था और फर्जी केसों में फंसाने की धमकी देकर लोगों से उगाही करता था।

ACB की जांच कई स्तरों पर जारी

इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। ACB की अलग-अलग टीमें जगराम मीणा की अचल और चल संपत्तियों का ब्यौरा जुटा रही हैं। पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर कुछ और स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। साथ ही विभागीय स्तर पर भी बड़े फैसले की तैयारी है।

महीने भर पहले भी पकड़ा गया था एक और ASP

इस घटना से एक महीना पहले ही ACB ने अपने ही विभाग के एक और एडिशनल एसपी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह लगातार दूसरा बड़ा मामला है जिसने ACB की आंतरिक कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी है कि क्या भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं कि अब विभाग के अंदर ही सफाई अभियान चलाना पड़ेगा?

जगराम मीणा के खिलाफ हो सकती है बड़ी कार्रवाई

फिलहाल जगराम मीणा को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। साथ ही यह भी तय है कि यदि आरोप प्रमाणित हुए, तो उनकी नौकरी से बर्खास्तगी के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी।

जनता में नाराजगी, सिस्टम पर फिर उठा भरोसे का संकट

जब एक ऐसा अधिकारी, जिसे भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी दी गई हो, वही भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाए तो जनता का सिस्टम पर से भरोसा डगमगाना लाज़मी है। इस केस ने ACB जैसे जिम्मेदार संगठन की कार्यशैली और जवाबदेही को कटघरे में खड़ा कर दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार की इस बीमारी का इलाज कब होगा और कैसे होगा?

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