अंबेडकर नगर में नशे में धुत दरोगा ने PRD जवान को टोपी न पहनने पर पीटा, एसपी ने किया लाइनहाजिर, जांच शुरू।
अंबेडकर नगर में टोपी नहीं पहनी तो दरोगा ने बीच सड़क पीट डाला जवान, मामला तूल पकड़ा तो एसपी ने किया लाइन हाजिर
उत्तर प्रदेश की खाकी वर्दी एक बार फिर शर्मसार हुई है। अंबेडकर नगर में तैनात एक दरोगा ने पुलिस रुतबे की सारी हदें पार कर दीं। मामूली सी बात—टोपी न पहनने पर दरोगा ने पीआरडी जवान को सरेराह पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। जब ये बात सामने आई, तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। कप्तान ने तुरंत एक्शन लेते हुए दरोगा को लाइनहाजिर कर दिया है और मामले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
नशे में धुत दरोगा की दबंगई! आधी रात को जबरन बाइक पर बैठाया, फिर जमकर पीटा
पूरा मामला 9 मई की रात का है। पीआरडी जवान चंद्रिका प्रसाद की ड्यूटी मुंडेरा गांव में लगी थी। रात में पीड़ितों के मेडिकल के लिए वह अस्पताल गया था। तभी रात लगभग डेढ़ बजे दरोगा अरविंद सिंह वहां पहुंच गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उस वक्त दरोगा शराब के नशे में थे। उन्होंने चंद्रिका को जबरन बाइक पर बैठाया और रफीगंज ले गए। यहां उन्होंने टोपी लगाने को कहा, लेकिन जैसे ही जवान ने बताया कि उसकी टोपी अस्पताल में रह गई है, दरोगा आगबबूला हो गए और थप्पड़-लात-घूंसे बरसाने लगे।
बुरी तरह पीटकर जवान को छोड़ गए सड़क पर, थाने में दी गई तहरीर
मारपीट के बाद दरोगा जवान को घायल हालत में वहीं छोड़ कर चले गए। किसी तरह चंद्रिका प्रसाद वहां से निकला और सीधे थाने पहुंचा। जहां उसने दरोगा अरविंद सिंह के खिलाफ तहरीर दी। कटका थाना प्रभारी प्रेमचंद्र ने पुष्टि की कि मामला दो दिन पहले का है और एसपी केशव कुमार ने संज्ञान लेते हुए दरोगा को लाइनहाजिर कर दिया है।
SP केशव कुमार की सख्ती के बावजूद फिर दागदार हुई खाकी, सवालों में पुलिस की छवि
एसपी अंबेडकर नगर केशव कुमार ने चार्ज संभालने के बाद पुलिस की छवि सुधारने की मुहिम छेड़ी थी। उन्होंने हर थाने को निर्देश दिया था कि आम आदमी की शिकायत को गंभीरता से लिया जाए और पुलिस पर लोगों का भरोसा कायम हो। लेकिन दरोगा अरविंद सिंह की इस हरकत ने पुलिस महकमे की कोशिशों पर पानी फेर दिया है।
पुलिस के पहले भी कई कारनामे, हाल ही में टांडा में दुकानदार की पत्नी की पिटाई
दरअसल, ये कोई पहला मामला नहीं है जब अंबेडकर नगर पुलिस विवादों में घिरी हो। कुछ ही दिन पहले टांडा कोतवाली क्षेत्र में एक चाय दुकानदार और उसकी पत्नी की पिटाई ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं। अब दरोगा द्वारा PRD जवान की पिटाई ने इस बात को और पुख्ता कर दिया है कि विभाग में सुधार की जरूरत गहराई से बनी हुई है।
पीड़ित जवान का दर्द—“ड्यूटी कर रहा था, टोपी नहीं थी… तो क्या मेरी जान ले लेते?”
पिटाई झेलने वाले चंद्रिका प्रसाद का कहना है कि वह पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रहा था। टोपी अस्पताल में छूट गई थी, इसी बात पर दरोगा ने जानवरों की तरह पीटा। “मैं सोच रहा हूं कि अगर टोपी इतनी जरूरी थी तो क्या मेरी जान ही ले लेते?”—कहते हुए उसकी आंखें भर आती हैं।
अब आगे क्या? जांच शुरू, लेकिन क्या मिलेगा इंसाफ?
एसपी ने जांच शुरू तो करवा दी है, लेकिन पीड़ित जवान को अब न्याय मिलने की उम्मीद कम ही है। पुलिस विभाग में ऐसे मामले अकसर दबा दिए जाते हैं या फिर महज लाइनहाजिरी कर खानापूर्ति कर दी जाती है। इस बार पूरा अंबेडकर नगर देख रहा है कि क्या दरोगा अरविंद सिंह को वाकई सजा मिलेगी या फिर एक और मामला कागजों में दफन हो जाएगा।
0 टिप्पणियाँ