ऑपरेशन सिंदूर में रऊफ अजहर की मौत पर पाकिस्तान ने मनाया मातम, डेनियल पर्ल के पिता ने पूछा- किस बात का शोक मना रहे?
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की बड़ी कामयाबी: आतंकियों का काल बना इंडियन एयरस्ट्राइक
भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को एक और करारा झटका दिया है। इस जबरदस्त एयरस्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के खतरनाक और मोस्ट वांटेड आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर को मौत के घाट उतार दिया गया। वही रऊफ, जो 1999 के IC-814 विमान अपहरण का मास्टरमाइंड था, और जिसकी वजह से उमर सईद शेख जैसे खूंखार आतंकी को रिहा किया गया। उसी उमर शेख ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल का अपहरण कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी।
पाकिस्तान में मातम, भारत में जश्न
जब भारत रऊफ अजहर को नेस्तनाबूद कर रहा था, तब पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी उसके जनाजे में शामिल होकर शोक प्रकट कर रहे थे। ये वही आतंकवादी था जिसे दुनिया भर में 'ग्लोबल थ्रेट' माना जाता था। उसकी मौत पर पाकिस्तान के अफसरों की शिरकत और सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों ने अंतरराष्ट्रीय नाराजगी को जन्म दिया।
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बहावलपुर बना ऑपरेशन सिंदूर का सबसे बड़ा निशाना
बहावलपुर, जो कि जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा गढ़ है, भारत की इस कार्रवाई में बुरी तरह तबाह हो गया। यही वो जगह थी जहां रऊफ अजहर, मसूद अजहर और उमर शेख जैसे आतंकियों की प्लानिंग होती थी। भारत ने इस ठिकाने को तबाह कर साफ संदेश दिया है कि अब आतंक के हर अड्डे का हिसाब होगा।
मसूद अजहर पर भी भारत की नजर
बताया जा रहा है कि मसूद अजहर अब बेहद कमजोर हो चुका है और ऑपरेशन सिंदूर के बाद उसके सारे सक्रिय ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ग्लोबल आतंकी मसूद अजहर का अब बंकर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।
पाकिस्तान की दोहरी चाल: एक तरफ आँसू, दूसरी तरफ आतंक पोषण
भारत के इस निर्णायक ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की पोल खुल गई है। एक ओर वो दुनिया को दिखाता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ है, दूसरी ओर वह अपने मरे हुए आतंकियों के लिए शोक सभाएं आयोजित करता है। सोशल मीडिया पर वायरल जनाजे की तस्वीरों ने पाकिस्तान की दोहरी नीति को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक लीडरशिप
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने सिर्फ अपना बदला नहीं लिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी दिया है। इस कार्रवाई से दुनिया को यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब सिर्फ शब्दों से नहीं, सीधी कार्रवाई से आतंकवाद का सफाया करेगा।
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