मथुरा में दलित दूल्हे को बग्घी से उतारकर जातिसूचक गालियां, मारपीट और गोली मारने की धमकी, पुलिस के बीच हुई शादी।
मथुरा में दलित दूल्हे संग हैवानियत: ‘फिर बग्घी चढ़ा तो गोली मार देंगे’ कहकर रोकी बारात, डीजे भी बंद
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में जातीय घृणा का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। नौहझील थाना क्षेत्र के भूरेका गांव में एक दलित दूल्हे की शादी में उस वक्त कोहराम मच गया जब दबंग जाट युवकों ने उसकी बारात को रोकते हुए बग्घी से घसीट कर नीचे उतार दिया। डीजे बंद करवा दिया गया, गालियां दी गईं और मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई।
बारात पूरे हर्षोल्लास से चल रही थी, डीजे की धुनों पर लोग झूम रहे थे और दूल्हा बग्घी पर सवार था। तभी गांव के ही तीन जाट युवक 20 से 25 साथियों के साथ पहुंचे और धमकाते हुए बोले– “अगर दोबारा बग्घी चढ़ा तो गोली मार देंगे।”
बग्घी से उतार कर पीटा, जातिसूचक गालियों की बौछार
गुस्से से तमतमाए दबंगों ने दूल्हे को बग्घी से खींच कर नीचे गिरा दिया। शादी के कपड़ों में सजा हुआ वह युवक शर्म और सदमे में था, लेकिन दबंगों को रहम नहीं आया। उन्होंने जमकर जातिसूचक गालियां दीं और परिजनों से भी हाथापाई की। गांव में बारात रुक गई, अफरा-तफरी मच गई। महिलाएं चीखने लगीं, बच्चे सहम गए।
‘पुलिस आई, तब जाकर हुई शादी की रस्में’
सूचना पर पुलिस और चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस बल ने हालात को संभाला और किसी तरह बारात को आगे बढ़ाया गया। पुलिस निगरानी में फेरों की रस्म पूरी हुई। वर-वधु के परिवार वाले अब भी डरे हुए हैं।
पीड़ित बोले- धमकाकर बोले, "अबकी चढ़ा तो जान ले लेंगे"
पीड़ित पक्ष ने बताया कि वह शांति से बारात निकाल रहे थे, तभी अचानक जाट समाज के कुछ युवक आए और बिना किसी उकसावे के गालियां देने लगे। "बग्घी पर चढ़ने का हक नहीं है तुझे," कहते हुए दूल्हे को खींच लिया और लात-घूंसे बरसाने लगे।
पुलिस कह रही- DJ पर हुआ विवाद, जांच कर रहे हैं
सीओ मांट ने बताया कि शुरुआती जांच में डीजे की आवाज को लेकर विवाद बताया जा रहा है। “किसी को बग्घी से उतारा नहीं गया,” ऐसा दावा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, पीड़ित पक्ष की तहरीर पर जांच की जा रही है और साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।
समाज में गूंज उठा सवाल– क्या अब भी दलितों को बग्घी चढ़ने का हक नहीं?
इस पूरी घटना ने एक बार फिर से जातिगत भेदभाव के उस नासूर को उजागर कर दिया है जो आज भी ग्रामीण भारत में जिंदा है। एक तरफ सरकार समानता और अधिकार की बात करती है, दूसरी तरफ ऐसे मामले सामाजिक शर्मिंदगी पैदा कर देते हैं।
क्या पुलिस दबाव में है? या दबंगों को बचाया जा रहा है?
पीड़ितों ने सीधा आरोप लगाया कि स्थानीय दबंगों के डर से कोई बोलने को तैयार नहीं है। कुछ ग्रामीणों ने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया। वहीं दूसरी ओर, पुलिस पूरे मामले को DJ की आवाज पर हुआ विवाद बता रही है, जिससे साफ होता है कि असली कारण छिपाने की कोशिश हो रही है।
शादी तो हो गई, पर इंसाफ का इंतजार बाकी है
दलित दूल्हे की शादी तो पुलिस की मौजूदगी में पूरी हो गई, लेकिन वह खुशी खो चुकी थी जो हर बारात का हिस्सा होती है। परिवार अब न्याय की उम्मीद में दर-दर भटकने को मजबूर है। शादी की तस्वीरें अब खुशी नहीं, डर और बेबसी की कहानी कह रही हैं।
अभी तक FIR की पुष्टि नहीं, पर परिवार ने दी तहरीर
दूल्हे के पिता ने थाने में लिखित शिकायत दी है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और सीसीटीवी फुटेज व चश्मदीदों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पीड़ित परिवार चाहता है कि आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें सख्त सजा दी जाए।
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