मंदाकिनी सफाई के दौरान मंत्री रामकेश निषाद का हाथ टूटा, चित्रकूट में नदी में उतरते वक्त हुआ हादसा, अस्पताल में इलाज जारी।
चित्रकूट में मां मंदाकिनी की सफाई में मंत्री का टूटा हाथ, अस्पताल में भर्ती
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। प्रदेश के जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद मंदाकिनी नदी की सफाई में हाथ बंटाने पहुंचे थे, लेकिन जज़्बा ऐसा था कि जान पर बन आई। मंत्री जी नदी में खुद उतरे, कचरा हटाया, लेकिन अचानक उनका पैर फिसला और हाथ में गंभीर फ्रैक्चर हो गया। अब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
इस सफाई अभियान में वह जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के साथ पहुंचे थे। दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित ‘मां मंदाकिनी स्वच्छता अभियान’ में वे बतौर अतिथि शामिल हुए थे। जैसे ही वह नदी में उतरकर सफाई करने लगे, अचानक असंतुलन होने से गिर पड़े और उनके हाथ में गंभीर चोट आ गई।
एक घंटे चला सफाई मिशन, फिर हुआ हादसा
रविवार को चित्रकूट के रामघाट पर सफाई अभियान का आयोजन किया गया था। सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग, समाजसेवी संगठन, भाजपा नेता और मंत्रीगण सफाई अभियान में जुटे हुए थे। करीब एक घंटे तक चले इस स्वच्छता अभियान में मंत्रीगण खुद नदी में उतरकर सिल्ट और घास को हटाते दिखे। लोगों में सफाई को लेकर उत्साह चरम पर था।
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने नदी को अविरल और निर्मल बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि ये सिर्फ सरकारी काम नहीं, जन आंदोलन बनना चाहिए। लेकिन उसी दौरान हादसा हो गया। मंत्री रामकेश निषाद असंतुलित होकर फिसले और उनका हाथ टूट गया। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां हाथ में प्लास्टर किया गया और फिर डिस्चार्ज कर दिया गया।
जनसहयोग से चलेगा अभियान, बोले मंत्री स्वतंत्र देव
स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि मंदाकिनी की सफाई यूपी व एमपी प्रशासन के संयुक्त प्रयास से हो रही है। सामाजिक संस्थाएं और स्थानीय लोग मिलकर इसे जन आंदोलन का रूप दे रहे हैं। नदी के किनारे से घास, कचरा और सिल्ट निकालकर उसे साफ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि "स्वच्छता सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, यह संवेदनशीलता और संस्कृति का प्रतीक है। हमें अपनी नदियों को सिर्फ तीर्थ नहीं, अपनी पहचान बनाना होगा।"
मंत्री के जज़्बे को सलाम, पर लापरवाही ने भेजा अस्पताल
हालांकि मंत्री रामकेश निषाद की हिम्मत तारीफ के काबिल है कि उन्होंने खुद नदी में उतरकर सफाई की जिम्मेदारी निभाई, लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी और नदी के फिसलन भरे तल ने उन्हें सीधे हॉस्पिटल बेड तक पहुंचा दिया।
लोगों ने उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई और जल्द स्वस्थ होने की कामना की। फिलहाल उन्हें आराम की सलाह दी गई है और अगले कार्यक्रम से विश्राम लेने का निर्देश मिला है।
सफाई अभियान के दौरान ये नेता भी रहे मौजूद:
जल शक्ति मंत्री के साथ भाजपा के कई स्थानीय विधायक, कार्यकर्ता और स्वयंसेवी संगठन के सदस्य मौजूद थे। सभी ने हाथों में झाड़ू और बाल्टी थामकर सफाई में हिस्सा लिया। कुछ ने नदी में उतरकर कूड़ा निकाला तो कुछ ने किनारे पर सिल्ट हटाई।
अब अगला लक्ष्य – मंदाकिनी को अविरल और स्वच्छ बनाना
अभियान की अगली कड़ी में दोनों राज्यों के प्रशासन, केंद्रीय एजेंसियों और आम जनता को जोड़ते हुए मंदाकिनी नदी को जीवंत, अविरल और प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना बनाई जा रही है।
0 टिप्पणियाँ