लखनऊ में डबल डेकर बस में लगी आग, 5 यात्रियों की जलकर मौत, बस में 60 यात्री थे सवार, ड्राइवर-कंडक्टर कूदकर फरार।
लखनऊ में डबल डेकर बस बनी मौत का फंदा: जिंदा जल गए 5 मुसाफिर, दिल्ली से बिहार जा रही थी बस
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ गुरुवार सुबह उस समय चीख-पुकार और आग की लपटों से दहल उठी, जब एक दौड़ती डबल डेकर बस में अचानक भीषण आग लग गई। महज 10 मिनट में पूरी बस राख हो गई। हादसे में 5 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। घटना लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र में किसान पथ के पास हुई, जहां यह बस दिल्ली से बिहार जा रही थी।
सुबह-सुबह लखनऊ की सड़कों पर चीखते-चिल्लाते लोग, बस से उड़ती आग की लपटें और चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। बस में करीब 60 से ज्यादा लोग सवार थे, जिनमें ज्यादातर लोग सो रहे थे। तभी अचानक गियर के पास स्पार्क हुआ और देखते ही देखते पूरी बस आग की चपेट में आ गई।
इमरजेंसी गेट बना मौत का ताला, 10 मिनट में खत्म हो गया सबकुछ
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब आग लगी तो बस में अफरा-तफरी मच गई। पीछे बैठे लोग बस में ही फंस गए क्योंकि बस का इमरजेंसी गेट नहीं खुला। इस बीच ड्राइवर और कंडक्टर मौके से कूदकर भाग निकले। लोगों की चीखें, मदद की पुकार और घबराहट के बीच कुछ यात्री किसी तरह खिड़कियों से कूदकर जान बचा पाए। लेकिन दुर्भाग्यवश, पांच लोग बस की आग में जिंदा जल गए।
शराबी ड्राइवर ने सबको मरने को छोड़ दिया!
एक यात्री ने आरोप लगाया कि ड्राइवर नींद में था या नशे में। आग लगने के बाद उसने किसी को सचेत किए बिना खुद कूदकर भागने में भलाई समझी। वही अन्य लोगों ने बताया कि गाड़ी में गियर के पास से चिंगारी निकलने के बाद अचानक आग भड़की और कुछ ही पलों में पूरे बस को अपनी चपेट में ले लिया।
फायर ब्रिगेड पहुंची लेकिन तब तक सब जल चुका था
मौके पर पहुंचे दमकल के 6 से अधिक वाहन आग बुझाने में घंटों जुटे रहे। लपटें इतनी भीषण थीं कि एक किलोमीटर दूर से दिख रही थीं। पुलिस ने मृतकों के शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रत्यक्षदर्शी बोले- 10 मिनट में खत्म हो गई जिंदगियां
स्थानीय निवासी रवि कुमार ने बताया, “मैं अपने खेत में था तभी धमाका सा हुआ और देखा कि बस से धुआं निकल रहा है। हम भागकर पहुंचे और बस की खिड़कियां तोड़कर लोगों को निकालने की कोशिश करने लगे। लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।”
बिहार जाने वाले यात्रियों का टूटा सपना
यह बस बागपत की बताई जा रही है जो दिल्ली से बिहार जा रही थी। यात्रियों में अधिकतर बिहार के निवासी थे जो अपने गांव ईद मनाने जा रहे थे। किसी के हाथ में मिठाई के डिब्बे थे, किसी के पास तोहफे, लेकिन किस्मत ने उन्हें राख कर दिया।
अब तक सामने आए अहम तथ्य
पुलिस और फायर विभाग की शुरुआती जांच में सामने आया है कि—
- बस का इमरजेंसी गेट बंद था
- ड्राइवर-कंडक्टर हादसे के बाद फरार हो गए
- गियर के पास से उठी चिंगारी से आग फैली
- बस में 60 से अधिक लोग सवार थे
- 10 मिनट में पूरी बस जलकर राख हो गई
प्रशासन पर भी सवाल
इस हादसे ने प्रशासन और परिवहन विभाग की लापरवाहियों को भी उजागर कर दिया है। बिना फिटनेस सर्टिफिकेट और सुरक्षा उपायों के कैसे दौड़ रही थीं ऐसी डबल डेकर बसें? क्या यात्रियों की जान की कोई कीमत नहीं?
परिजन बिलखते रह गए, शासन-प्रशासन मौन
मृतकों के परिजन मौके पर पहुंचे तो चीख-पुकार मच गई। किसी की बेटी थी तो किसी का बेटा। प्रशासन अब हादसे की जांच की बात कह रहा है लेकिन सवाल ये है कि क्या इन मौतों की जवाबदेही तय होगी?
घटना के बाद की स्थिति
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और फोरेंसिक टीम जांच में जुट गई है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।


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