अयोध्या जाने निकले थे, लाशें मिलीं स्कूल में! एक पेड़ से लटका, दूसरा ज़मीन पर… गाजीपुर के दो दोस्तों की रहस्यमयी मौत



गाजीपुर के दो दोस्तों की अयोध्या जाते वक्त संदिग्ध मौत, एक का शव पेड़ से लटका मिला, दूसरे का ज़मीन पर। परिजनों ने जताई हत्या की आशंका।


गाजीपुर-अंबेडकरनगर क्राइम स्टोरी:
दोस्त बने दुश्मन या खेला गया खौफनाक प्लान? गाजीपुर के प्रिंस और मुकेश की मौत का सच क्या है?

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मोहम्मदाबाद तहसील के छतरपुर गांव के दो युवक — प्रिंस कुशवाहा और मुकेश पासवान — घर से अयोध्या जाने की बात कहकर निकले थे, लेकिन उनकी वापसी कभी नहीं हुई। अयोध्या पहुंचने से पहले ही दोनों की लाशें अंबेडकर नगर जिले के अहिरौली थाना क्षेत्र स्थित एक सरकारी स्कूल के परिसर में मिलीं। एक का शव फंदे से लटका था, तो दूसरा मृत अवस्था में ज़मीन पर पड़ा था।

परिजनों के अनुसार, यह आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है। पुलिस भी मामले की गहराई से जांच कर रही है और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई है।

एक फंदे पर लटका, दूसरा ज़मीन पर पड़ा! साजिश की बू क्यों आ रही है?

बुधवार की सुबह स्थानीय ग्रामीणों ने जब स्कूल परिसर में एक युवक का शव पेड़ से लटका और दूसरे का ज़मीन पर पड़ा देखा, तो इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों की पहचान शुरू की, जो बाद में गाजीपुर के युवकों के रूप में हुई।

फंदे से लटके युवक की पहचान प्रिंस कुशवाहा (22 वर्ष) और ज़मीन पर पड़े शव की पहचान मुकेश पासवान (24 वर्ष) के रूप में हुई। दोनों के परिवारों ने बताया कि वे मंगलवार को अयोध्या दर्शन के लिए निकले थे।

परिजनों की चीख, गांव में मातम, गाजीपुर से अंबेडकर नगर तक पसरा सन्नाटा

जैसे ही खबर गांव में पहुंची, छतरपुर में कोहराम मच गया। परिजन शवों की हालत देखकर फूट-फूटकर रो पड़े। किसी के गले पर फांसी का निशान था तो किसी के शरीर पर खरोंच के निशान। लोगों ने पुलिस पर जल्दबाजी में सुसाइड का मामला बनाने का आरोप लगाया और हत्या की साजिश की ओर इशारा किया।

क्राइम कनेक्शन या बदले की आग? पुलिस जांच में निकले नए नाम

पुलिस जांच में एक नाम सामने आया — सतीश राम। यह शख्स इलाके में बाइक चोरी और लूट के मामलों में पहले से वांछित रहा है। बताया जा रहा है कि प्रिंस और मुकेश उसका साथ देने लगे थे और कई बार घर से लंबे समय तक गायब रहते थे।

ग्रामीणों और परिजनों के अनुसार, सतीश का गैंग इन दोनों को गलत रास्ते पर ले गया था और हो सकता है कि किसी गैंगवार या विवाद में उनकी जान चली गई हो।

हत्या की साजिश या खुदकुशी का ड्रामा? पुलिस के सामने कई सवाल

पुलिस ने स्कूल परिसर से कई सबूत इकट्ठा किए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। साथ ही प्रिंस और मुकेश के मोबाइल डाटा को खंगाला जा रहा है ताकि उनके अंतिम समय की गतिविधियों का पता चल सके।

इस मामले में दो युवकों के अन्य दोस्तों और चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि अयोध्या की जगह वे अंबेडकर नगर कैसे पहुंचे और यह सब किसकी प्लानिंग थी।

स्कूल बना मौत का अड्डा, पर CCTV कहां था?

घटना स्थल एक सरकारी प्राथमिक स्कूल है, जो आमतौर पर छुट्टी के समय सुनसान रहता है। सवाल यह भी है कि क्या वहां CCTV कैमरा था? अगर हां, तो पुलिस के पास वीडियो फुटेज क्यों नहीं आया? और अगर नहीं था, तो यह सुरक्षा में भारी चूक मानी जाएगी।

गांव वालों की मांग: हत्यारों को जल्द हो सजा

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच हो तथा अगर यह हत्या है, तो दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सजा दी जाए। गाजीपुर और अंबेडकर नगर दोनों जिलों की पुलिस इस केस को मिलकर हैंडल कर रही है।

प्रशासन का दावा, जांच जारी लेकिन लोग नहीं माने

अंबेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले में हर एंगल से जांच हो रही है और जल्द ही सच्चाई सामने लाई जाएगी। लेकिन परिजन और ग्रामीण प्रशासन से नाखुश हैं और आरोप लगा रहे हैं कि कुछ सबूतों को दबाया जा रहा है।

गुरुवार को दोनों का अंतिम संस्कार, गांव में पसरा सन्नाटा

गुरुवार को मोहम्मदाबाद के सुल्तानपुर गौसपुर घाट पर दोनों दोस्तों का अंतिम संस्कार किया गया। पूरा गांव शोक में डूबा हुआ था।

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