काशीदास पूजा में मंडप लगाते वक्त बांस हाईटेंशन तार से टकराया, करंट से 4 की मौत, 3 गंभीर; गांव में मचा कोहराम।
गाजीपुर में काशीदास बाबा की पूजा बनी मातम का मंजर, हाईटेंशन लाइन से बांस टकराया, 4 की मौके पर मौत, 3 गंभीर
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक हिला देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक धार्मिक आयोजन के दौरान जानलेवा हादसा हो गया। मरदह थाना क्षेत्र के नरवर गांव में काशीदास बाबा के पूजन समारोह के लिए मंडप तैयार किया जा रहा था। इसी बीच एक लंबा बांस ऊपर से गुजर रही 33 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। बांस में करंट दौड़ते ही वहां मौजूद सात लोग झुलस गए। उनमें से चार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन की हालत गंभीर बनी हुई है।
मंडप की तैयारी में काल बन गया बांस
बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे गांव में काशीदास बाबा के पूजन के लिए मंडप लगाने का कार्य चल रहा था। सुबह 11 बजे से शुरू होने वाले इस भव्य आयोजन में सैकड़ों की संख्या में आसपास के ग्रामीण जुटने वाले थे। आयोजन की तैयारियों में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। बांसों से मंडप सजाया जा रहा था, तभी एक बांस का सिरा ऊपर से गुजर रही 33 हजार वोल्टेज की लाइन से स्पर्श कर गया और वहीं से त्रासदी शुरू हो गई।
चीखों से गूंज उठा गांव, शवों को खींचते रहे लोग
जैसे ही बांस में करंट दौड़ा, वहां मौजूद सात लोग उसकी चपेट में आ गए। एक के बाद एक लोग जमीन पर गिरते गए और मौके पर ही तड़पते रहे। गांव में चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। ग्रामीण दौड़कर पहुंचे, किसी तरह लकड़ी और कपड़े की मदद से लोगों को बिजली की चपेट से खींचा गया। पुलिस को सूचना दी गई और एंबुलेंस बुलाकर घायलों को मऊ के फातिमा अस्पताल भिजवाया गया।
चार की दर्दनाक मौत, तीन गंभीर
अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया। मरने वालों में छोटेलाल यादव (35), रविंद्र यादव उर्फ कल्लू (29), गोरख यादव (23) और अमन यादव (19) शामिल हैं। मृतक रविंद्र यादव उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल पद पर तैनात थे और इस वक्त आंबेडकर नगर में पोस्टेड थे। वहीं झुलसे हुए तीन अन्य—अमेरिका यादव, संतोष यादव और जितेंद्र यादव—की हालत गंभीर है और उनका इलाज जारी है।
कई परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
इस हादसे ने नरवर गांव के कई घरों को मातम में डुबो दिया। एक ही दिन चार अर्थियां उठने की तैयारी से गांव में सन्नाटा पसरा है। मृतकों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। अमन यादव की उम्र महज 19 साल थी, जबकि गोरख और कल्लू अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। छोटे लाल यादव के दो छोटे बच्चे हैं, जिनके सिर से पिता का साया उठ गया।
पूजन की जगह पसरा मातम, नेता नहीं पहुंचे
काशीदास बाबा के इस पूजन में समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के शामिल होने की भी चर्चा थी, लेकिन हादसे की सूचना के बाद कार्यक्रम अधूरा रह गया। आयोजन समिति ने सभी धार्मिक गतिविधियों को रोक दिया। घटना के बाद कोई बड़ा नेता मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा गया।
पुलिस और प्रशासन मौके पर, जांच शुरू
घटना की जानकारी मिलते ही मरदह थाना पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मंडप स्थल के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी, लेकिन बिजली विभाग या ग्राम पंचायत ने इस बारे में कोई चेतावनी या सावधानी नहीं बरती।
किसकी लापरवाही बनी हादसे की वजह?
गांववालों का आरोप है कि कई बार बिजली विभाग को इस लाइन के खतरों के बारे में बताया गया था, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। वहीं पंचायत प्रशासन भी आयोजन की सुरक्षा को लेकर उदासीन रहा। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये हादसा लापरवाही का नतीजा था, जिसे थोड़ी सी सावधानी से रोका जा सकता था?
अंतिम संस्कार की तैयारी, सरकार से मदद की मांग
चारों मृतकों के शव जैसे ही गांव पहुंचे, मातम और तेज हो गया। अब ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। गांव में अब हर घर में चर्चा सिर्फ एक ही है—काश बांस बिजली की लाइन से न टकराता।
गाजीपुर हादसे से सबक लें अन्य आयोजक
यह घटना पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक चेतावनी है। आयोजनों में बिजली सुरक्षा को लेकर अक्सर लापरवाही की जाती है, जिसका नतीजा जानलेवा साबित होता है। काशीदास पूजा का यह आयोजन जहां श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक था, वहीं अब यह हादसे और मातम की कहानी बन चुका है।
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