'दूसरों को मारना अधर्म है!' प्रेमानंद महाराज का पहलगाम हमले पर फूटा गुस्सा, कहा- अब राक्षसी सोच पर चले शासन का डंडा


प्रेमानंद महाराज ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए हिंसक प्रवृत्ति को अधर्म करार दिया, कड़े शासन की मांग की।


पहलगाम हमले पर प्रेमानंद महाराज का फूटा गुस्सा, बोले- "दूसरों को मारना कोई धर्म नहीं, ये तो अधर्म है"

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। निर्दोषों की मौत से हर दिल में गुस्सा है और अब वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने भी इस नृशंस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। करोड़ों भक्तों के हृदय में बसने वाले प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि हिंसा किसी भी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकती।

"धर्म दूसरों को बचाना सिखाता है, मारना नहीं" - प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'भजन मार्ग' पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने भावुक होकर कहा कि कोई भी सच्चा धर्म कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं करता। उन्होंने आतंकवादियों की सोच को 'राक्षसी प्रवृत्ति' बताया और कहा कि ऐसे लोगों को दंडित करना ही सच्चा धर्म है।

"हिंसा फैलाने वालों पर शासन का डंडा चलना चाहिए" - प्रेमानंद महाराज

अपने वीडियो संदेश में प्रेमानंद महाराज ने जोर देते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति के शरीर में कैंसर हो जाता है तो उसे काटकर अलग कर दिया जाता है, ठीक वैसे ही आतंक फैलाने वाले लोगों को भी समाज से काटकर अलग करना चाहिए। उनका स्पष्ट संदेश था कि अधर्मियों को केवल शासन ही रोक सकता है और उनकी हिंसा को समय रहते समाप्त करना अनिवार्य है।

"राक्षसी प्रवृत्ति वालों का कोई धर्म नहीं होता" - प्रेमानंद महाराज

महाराज ने दुख और आक्रोश के साथ कहा कि जो लोग निर्दोषों की हत्या करते हैं, वे इंसान नहीं बल्कि राक्षसों के स्वरूप हैं। ऐसे तत्वों को धर्म की आड़ में पनपने देना सबसे बड़ा अधर्म है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो ये लाखों निर्दोषों की जान ले सकते हैं।

"देश और विश्व शांति के लिए अधर्मियों पर चलाना होगा शासन"

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि दुनिया में अमन और चैन बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हिंसा फैलाने वाले तत्वों पर कठोर शासन लागू हो। उन्होंने सभी देशवासियों से आग्रह किया कि वे धर्म के वास्तविक स्वरूप को पहचानें और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं।

"मारना नहीं, बचाना ही धर्म का असली स्वरूप है"

महाराज ने अपने बयान में धर्म की सच्ची परिभाषा भी रखी। उन्होंने कहा कि सच्चा धर्म वही है जो दूसरों को बचाए, सहारा दे, प्रेम और करुणा का प्रसार करे। हत्या, हिंसा और आतंकवाद धर्म के नाम पर केवल अधर्म ही है।

"सरकार को चाहिए सख्त एक्शन"

प्रेमानंद महाराज ने सरकार से अपील की कि देश के भीतर मौजूद ऐसे कट्टरपंथी और हिंसक तत्वों के खिलाफ बिना किसी देरी के कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आतंकवाद और अधर्म को पूरी तरह कुचल दिया जाए।

"देशवासियों को देना होगा एकता का संदेश"

आखिर में महाराज ने जनता से अपील की कि वे धर्म, जाति, संप्रदाय से ऊपर उठकर एकजुट हों और देश की रक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद करें। उन्होंने कहा कि यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी उन निर्दोषों के लिए जिन्होंने पहलगाम में अपनी जान गंवाई है।

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