'राम' लिखा गमछा, ढाई फीट लम्बी लकड़ी और पलटने वाली साजिश! लखनऊ में गरीब रथ ट्रेन को पटरी से उतारने की खौफनाक कोशिश, बड़ा हादसा टला



लखनऊ में गरीब रथ ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश नाकाम, ट्रैक पर मिला 'राम' लिखा गमछा और लकड़ी का टुकड़ा।


लखनऊ में बड़ा ट्रेन हादसा टला, गरीब रथ को पटरी से उतारने की थी साजिश
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां रहीमाबाद रेलवे ट्रैक पर गरीब रथ ट्रेन को पटरी से उतारने की खौफनाक साजिश रची गई। रेलवे कर्मचारियों की सतर्कता और लोको पायलट की नजर ने एक बड़ा हादसा होने से बचा लिया।

काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के चालक ने देखा ट्रैक पर संदिग्ध वस्तु
घटना सोमवार देर रात करीब 2:43 बजे की है। सहरसा-आनंद विहार गरीब रथ एक्सप्रेस को इसी ट्रैक से गुजरना था, लेकिन उससे ठीक पहले दूसरी दिशा से आ रही काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के चालक की नजर ट्रैक पर पड़ी एक संदिग्ध चीज पर पड़ी।

ढाई फीट लंबी लकड़ी और 'राम' लिखा गमछा देख रुकी सांसें
चालक ने जो देखा, वो किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा था। रेलवे ट्रैक पर ढाई फीट लंबा और 6 इंच मोटा लकड़ी का टुकड़ा रखा गया था। साथ में आम के पेड़ की टहनियां और एक गमछा भी मिला, जिस पर साफ-साफ 'राम' लिखा हुआ था।

स्टेशन मास्टर की फुर्ती ने बचाया सैकड़ों यात्रियों का जीवन
जैसे ही काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के चालक ने ट्रैक पर रखे गए इस लकड़ी के टुकड़े की सूचना रहीमाबाद स्टेशन मास्टर को दी, उन्होंने तुरंत रेस्पॉन्ड किया। गरीब रथ को मलिहाबाद स्टेशन पर रोक लिया गया और सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई।

रेलवे गैंगमैन ने हटाया ट्रैक से साजिश का सबूत
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे गैंगमैन टीम मौके पर पहुंची और ट्रैक के बीच से उस लकड़ी के टुकड़े को हटाया गया। साथ ही आम की टहनियां और 'राम' लिखा गमछा भी जब्त किया गया।

आरपीएफ ने दर्ज की FIR, जांच में जुटी पुलिस
इस पूरे मामले को गंभीर मानते हुए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की है। रहीमाबाद थाने में दर्ज इस मुकदमे की जांच इंस्पेक्टर की अगुवाई में बनाई गई विशेष टीम कर रही है।

CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस, तलाश में जुटी टीमें
घटनास्थल के आसपास के रेलवे क्रॉसिंग और रास्तों पर लगे CCTV कैमरों की फुटेज की जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि इस साजिश के पीछे कौन लोग थे और उन्होंने यह प्रयास क्यों किया।

पहले भी सामने आ चुकी हैं ऐसी जानलेवा साजिशें
यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश में ट्रेनों को निशाना बनाया गया हो। अक्टूबर 2024 में कानपुर के बैरागपुर और उत्तरीपुरा स्टेशन के बीच ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश रची गई थी। उस समय भी ट्रेन चालक की सतर्कता से हादसा टल गया था।

बरेली, फर्रुखाबाद और सैंथल में भी हो चुकी हैं साजिशें
इसी तरह नवंबर 2024 में बरेली के सैंथल स्टेशन के पास ट्रैक पर सीमेंट की बेंच रखी गई थी। अगस्त में फर्रुखाबाद में युवकों ने लकड़ी का टुकड़ा रखकर एक्सीडेंट कराने की कोशिश की थी। दोनों मामलों में समय रहते पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया था।

राम नाम के गमछे से जुड़े नए सवाल
इस घटना में सबसे चौंकाने वाला पहलू था—ट्रैक पर मिले गमछे पर लिखा 'राम'। इससे अब यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या यह साजिश धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए रची गई थी या यह ध्यान भटकाने की एक चाल थी।

जांच के घेरे में कई एंगल, इंटेलिजेंस टीम भी हुई एक्टिव
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग कई एंगल्स पर काम कर रहे हैं। क्या यह आतंकी साजिश थी? क्या किसी संगठन के इशारे पर यह प्लान बनाया गया? या फिर इसके पीछे कोई और मकसद था? इन सभी पहलुओं की जांच जारी है।

गरीब रथ ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों में दहशत
घटना के बाद गरीब रथ ट्रेन के यात्रियों में भारी दहशत देखी गई। लोग सोच में पड़ गए कि अगर ट्रेन समय से कुछ मिनट आगे होती, तो क्या होता? रेलवे की लापरवाही नहीं, बल्कि सतर्कता ने इस बार सबको राहत की सांस दी है।

रेल मंत्रालय ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लखनऊ मंडल से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। साथ ही रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए और भी कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।



राजनीतिक हलकों में भी गरमाया मामला, जांच की मांग तेज
घटना की खबर फैलते ही राजनीतिक दलों ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं ने इसे 'सुनियोजित साजिश' बताया है और पूरे मामले की हाई लेवल जांच की मांग की है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ