बाबा साहेब के अपमान पर अखिलेश यादव के खिलाफ सड़कों पर उतरे भाजपाई, माफी न मांगी तो उग्र आंदोलन की चेतावनी।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
अखिलेश का पोस्टर कांड बना बवाल की वजह
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मड़ियाहूं कस्बे में उस वक्त गुस्से का ज्वालामुखी फूट पड़ा जब समाजवादी पार्टी द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर के चित्र में सपा प्रमुख अखिलेश यादव का चेहरा जोड़ने का मामला सामने आया। इस कृत्य को लेकर भाजपा कार्यकर्ता आगबबूला हो गए और अखिलेश यादव के खिलाफ सड़कों पर उतर आए।
तिराहे से शुरू हुआ आक्रोश का कारवां, शहर में मची सियासी खलबली
भाजपा के मछलीशहर जिलाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिराहे से विरोध पदयात्रा निकाली गई। बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद कार्यकर्ताओं ने हाथों में काली पट्टियां बांध लीं और "अखिलेश यादव शर्म करो" जैसे नारे लगाते हुए शहर की गलियों को गुंजा दिया।
सपा के खिलाफ लगाए गए गगनचुंबी नारे
भाजपाइयों के हाथों में स्लोगन वाली तख्तियां थीं—"समाजवादी पार्टी मुर्दाबाद", "दलित विरोधी सपा होश में आओ", "बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान" जैसी गूंजती आवाजों ने शहर का माहौल गर्मा दिया। यह पदयात्रा शहीद भगत सिंह चौक पर एक विशाल सभा में तब्दील हो गई।
भाजपा जिलाध्यक्ष बोले- ये बाबा साहेब नहीं, वोट बैंक का अपमान है!
सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह ने सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का यह कृत्य दलित समाज और बाबा साहेब दोनों का अपमान है। उन्होंने याद दिलाया कि सपा नेता आजम खान पहले भी बाबा साहेब को भूमाफिया कह चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी, तो भाजपा उग्र आंदोलन करेगी।
मंच पर जुटे बीजेपी के दिग्गज, गरजे गगनभेदी स्वर
इस विरोध प्रदर्शन में जिला महामंत्री मेहीलाल गौतम, पूर्व विधायक दिनेश चौधरी, चंद्र प्रकाश सिंह, जिला मंत्री कमलेश सिंह, पं. राजकृष्ण शर्मा, डॉ. श्यामदत्त दुबे, इंद्रेश तिवारी समेत सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने एक सुर में अखिलेश यादव की आलोचना की और दलित समाज के सम्मान की रक्षा का संकल्प लिया।
'बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेगा भारत': बीजेपी का अल्टीमेटम
भाजपा नेताओं ने स्पष्ट किया कि बाबा साहेब सिर्फ एक वर्ग नहीं, पूरे भारत के संविधान निर्माता हैं। उनका राजनीतिक उपयोग कर समाजवादी पार्टी ने घोर अनादर किया है। यदि सपा ने यह चित्र सार्वजनिक मंच से नहीं हटाया और अखिलेश ने माफी नहीं मांगी, तो परिणाम गंभीर होंगे।
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