नाम मुस्कान, काम खतरनाक: लखनऊ में हथियारों की डिलीवरी करती थी ये लड़की, पुलिस के हत्थे चढ़ी!


Lucknow Illegal Arms Smuggling Case: लखनऊ में पुलिस ने मुस्कान तिवारी को 4 पिस्टल और 7 मैगजीन के साथ पकड़ा, हथियार तस्करी का बड़ा खुलासा!

Lucknow Illegal Arms Smuggling Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. एक युवती, जो दिखने में मासूम लगती थी, असल में बेहद खतरनाक अपराध में लिप्त थी. मुस्कान तिवारी नाम की इस लड़की का काम था अवैध हथियारों की तस्करी. पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तो उसके पास से चार पिस्टल और सात मैगजीन बरामद हुईं. ये मामला पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है.

कैसे हुई गिरफ़्तारी?

लखनऊ पुलिस को काफी दिनों से सूचना मिल रही थी कि पूर्वांचल में अवैध हथियारों की तस्करी करने वाला गिरोह सक्रिय है. STF समेत पुलिस की कई टीमें इस मामले पर नजर रख रही थीं. आखिरकार कैसरबाग बस स्टेशन के पास पुलिस को वह संदिग्ध दिखी. जब उसकी तलाशी ली गई, तो उसके पास 4 अवैध पिस्टल, 7 मैगजीन और एक मोबाइल फोन मिला. यही नहीं, पुलिस को उसके मोबाइल में ऐसे चैट्स और कॉल रिकॉर्डिंग्स भी मिलीं, जिससे साफ हुआ कि वह किसी बड़े गिरोह के लिए काम कर रही थी.

मुस्कान तिवारी कौन है?

मुस्कान तिवारी जौनपुर जिले के रूदौली, थाना सरपतहा की रहने वाली है. बताया जा रहा है कि वह शुभम सिंह नाम के गैंगस्टर के संपर्क में आई थी, जिसने उसे इस गंदे धंधे में धकेल दिया. शुभम सिंह यूपी के अवैध हथियार तस्करी गैंग का बड़ा नाम है, जो कई सालों से इस धंधे में लिप्त है. मुस्कान को पुलिस ने पहले भी गिरफ्तार किया था, लेकिन जेल से छूटने के बाद वह फिर से गिरोह के लिए काम करने लगी.

कैसे करती थी हथियारों की तस्करी?

पुलिस की पूछताछ में मुस्कान तिवारी ने चौंकाने वाले खुलासे किए. उसने बताया कि शुभम सिंह ने उसे एक खास प्लान दिया था. पहले जब गैंग के दो लोग एक साथ हथियारों की डिलीवरी के लिए जाते थे, तो पकड़े जाने का खतरा रहता था. इसलिए अब गिरोह के सदस्य अकेले ही हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने लगे.

मुस्कान इसी प्लान के तहत मेरठ के शोहराबगेट बस स्टेशन से हथियार लेकर लखनऊ आई थी. वहां से उसे जौनपुर के शाहगंज जाना था और माल डिलीवर करना था. पुलिस के अनुसार, एक पिस्टल की कीमत करीब 1.5 लाख रुपये होती है, और मुस्कान को इस काम के बदले 50,000 रुपये मिलते थे.

पहले भी कर चुकी थी तस्करी!

मुस्कान तिवारी ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह पहले भी कई बार हथियार और कारतूस की डिलीवरी कर चुकी है. वह ट्रेन और बस के जरिए एक जगह से दूसरी जगह हथियार पहुंचाती थी. पुलिस को शक है कि वह सिर्फ एक डिलीवरी एजेंट नहीं थी, बल्कि पूरे नेटवर्क का अहम हिस्सा थी.

पुलिस की अगली कार्रवाई?

लखनऊ पुलिस और STF अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही हैं. पुलिस को शक है कि इस गिरोह के तार बिहार, झारखंड और एमपी तक फैले हो सकते हैं. इस गैंग का मास्टरमाइंड शुभम सिंह फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है.

लखनऊ में अवैध हथियारों का बढ़ता खतरा

उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन फिर भी राजधानी लखनऊ में हथियारों की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि अवैध हथियारों का बाजार फल-फूल रहा है, और कई बड़े गिरोह इसमें शामिल हैं.

क्या है इस केस का भविष्य?

पुलिस को उम्मीद है कि मुस्कान तिवारी की गिरफ्तारी से इस अवैध हथियार तस्करी गैंग का पूरा नेटवर्क बेनकाब हो सकता है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस इस गैंग को जड़ से खत्म कर पाएगी या फिर यह खेल जारी रहेगा? उत्तर प्रदेश पुलिस इस केस की तह तक जाने की कोशिश कर रही है, ताकि राज्य में अवैध हथियारों का यह गंदा धंधा हमेशा के लिए खत्म किया जा सके.

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