चाइनीज मांझे का कहर: बरेली में तीन युवतियां घायल, प्रशासन के दावों की खुली पोल


बरेली में चाइनीज मांझे का कहर! स्कूटी सवार तीन युवतियां घायल, प्रशासन की लापरवाही उजागर, चोरी-छिपे बिक रहा खतरनाक मांझा!

संवाददाता शानू की रिपोर्ट

बरेली। बरेली में प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटना कोतवाली क्षेत्र की है, जहां स्कूटी सवार तीन युवतियां इस जानलेवा मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

जानकारी के मुताबिक, किला क्षेत्र की निवासी दीपिका (25) अपनी सहेलियों सिमरन और नंदा के साथ स्कूटी से काम पर जा रही थीं। सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर के पास अचानक सड़क पर लटक रहे चाइनीज मांझे ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में दीपिका की हालत सबसे ज्यादा खराब हो गई। उनकी आंख के बेहद करीब से मांझा गुजर गया, जिससे उनकी आंख बाल-बाल बची। स्थानीय लोगों ने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उनकी मरहम-पट्टी कर घर भेज दिया।

बाजारों में चोरी-छिपे बिक रहा जानलेवा चाइनीज मांझा

सरकार और प्रशासन भले ही चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाने की बात कह रहे हों, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। बरेली में यह खतरनाक मांझा चोरी-छिपे बाजारों में बिक रहा है। सूत्रों की मानें तो अब इस घातक मांझे को शहर में ही तैयार किया जा रहा है, जिससे इसकी आपूर्ति लगातार बनी हुई है।

बरेली में चाइनीज मांझे से हादसे कोई नई बात नहीं हैं। खासतौर पर किला ओवरब्रिज और आसपास के इलाकों में कई बार लोग इस जानलेवा मांझे की चपेट में आ चुके हैं। बीते कुछ महीनों में ही इस वजह से कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन प्रशासन इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

प्रशासन की लापरवाही ने बढ़ाई मुश्किलें

इस घटना ने एक बार फिर से प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है। प्रतिबंध के बावजूद यह मांझा खुलेआम बिक रहा है और लोग इसकी चपेट में आकर घायल हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे रोके जा सकें।

शहर के जागरूक नागरिकों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन से अपील की है कि इस पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह मांझा न सिर्फ लोगों की जान ले सकता है, बल्कि प्रशासन की नाकामी भी उजागर करता रहेगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ