जौनपुर के परौती (बड़ेरी) गांव में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन, कृष्ण जन्मोत्सव की धूम। कथा व्यास ने बताया, भागवत कथा से होती है सभी इच्छाओं की पूर्ति।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
जौनपुर: आध्यात्मिकता और श्रद्धा के संगम में सराबोर परौती (बड़ेरी) गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा भक्तों के लिए दिव्य आनंद का केंद्र बनी हुई है। कथा के चौथे दिन जब कथा व्यास पंडित हरि ॐ जी महाराज ने भक्तिरस की गंगा प्रवाहित की, तो समूचा पंडाल "हरि बोल" के जयघोष से गूंज उठा। उन्होंने अपने ओजस्वी प्रवचनों में कहा कि श्रीमद्भागवत केवल कथा नहीं, बल्कि स्वयं श्रीकृष्ण का स्वरूप है। यह कल्पवृक्ष के समान है, जो हर भक्त की इच्छाओं को पूर्ण करता है।
भाव के भूखे रहते हैं भगवान
कथा व्यास ने भागवत पुराण के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से बताया कि भगवान भोग से अधिक भाव के भूखे होते हैं। उन्होंने पांडवों के जीवन में भगवान श्रीकृष्ण की कृपा का वर्णन करते हुए कहा कि जब भक्त पूरी श्रद्धा से भक्ति करता है, तो भगवान उसके हर संकट का समाधान कर देते हैं।
उन्होंने राजा परीक्षित की कथा सुनाते हुए कहा कि कलियुग के प्रभाव से ऋषि के श्राप से ग्रस्त परीक्षित ने जीवन के अंतिम दिनों में भागवत कथा का श्रवण किया और मोक्ष को प्राप्त किया। कथा व्यास ने कहा कि भागवत भक्ति की वह धारा है, जो जीवन की समस्त परेशानियों का अंत कर देती है और भक्त को मोक्ष प्राप्ति की ओर अग्रसर करती है।
कृष्ण जन्मोत्सव पर उमड़ा भक्तों का सैलाब
श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भक्तों ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को अपार हर्षोल्लास के साथ मनाया। जन्मोत्सव के दौरान पूरा पंडाल "नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की" जैसे गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा।
भगवान कृष्ण के स्वरूप में अनिरुद्ध पाटीदार, नंद बाबा के रूप में शंकर पाटीदार और वासुदेव की भूमिका में रितेश द्विवेदी ने अपनी प्रस्तुतियों से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जैसे ही श्रीकृष्ण जन्म की घोषणा हुई, पंडाल में पुष्पवर्षा और शंखनाद गूंज उठा।
श्रद्धालुओं ने किया पुण्य लाभ
इस भव्य आयोजन के साक्षी बने जगदीश प्रसाद द्विवेदी, जगतनारायण द्विवेदी, बटेश्वर नाथ द्विवेदी, शिवचंद पांडेय, रामकृष्ण मिश्र, गौरीशंकर पाठक, शिवदत्त दुबे, इंद्रेश तिवारी (भाजपा नेता), मातप्राषद गुप्ता, विजय शंकर मिश्रा, लकी तिवारी, लल्ला तिवारी और रविंद्र शुक्ला समेत सैकड़ों श्रद्धालु।
सभी भक्तों ने कथा श्रवण कर प्रसाद ग्रहण किया और भक्ति में डूबकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया।
भागवत कथा में छुपा है जीवन का सार
कथा व्यास ने कहा कि भक्ति वह अनमोल निधि है, जो न केवल जीवन की कठिनाइयों से रक्षा करती है, बल्कि मोक्ष का भी मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों के प्रेम और समर्पण से ही प्रसन्न होते हैं।
श्रद्धालुओं में उत्साह, आगे भी जारी रहेगा आध्यात्मिक आयोजन
कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे यह आयोजन दिन-ब-दिन अधिक भव्य और दिव्य होता जा रहा है। भक्तगण पूरे उत्साह के साथ कथा का श्रवण कर रहे हैं और आगे आने वाले दिनों में भी भक्ति रस की धारा प्रवाहित होती रहेगी।
श्रीमद्भागवत कथा का यह आयोजन न केवल परौती गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना रहा है।
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