राजबाला धैर्य रचित 'विशिष्ट बचपन पत्रिका' का विमोचन के बाद कवि और पत्रकारों को किया सम्मानित


राजबाला धैर्य रचित 'विशिष्ट बचपन पत्रिका' का विमोचन, कवियों व पत्रकारों को सम्मानित किया गया। सरस काव्य गोष्ठी ने माहौल सरस किया।


संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट

जनपद बरेली _ कवि गोष्ठी आयोजन समिति एवं विशिष्ट बचपन के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय बदायूं रोड पर सरस काव्य गोष्ठी, पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रणधीर प्रसाद गौड़ 'धीर' ने की। मुख्य अतिथि हास्य व्यंग्यकार दीपक मुखर्जी 'दीप' रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ माॅं शारदे के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। प्रथम सत्र में लोकप्रिय कवयित्री राजबाला धैर्य -रचित 'विशिष्ट बचपन पत्रिका' जनवरी - मार्च 25 का विमोचन अथिति कवियों ने किया। द्वितीय सत्र में साहित्यिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए बरेली के वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार गणेश पथिक एवं शाहजहांपुर के प्रख्यात कवि प्रदीप बैरागी को शाॅल उड़ाकर एवं स्मृति चिन्ह प्रदान करके कार्यक्रम संयोजिका राजबाला धैर्य एवं संस्था के सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने सम्मानित किया। तृतीय सत्र में सरस काव्य गोष्ठी हुई जिसमें कवियों ने अपनी एक से बढ़कर एक बेहतरीन रचनाऍं प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। गीतकार उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने अपना शृंगारिक गीत इस प्रकार प्रस्तुत किया। मत रूठो अब छोड़ो गुस्सा, प्रेम- रंग जीवन में छाया।
आ जाओ भुजपाशों में तुम, मौसम आज वसंती आया।।
कवयित्री राजबाला धैर्य ने सुनाया - भाव पुष्प हृदय में लेकर
करते हम सब भारत माॅं का वंदन
आम, नीम, बरगद और पीपल
महक रहा है शीतल चंदन।
रामकुमार अफरोज ने अपना शेर इस प्रकार कहा -चुटकुले इतने चुटीले हो गए शायरी के पेंच ढीले हो गए। इस अवसर पर संतोष कुमार श्रद्धा, भारतेंद्र सिंह, विनीत सक्सेना रामधनी निर्मल, रामकुमार अफरोज, राजकुमार अग्रवाल, कुमार आदित्य यदुवंशी, डॉ अखिलेश गुप्ता,सात्विक चौधरी, बीना,रीतेश साहनी एवं रमेश रंजन आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मनोज दीक्षित टिंकू ने किया।

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