बजट 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनकर पेश किया बजट, बिहार की कला को मिला सम्मान


Budget 2025-26 पेश करने के दौरान Finance Minister Nirmala Sitharaman ने Madhubani Painting Saree पहनी, जिसे Padma Shri Dulari Devi ने डिजाइन किया। बिहार की कला को मिला राष्ट्रीय मंच।


नई दिल्ली, 1 फरवरी 2025:

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में बजट 2025-26 पेश किया। लेकिन इस बार उनका पहनावा भी चर्चा का विषय बना। वित्त मंत्री ने बिहार की पारंपरिक मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनकर बजट पेश किया।

खास बात यह है कि यह साड़ी मशहूर मधुबनी पेंटिंग आर्टिस्ट पद्म श्री दुलारी देवी द्वारा बनाई गई है। उन्होंने इस साड़ी को वित्त मंत्री को भेंट किया था और अनुरोध किया था कि इसे किसी खास मौके पर पहना जाए। निर्मला सीतारमण ने उनकी इस इच्छा को पूरा करते हुए बजट पेशी के दिन यह साड़ी पहनी और बिहार की कला को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिया।


मधुबनी पेंटिंग: भारत की अनमोल विरासत

Madhubani Painting जिसे Mithila Art भी कहा जाता है, बिहार के Mithila region की एक प्राचीन हस्तकला है। यह हाथों से बनाई जाने वाली कलाकृति है, जिसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है। इस कला को UNESCO ने भी विश्व धरोहर कला के रूप में मान्यता दी है।

मधुबनी पेंटिंग में रामायण और महाभारत के दृश्य, देवी-देवताओं की आकृतियाँ, प्रकृति और सामाजिक संदेशों को उकेरा जाता है। यह India Handicraft Export का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी बन चुकी है।


दुलारी देवी: संघर्ष से सफलता की कहानी

Padma Shri Dulari Devi बिहार की प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग कलाकार हैं। वे एक गरीब मछुआरा परिवार से आती हैं और पहले घरेलू कामगार के रूप में कार्यरत थीं। लेकिन उन्होंने अपने कला कौशल से Mithila Painting Industry में अपनी एक खास पहचान बनाई।

दुलारी देवी को उनकी उत्कृष्ट कलाकारी के लिए 2021 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी बनाई गई पेंटिंग्स आज अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्रसिद्ध हैं।

क्या कहा दुलारी देवी ने?

वित्त मंत्री को अपनी साड़ी में देखकर दुलारी देवी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा:
"मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी बनाई साड़ी संसद में पहनी जाएगी। यह पूरे बिहार और हमारे समुदाय के लिए गर्व की बात है।"


सोशल मीडिया पर वायरल हुई वित्त मंत्री की साड़ी

Nirmala Sitharaman’s Saree सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #MadhubaniSaree, #Budget2025, #NirmalaSitharaman, और #MakeInIndia जैसे hashtags ट्रेंड कर रहे हैं।

लोगों की प्रतिक्रियाएँ:

  • @AmitKumar: "भारतीय कला को प्रमोट करने के लिए धन्यवाद निर्मला जी। गर्व महसूस हो रहा है!"
  • @PriyaSharma: "यह आत्मनिर्भर भारत का सबसे बड़ा उदाहरण है। बिहार की कला को अब पहचान मिल रही है।"
  • @RaviVerma: "सरकार को अब Indian Handicrafts को और बढ़ावा देना चाहिए ताकि हमारे कलाकारों को सही प्लेटफॉर्म मिले।"

बजट 2025-26 की मुख्य घोषणाएँ

हालांकि Madhubani Saree ने सभी का ध्यान खींचा, लेकिन बजट में भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं:

1. कृषि और किसान कल्याण (Agriculture & Farmers' Welfare)

  • PM Kisan Samman Nidhi की राशि बढ़ाई गई।
  • Agricultural Exports को बढ़ावा देने के लिए नई योजना।
  • Organic Farming और Millets Farming को बढ़ावा देने पर जोर।

2. डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी (Digital India & Technology)

  • AI Development Fund लॉन्च।
  • 5G Connectivity को बढ़ाने के लिए नई नीतियाँ।
  • Make in India Smartphones और Semiconductor Manufacturing को बढ़ावा।

3. स्वास्थ्य और शिक्षा (Health & Education)

  • Free Health Checkup Program का विस्तार।
  • Medical Colleges और AIIMS की संख्या बढ़ाई गई।
  • Digital Education को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट।

बजट और पारंपरिक कला – क्या यह नया ट्रेंड बनेगा?

यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता ने भारतीय कला को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पहनावा चुना हो। पहले भी Narendra Modi और Smriti Irani जैसी हस्तियाँ Khadi और Indian Handloom को प्रमोट करते रहे हैं।

अब सवाल यह है कि क्या भारतीय हस्तशिल्प को आगे भी ऐसा समर्थन मिलेगा? क्या सरकार Indian Handicrafts Industry को और अधिक बढ़ावा देगी?

विशेषज्ञों का मानना है कि Make in India और Vocal for Local जैसी योजनाओं से Indian Traditional Arts & Handicrafts को नई पहचान मिलेगी।

Nirmala Sitharaman’s Madhubani Painting Saree सिर्फ एक साड़ी नहीं, बल्कि Bihar’s Art & Culture का प्रतिनिधित्व है। इस पहल से Mithila Art & Handicrafts को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय कलाकारों को आर्थिक मजबूती भी मिलेगी।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले वर्षों में अन्य मंत्री और नेता भी भारतीय हस्तशिल्प को प्रमोट करने के लिए इसी तरह के कदम उठाते हैं?

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