अलीगढ़ के स्कूल में जर्जर गेट गिरने से 8 साल के अनुज की मौत, प्रशासन की लापरवाही उजागर, परिजनों में आक्रोश।
स्कूल की लापरवाही बनी मासूम की मौत की वजह
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। मंगलवार को अलीगढ़ के पिसावा थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव में एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में आठ साल के मासूम अनुज की मौत हो गई। मौत की वजह बनी स्कूल का जर्जर लोहे का गेट, जो अचानक गिर गया और बच्चे को बुरी तरह से कुचल दिया।
छुट्टी के वक्त अनुज अपने बड़े भाई कपिल के साथ स्कूल से बाहर निकल रहा था, तभी यह हादसा हुआ। लोहे का गेट बच्चे के ऊपर गिरते ही चीख-पुकार मच गई। बच्चे की हालत गंभीर थी और शरीर से काफी खून बहने लगा। आनन-फानन में स्कूल के शिक्षक उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इलाज के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप – पहले ही ठीक कराते तो बच जाती जान
मृतक अनुज के पिता अनिल कुमार मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं। पहले ही उनके एक बेटे की दर्दनाक हादसे में मौत हो चुकी थी और अब अनुज के चले जाने से परिवार पूरी तरह से टूट गया है। परिजनों का कहना है कि स्कूल प्रशासन की यह बड़ी लापरवाही है, क्योंकि गेट काफी समय से जर्जर हालत में था। इसकी मरम्मत कराने के बजाय उसे बस एक रस्सी से बांध दिया गया था।
गांववालों और परिजनों ने इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते गेट की मरम्मत कर दी गई होती, तो मासूम की जान बच सकती थी।
स्कूल प्रशासन की चुप्पी, शिक्षा विभाग पर उठे सवाल
इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन की चुप्पी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। शिक्षा विभाग भी इस मामले में कोई ठोस जवाब नहीं दे रहा, जिससे ग्रामीणों और पीड़ित परिवार का गुस्सा और बढ़ गया है।
गांव के लोगों का कहना है कि स्कूल में कई और भी सुविधाओं की कमी है, लेकिन अधिकारी कभी सुध लेने नहीं आते। गेट की हालत देखकर ही समझा जा सकता है कि स्कूल प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है।
पुलिस जांच में खुलासा – रस्सी के सहारे टिका था गेट
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। शुरुआती जांच में सामने आया कि स्कूल का गेट बेहद कमजोर और जर्जर था। उसे बस एक रस्सी से बांधकर टिका दिया गया था। जब बच्चे स्कूल से बाहर निकल रहे थे, तभी अचानक वह गेट गिर पड़ा।
पुलिस ने स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा है और मामले की जांच जारी है। हालांकि, अभी तक इस लापरवाही के लिए किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
बच्चे की मौत से गांव में मातम, सरकार से इंसाफ की मांग
अनुज की मौत के बाद पूरा गांव शोक में डूब गया है। मां गुड़िया देवी अपने बेटे को खोने के गम में बेसुध हो गई हैं। वहीं, बड़े भाई कपिल और बहन पायल का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त नियम लागू किए जाएं।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों में लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता की पोल खोल दी है। सवाल यह है कि आखिर कब तक इस तरह की घटनाओं में मासूमों की जान जाती रहेगी? क्या शिक्षा विभाग इस घटना से कोई सबक लेगा या फिर ऐसी ही लापरवाहियों की भेंट चढ़ते रहेंगे मासूम छात्र?
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