सहारनपुर के युवक विवेक ने अपनी शादी में पंडित की जगह खुद मंत्र पढ़े। इस अनोखी शादी का वीडियो वायरल हो रहा है।
मंडप में खुद बने पुरोहित
विवेक की शादी हरिद्वार जिले के कुजा बहादुरपुर गांव में हुई। वरमाला की रस्म के बाद, विवेक ने लड़की वालों को यह कहते हुए चौंका दिया कि शादी के सभी मंत्र और विधियां वह खुद पूरी करेंगे। पहले तो मेहमान और लड़की पक्ष के लोग हैरान रह गए, लेकिन बाद में उन्होंने विवेक की बात मान ली। इसके बाद मंडप में माइक का इंतजाम किया गया, और विवेक ने पुरोहित की भूमिका निभाते हुए पूरे विधि-विधान के साथ अपनी शादी करवाई।
विवेक की शिक्षा और सनातन धर्म से लगाव
विवेक ने हरिद्वार स्थित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से बी फार्मा की पढ़ाई की है। पढ़ाई के दौरान ही उन्हें सनातन धर्म और वैदिक परंपराओं में गहरी रुचि हो गई। विवेक ने बताया कि वह वैदिक मंत्रों और धार्मिक अनुष्ठानों के प्रति अपनी आस्था को मजबूत करने के लिए कई वर्षों से अध्ययन कर रहे हैं।
अनोखी शादी का वीडियो हुआ वायरल
विवेक के इस अनोखे कदम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि विवेक मंडप में दुल्हन के सामने माइक पर खड़े होकर मंत्र पढ़ रहे हैं। इस दौरान विवाह में आए मेहमान मंत्रोच्चारण सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए।
रिश्तेदार और मेहमानों की प्रतिक्रियाएं
विवेक के इस कदम पर मेहमानों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही। जहां कुछ लोग इसे परंपराओं के खिलाफ मान रहे थे, वहीं अधिकांश लोग उनके ज्ञान और आत्मविश्वास से प्रभावित हुए। दुल्हन पक्ष के लोगों ने भी विवेक की तारीफ की और इसे यादगार शादी बताया।
विवेक की शादी ने क्यों बटोरी सुर्खियां?
विवेक का कहना है कि उन्होंने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए यह निर्णय लिया। उनका उद्देश्य था कि वह शादी के पारंपरिक रीति-रिवाजों को अपनी समझ और तरीके से निभाएं। विवेक के अनुसार, यह उनकी व्यक्तिगत आस्था और धार्मिक ज्ञान का प्रदर्शन था, जिसे उन्होंने अपनी शादी के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया।
विवेक की शादी बनी चर्चा का विषय
इस शादी की चर्चा सिर्फ हरिद्वार और सहारनपुर तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों में भी यह वायरल हो गई। सोशल मीडिया पर विवेक की इस पहल की खूब सराहना हो रही है। लोग इसे आधुनिकता और परंपरा का अनूठा संगम बता रहे हैं।
इस अनोखी शादी के पीछे क्या है संदेश?
विवेक ने अपने कदम से यह संदेश देने की कोशिश की कि अगर व्यक्ति में आत्मविश्वास और ज्ञान हो, तो वह अपनी परंपराओं को खुद निभा सकता है। उनका मानना है कि वैदिक परंपराएं सिर्फ पुरोहितों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हर व्यक्ति इन्हें समझ और अपनाकर जीवन में उतार सकता है।
विवेक कुमार की शादी उन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकती है, जो अपनी परंपराओं को जानने और निभाने के लिए इच्छुक हैं। उनकी यह शादी न केवल चर्चा का विषय बनी, बल्कि सनातन धर्म की महिमा को भी नई ऊंचाई तक पहुंचाया।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।