पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के 76वें जन्मोत्सव पर शचीपुरम में सुंदरकांड पाठ व सोहर गीतों के साथ हुआ भव्य आयोजन।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
जौनपुर (सुजानगंज)।
पद्म विभूषण से सम्मानित, जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का 76वां जन्मोत्सव मंगलवार को उनके पैतृक गांव शचीपुरम (पूर्व में साड़ी खुर्द) में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मिश्र परिवार ने सुंदरकांड पाठ और पारंपरिक सोहर गीतों का आयोजन किया। परम् पूज्य गुरुदेव के अनुज ओमप्रकाश मिश्र और परिवार के अन्य सदस्यों ने इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाई।
जन्मोत्सव का भव्य आयोजन
14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में पारंपरिक गीतों की गूंज और भक्तिमय वातावरण ने पूरे गांव को उत्सवमय बना दिया। महिलाओं ने सोहर गीत गाकर गुरुदेव जी को बधाई दी। आपको बताते चलें कि गुरुदेव को सोहर गीत सुनना बेहद प्रिय है।
सुजानगंज का यह आयोजन उनके बचपन की स्मृतियों को ताजा करने वाला था। गुरुदेव के छोटे भाई पंडित चंद्रकांत मणि मिश्र ने बताया कि गुरुदेव बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो एक बार सुन लेते हैं, उसे जीवन भर याद रखते हैं।
विश्वविख्यात संत और शिक्षाविद
जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने अब तक 250 से अधिक धार्मिक ग्रंथों का लेखन किया है। उनके द्वारा लिखे गए ग्रंथ सनातन धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उनकी अलौकिक विद्या और मेधा शक्ति का गुणगान करते हुए परिवार के बुजुर्ग पंडित ब्रह्मदेव मिश्र ने बताया कि उनका बचपन से ही अध्ययन के प्रति गहरा झुकाव था।
उनके बड़े भाई रमापति मिश्र ने कहा, "गुरुदेव जी प्रतिदिन सुबह 3 बजे बरम बाबा मंदिर के पास टहलते हुए पढ़ाई करते थे। बचपन में उनका नाम गिरिधर लाल मिश्र था, लेकिन अपनी अद्भुत उपलब्धियों के कारण वे पद्म विभूषण और जगद्गुरु की उपाधि से विभूषित हुए।"
शचीपुरम बना आस्था का केंद्र
गुरुदेव के प्रयासों और योगदान को देखते हुए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके पैतृक गांव साड़ी खुर्द का नाम बदलकर 'शचीपुरम' कर दिया है। यह नाम उनकी दिवंगत माता शची मिश्रा के सम्मान में रखा गया है।
परिवार और समाज का सहयोग
आयोजन में ओमप्रकाश मिश्र, अरविंद मिश्र, आशीष कुमार, आनंद मिश्र, एस पी मिश्र, लोकेश मिश्र, राम सिंह और मुकुंद सिंह सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए। सभी ने गुरुदेव जी को उनके जन्मदिवस पर बधाई दी और उनके दीर्घायु होने की कामना की।
गुरुदेव का योगदान
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज न केवल एक संत हैं, बल्कि एक शिक्षाविद और समाज सुधारक भी हैं। उन्होंने अनेकों धार्मिक और साहित्यिक उपलब्धियों से भारत का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। उनके जन्मोत्सव पर हुए इस भव्य आयोजन ने गांव के साथ-साथ पूरे क्षेत्र को धार्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया।
गुरुदेव जी का यह जन्मोत्सव उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की गाथा को याद दिलाने वाला था। उनके अनुयायियों और परिवार के सदस्यों ने इस दिन को उनके आशीर्वाद और प्रेरणा के रूप में देखा। यह आयोजन भविष्य में उनके कार्यों और आदर्शों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता रहेगा।
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