सुल्तानपुर में अस्पताल का गजब कारनामा: फ्रैक्चर बाएं पैर में था, डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया दाएं का!



सुल्तानपुर में डॉक्टर की लापरवाही, फ्रैक्चर बाएं पैर में था, ऑपरेशन दाएं पैर का हुआ। परिजन स्तब्ध, अस्पताल जांच के घेरे में।

सुल्तानपुर में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, ऑपरेशन में हुई गंभीर गलती
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में चिकित्सा जगत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। जिले के एक नामी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही के चलते वृद्ध महिला के टूटे हुए पैर का सही ऑपरेशन करने के बजाय दूसरे पैर का ऑपरेशन कर दिया गया।

यह घटना प्रतापगढ़ जिले के कन्हई थाना क्षेत्र की रहने वाली 62 वर्षीय भुईला देवी के साथ हुई, जिन्हें बाएं पैर में चोट लगने के बाद इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक्स-रे रिपोर्ट में उनके बाएं पैर में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई थी, जिसके चलते डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी थी।

ऑपरेशन के बाद परिजनों को लगा झटका
भुईला देवी का ऑपरेशन पूरा होने के बाद जब उन्हें ऑपरेशन थिएटर से बाहर लाया गया, तो परिजनों ने देखा कि जिस पैर में चोट थी, वह जस का तस था, जबकि दूसरे पैर पर पट्टियां बंधी हुई थीं। यह देखकर परिजनों के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन से जवाब तलब किया।

अस्पताल प्रशासन ने दी सफाई
अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि ऑपरेशन के दौरान गलती हो गई। अस्पताल के मुताबिक, भुईला देवी के दाएं पैर में सूजन और खून जमा हो गया था, जिसे निकालने के लिए सर्जरी की गई। वहीं, बाएं पैर का ऑपरेशन बाद में किया गया। हालांकि, परिजनों ने इस सफाई को खारिज करते हुए अस्पताल की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।

डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग
घटना की खबर फैलने के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर पी.के. पांडेय मौके से गायब हो गए। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की जांच
सुल्तानपुर के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित की है। जांच में दोषी पाए जाने पर डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

अस्पतालों की लापरवाही पर उठे सवाल
इस घटना ने अस्पतालों में लापरवाही और मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ को उजागर किया है। ऐसे मामलों से न केवल मरीजों का विश्वास टूटता है, बल्कि चिकित्सा पेशे की साख पर भी सवाल उठते हैं।

भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अस्पतालों में सुरक्षा और मानकों का पालन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

भुईला देवी के साथ जो हुआ, वह केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे चिकित्सा तंत्र पर सवाल खड़ा करता है। मरीजों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि अस्पताल प्रशासन अपने कर्मचारियों और डॉक्टरों की जवाबदेही तय करे। इस घटना के बाद उम्मीद की जा रही है कि सख्त कदम उठाए जाएंगे और चिकित्सा क्षेत्र में सुधार लाया जाएगा।

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