बरेली में बारिश ने मचाई तबाही: जान-माल का संकट गहराया
बरेली में सोमवार को हुई मूसलाधार बारिश ने जिले को तहस-नहस कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा में चार लोगों की मौत हो गई और छह मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। लगातार हो रही बारिश ने जिले की नदियों में उफान ला दिया है, जिससे 94 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
प्रमुख घटनाएं:
- श्यामाचरन गौटिया और मुड़िया मुकर्रमपुर सहित 32 गांव: बहेड़ी तहसील में बाढ़ का सबसे अधिक असर।
- फरीदपुर के 26 गांव: पड़ेरा, कादरगंज, खलपुर, ढकनी, शहपुरा सहित 26 गांव जलमग्न।
- नवाबगंज के 24 गांव: अमीरनगर, बढ़ेपुरा, अब्दला सहित।
- मीरगंज के 12 गांव: धर्मपुरा, सुल्तानपुर, बफरी, गौसगंज सहित।
घटनास्थल की स्थिति:
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के पास भोजन-पानी का संकट खड़ा हो गया है। पशुचारे की भी भारी कमी हो गई है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य की तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन ग्रामीणों को अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए स्वयं ही संघर्ष करना पड़ रहा है।
मौतें और हादसे:
- सुमित (20): फरीदपुर के गांव बिशीपुर के निवासी, बहगुल नदी में डूबकर मौत।
- अतुल (14): बड़रा कासिमपुर गांव के निवासी, नहाते समय पुलिया में डूब गए।
- रविंद्र (38): जेड़ गांव के निवासी, तालाब में मछली पकड़ते समय डूबकर मौत।
- विकास (15): फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र के गांव खनी नवादा में गड्ढे में भरे पानी में डूबकर मौत।
नदियों का जलस्तर और कृषि भूमि पर असर:
एसडीओ अमित किशोर के अनुसार, किच्छा और कोसी नदी में छोड़े गए पानी और रामगंगा के बढ़े जलस्तर से तटीय क्षेत्रों की कृषि भूमि प्रभावित हुई है। हालांकि, अभी विस्थापन की स्थिति नहीं बनी है। मंगलवार को रामगंगा का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है, जिससे प्रशासन द्वारा सतर्कता बरती जा रही है और ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।


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