उत्तर भारत में गर्मी का प्रकोप: 132 साल का रिकॉर्ड टूटा, मॉनसून से मिलेगी राहत




उत्तर भारत समेत देश भर में भीषण गर्मी का कहर जारी है। तापमान रोज नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लोग गर्मी से बचने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है। गाज़ीपुर, कौशाम्बी, जौनपुर, हमीरपुर और अमेठी जैसे जिलों में हीट स्ट्रोक से कई लोगों की मौत हो चुकी है।

भीषण गर्मी के कारण:
झांसी में मई महीने में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था, जो 132 सालों में पहली बार हुआ। गर्मी से बचने के लिए लोग घरों में रहने को मजबूर हैं, लेकिन बिजली की कटौती ने स्थिति और बिगाड़ दी है। प्रदेश के कई हिस्सों में लोग पंखे और कूलर के बिना जीने को मजबूर हैं।

मॉनसून की उम्मीदें:
मौसम विभाग ने बड़ी खुशखबरी दी है कि केरल में 31 मई या 1 जून को मॉनसून की एंट्री हो जाएगी। इसके बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में मॉनसून दस्तक देगा। मौसम विभाग के अनुसार, 20 जून को दक्षिणी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मॉनसून पहुंचेगा। वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर और देवरिया में बारिश की संभावना है।

दूसरे चरण में मॉनसून:
मॉनसून का दूसरा चरण 25 जून को दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा, जिससे इटावा, हरदोई, बरेली और बदायूं में बारिश की संभावना है। 30 जून के आसपास दिल्ली-एनसीआर, नोएडा और गाजियाबाद में भी बारिश हो सकती है।

गर्मी से बचाव के उपाय:
लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे धूप में बाहर जाने से बचें और जितना संभव हो, घर के अंदर रहें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और ताजे फलों का सेवन करने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपको लू के लक्षण महसूस हों तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

प्रशासन की तैयारियां:
प्रशासन ने अस्पतालों में विशेष वार्ड तैयार किए हैं और हीट स्ट्रोक के मरीजों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की है। साथ ही, गांवों और शहरों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है ताकि लोग डिहाइड्रेशन का शिकार न हों।

लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही मॉनसून की बारिश से गर्मी से राहत मिलेगी और जनजीवन सामान्य हो सकेगा।

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